Showman Raj Kapoor: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के शोमैन के तौर पर पहचाने जाने वाले राज कपूर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वजह है उनका बंगला. दरअसल राजकपूर के स्टूडियो के बाद उनका बंगला भी बिक गया है. गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड ने उनका चेंबूर स्थित बंगला खरीदा है. इसी बंगले में ऋषि और नीतू कपूर की शादी हुई थी. यहां पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को विकसित किया जाएगा. बहरहाल राजकपूर अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनका काम और नाम अब भी देश और दुनिया में बड़े अदब से लिया जाता है. वजह है फिल्मी जगत में उनका अहम योगदान. अपने ही पिता के स्टूडियो में बतौर झाड़ूवाले का काम करने से लेकर बॉलीवुड के शोमैन बनने तक उनका सफर यादगार रहा है. आइए जानते हैं हर दिल पर राज करने वाले शोमैन की जिंदगी से जुड़ी अहम बातें.
राज कपूर की अदाकारी किसी के प्रमाणपत्र की मोहताज नहीं रही. एक छोटे से काम से उन्होंने अपना सफर शुरू किया और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी अदाकारी और समझदारी से उन्होंने हिंदी सिनेमा का सिलेबस ही बदलकर रख दिया. फिल्मों में बोल्डनेस की बात हो या सामाजिक मुद्दों से लोगों की आंखों पर पड़े अंधविश्वास से पर्दे को हटाना उन्होंने बखूबी अपने हुनर का इस्तेमाल किया और करोड़ों दिलों पर राज करने लगे.
जब गूंजी पेशावर के ढक्की मुनव्वर शाह में किलकारी
पाकिस्तान जो उस वक्त हिंदुस्तान का ही हिस्सा हुआ करता था. यहां के पेशावर स्थित ढक्की मुनव्वर शाह इलाके में 14 दिसंबर को 1924 को एक हिंदू पंजाब परिवार में किलकारी गूंजी. उस वक्त किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था. ये मासूम किलकारियां आगे चलकर करोड़ों लोगों को ना सिर्फ हंसाएंगी बल्कि रुलाएंगी और मनोरंजन भी करेंगी.
6 भाई बहन थे राज कपूर
ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि राज कपूर आपस में चार भाई-बहन थे. लेकिन ऐसा नहीं है. राजकपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर की कुल 6 संतानें थीं. हालांकि दो बच्चों की बचपन में ही मौत हो गई थी. जबकि ये दोनों बच्चे राज कपूर के बाद जन्मे थे. इनके बाद फिर शमी कपूर, शशि कपूर और एक बहन उर्मिला थी.
राज कपूर से जुड़े कुछ फैक्ट्स
- 1930 में राज कपूर परिवार के साथ हिंदुस्तान चले आए
- 05 वर्ष की उम्र में ही राजकपूर ने अभिनय करना शुरू कर दिया, उन्होंने मृच्छकटिक नाम के नाटक में अभिनय किया.
- 10 वर्ष की उम्र में पहली बार पर्दे पर नजर आए. उन्होंने फिल्म इंकलाब में अभिनय किया. फिल्म 1935 में रिलीज हुई
- 01 रुपए वेतन पर अपने ही पिता के स्टूडियो में झाड़ू लगाने का काम करते थे राज कपूर
- 1947 में पिता को फिल्मों में सहायक के तौर पर मदद करने लगे
- 201 रुपए सहायक के तौर पर मिलने लगी थी सैलरी
- 1949 में राज कपूर ने महबूब खान की फिल्म अंदाज में काम किया
- 1953 में की आर के स्टूडियो की शुरुआत
- 1953 में ही राज कपूर ने आरके स्टूडियो के बैनर तले पहली फिल्म 'आह' बनाई
दिलचस्प है पहली फिल्म मिलने की कहानी
राजकपूर की प्रतिभा पर उनके पिता पृथ्वीराज को ज्यादा भरोसा नहीं था. यही वजह है कि वे उन्हें सिर्फ सहायक तक की भूमिका में ही सीमित रखते थे. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. राज कपूर ने की प्रतिभा को पहचाना केदान शर्मा ने. दरअसल पृथ्वीराज कपूर ने ही राजकपूर को केदार शर्मा के सेट पर क्लेपर बॉय का काम करने को कहा था.
भरी महफिल में राज कपूर को पड़ा जोरदार तमाचा
केदार शर्मा उन दिनों फिल्म विषकन्या बना रहे थे. इस फिल्म की शूटिंग पर जाने में एक दिन राजकपूर लेट हो गए. इस वजह से सीन भी रुका हुआ था. राज कपूर रोजाना अपनी आदत के मुताबिक जैसे ही स्टूडियो में दाखिल हुए पहले शीशे में अपने शक्ल देखी और फिर बालों पर हाथ फेरते हुए शूटिंग स्थल पर पहुंचे. गुस्साए केदार शर्मा ने उन्हें सबके सामने जोरदरा तमाचा जड़ दिया. चारों तरफ सन्नाटा छा गया, राज कपूर ने एक शब्द नहीं कहा.
फूट-फूट कर रोने लगा शोमैन
अगले दिन केदार शर्मा को अफसोस हुआ और उन्होंने राज कपूर के पास जाकर उन्हें अपनी अगली फिल्म नीलकमल में बतौर हीरो लेने की पेशकश की. डायरेक्टर के इस ऑफर को सुनते ही राजकपूर फूट-फूट कर रोने लगे. हिंदी फिल्मों का शोमैन उस दिन किसी बच्चे की तरह रोने लगा मानो उसके अपनी मंजिर का रास्ता मिल गया हो.
राज कपूर से परेशान थे लंदन के होटल वाले
राज कपूर के साथ कई रोचक किस्से जुड़े हैं. इन्हीं किस्सों में से एक किस्सा है लंदन के होटलों का. दरअसल लंदन के होटल वाले राज कपूर की एक आदत की वजह से काफी परेशान थे. राज कपूर की आदत के बारे में उनकी बेटी रितु नंदा ने एक साक्षात्कार में बताया था कि, राज कपूर को होटल के बिस्तर पर नींद नहीं आती थी. एक बार वे लंदन के फेमस होटल हिल्टन में रुके. रात में सोने के लिए उन्होंने गद्दे को जमीन पर रखा और सो गए. राज कपूर खाना भी होटल के कमरे ही मंगाते थे.
जब खाना लेकर वेटर उनके कमरे में पहुंचा तो दंग रह गया. उसने इस बात की जानकारी होटल मैनेजर को दी. मैनेजर के बोलने के बाद भी पांच दिन तक राज कपूर ऐसे ही जमीन पर गद्दा बिछा कर सोते रहे. आखिरकार होटल प्रबंधन ने परेशान होकर उन पर जुर्माना लगा दिया.
आशिक मिजाज थे राज कपूर
राज कपूर मंझे हुए कलाकार और निर्माता निर्देश तो थे ही साथ ही वे आशिक मिजाज भी थे. उनकी शादी भी फिल्मी अंदाज में हुई थी. दरअसल पिता के साथ एक नाटक कंपनी में वे रीवा गए थे. कार्यक्रम उस दौरान आईजी करतार नाथ मल्होत्रा के यहां था. यहां एक नजर में ही राज कपूर को आईजी की बेटी भा गई और पिता से कहकर उन्होंने कृष्णा से शादी कर ली. हालांकि शादी के बाद भी उनका दिल नगरिस पर आ गया. बताया जाता है कि, जब नरगिस ने सुनील दत्त से शादी का फैसला किया तो राज कपूर को खूब रोए थे.
HIGHLIGHTS
- आर के स्टूडियो के बाद राज कपूर का बंगला भी बिका
- इसी बंगले में हुई थी ऋषि और नीतू कपूर की शादी
- गोदरेज ने ही खरीदा है राज कपूर का बंगला
Source : News Nation Bureau