दिल्ली में एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच झगड़ा बढ़ता दिख रहा है. दरअसल,आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल के बीच पहली बार यह नौबत नहीं आई है. सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उप राज्यपाल के बीच विवाद होते रहे हैं. इससे पहले पूर्व उप-राज्यपाल नजीब जंग से भी आप और केजरीवाल की तकरार होती रही. दरअसल, यह विवाद दिल्ली के उप-राज्यपाल और केजरीवाल के बीच नहीं बल्कि यह विवाद केजरीवाल सरकार और भाजपा के बीच है.
अब दिल्ली में एक बार फिर से केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल आमने-सामने हैं. पहले उप-राजयपाल ने सीएम केजरीवाल को सिंगापुर जाने की मंजूरी नहीं दी. इसके बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित खामियों और अनियमितताओं को लेकर सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को सक्सेना के साथ पूर्व निर्धारित एक साप्ताहिक बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे.
ताजा विवाद दिल्ली सरकार के वन महोत्सव के समापन कार्यक्रम को लेकर हुआ. समापन कार्यक्रम का सीएम केजरीवाल और उनके मंत्री गोपाल राय ने बहिष्कार कर दिया. गोपाल राय ने इस फैसले की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के इस कार्यक्रम को जबरन बीजेपी का कार्यक्रम बनाया गया.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर बीती रात वनमहोत्सव स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले बैनर लगाए. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने स्टेज कब्जे में ले लिया और कार्यक्रम के बैनर की जगह मोदी जी की फ़ोटो वाला बैनर लगाया गया और कहा कि इसको हटाया तो कार्रवाई होगी.उन्होंने इस कार्यक्रम के बहिष्कार की जानकारी देते हुए बताया.’
11 जुलाई से वन महोत्सव की शुरुआत की थी और वृक्षारोपण शुरू किया. आज कार्यक्रम का समापन समारोह है, इसमें मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल को शामिल होना था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार के आयोजन में कल रात पीएम कार्यालय के निर्देश पर पुलिस भेजी गई और पंडाल और मंच को पुलिस ने कब्जे में लिया. कार्यक्रम के मंच पर बैनर लगना था उसे हटाकर मोदी जी के पोस्टर के साथ बैनर लगाया गया.’
गोपाल राय ने साथ ही कहा, ‘हमें सूचना मिली कि अरविंद केजरीवाल के होर्डिंग और बैनर को फाड़कर फेंका जा रहा है. ये समझ से परे है कि आखिर पीएमओ कार्यालय मोदीजी के पोस्टर लगाकर क्या संदेश देना चाहता है. पुलिस का काम सुरक्षा देना है न की मोदीजी का बैनर लगाना है.’ उन्होंने कहा कि सरकारी प्रोग्राम को भाजपा का प्रोग्राम बना दिया गया, इसलिए सीएम और मंत्री इसमें शामिल नहीं होंगे.
मोदी पर क्यों हमलावर हो रहे हैं केजरीवाल
एक समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कायर और मनोरोगी बताने वाले अरविंद केजरीवाल लंबे समय से उन पर सीधा हमला करने से बच रहे थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि सीधे मोदी पर हमला करना फायदेमंद नहीं है क्योंकि इससे हिंदुत्ववादी मतदाता नाराज होते हैं.सो, भाजपा सरकार पर हमला करते हुए भी वे मोदी पर निशाना नहीं साधते थे.परंतु अब उनको अपना रूख बदना पड़ा है.अब वे फिर से सीधे मोदी पर हमला करने लगे हैं.
केजरीवाल अब ऐसे मुद्दों पर हमला कर रहे हैं, जो अब तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही उठाते रहे हैं. हाल ही में केजरीवाल ने दो बहुत संवेदनशील मुद्दों पर मोदी के खिलाफ हमला किया. प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति में 'रेवड़ी कल्चर’समाप्त करने की बात कही तो सबसे ज्यादा केजरीवाल बिफरे.हालांकि मोदी का इशारा सिर्फ उन्हीं की ओर नहीं था लेकिन उन्होंने मोदी बनाम केजरीवाल का मुद्दा बनाने के लिए इसे अपने ऊपर लिया और प्रेस कांफ्रेन्स की. उसमें केजरीवाल ने कहा कि आम लोगों को सुविधाएं देना रेवड़ी नहीं है बल्कि बड़े उद्योगपतियो के कर्ज माफ करना रेवड़ी बांटना है.
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इससे आगे बढ़ कर उन्होंने श्रीलंका में अडानी समूह को विंड पावर का प्रोजेक्ट दिलाने में पैरवी करने का बेहद गंभीर मुद्दा उठाया और कहा कि विदेशी सरकारों पर दबाव डाल कर अपने दोस्तों को ठेका दिलाना रेवड़ी बांटना है. कुल मिलाकर साफ हो गया है कि केजरीवाल एक बार फिर मोदी से टकराव बढ़ा रहे हैं, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव में उनको अपनी दावेदारी पेश करनी है.
HIGHLIGHTS
- केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल आमने-सामने हैं
- पीएमओ ने मंच पर मोदीजी का पोस्टर लगाया
- सीएम केजरीवाल और दिल्ली के उप राज्यपाल के बीच विवाद होते रहे हैं