गुरुवार को देश के कई हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) के कारण इस साल रामनवमी (Ramnavmi) पर धार्मिक समारोह फिर से धूमिल हो गए. हिंसा की इन घटनाओं से राम जन्मोत्सव उत्सव में बाधा उत्पन्न हुई. कई राज्यों में धार्मिक जुलूसों (Religious Processions) के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 22 लोग घायल हो गए, जबकि कम से कम 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सांप्रदायिक हिंसा की ये घटनाएं मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल (West Bengal), महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार (Bihar), मध्य प्रदेश और कर्नाटक (Karnataka) राज्यों से रिपोर्ट की गई थीं. इधर बिहार के मुंगेर में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि जब जुलूस हजरतगंज मोहल्ला इलाके में घुसा तो कुछ आपत्तिजनक शब्द बोले गए. महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद में बुधवार को राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर हुए विवाद के बाद कम से कम सात लोगों को हिरासत में लिया गया और 500 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस दल पर हमला किया गया और उनके कई वाहनों को आग लगा दी गई. वर्षों से धार्मिक आयोजन बार-बार देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आधार बनते रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में देश ने रामनवमी और हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के धार्मिक जुलूसों के दौरान और बाद में नौ राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा देखीं. ऐसे में भारत में हाल के कुछ सांप्रदायिक संघर्षों और धार्मिक त्योहारों के दौरान हिंसा की घटनाओं पर नजर डालते हैं.
त्योहारों के दौरान हिंसा
रामनवमी 2022: पिछले साल रामनवमी समारोह के दौरान या बाद चार राज्यों में सामने आई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई घरों या दुकानों में आग लगा दी गई. मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा तब शुरू हुई जब मुस्लिम समुदाय ने जुलूस में संगीत बजा रहे डीजे पर कथित तौर पर आपत्ति जताई. इसके बाद शहर में कई जगहों पर पथराव और आगजनी हुई, जिसमें खरगोन के पुलिस अधीक्षक सहित कई लोग घायल हो गए. रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिमी राज्य गुजरात के दो शहरों क्रमशः हिम्मतनगर और खंभात में भी झड़पें हुईं. खंभात में झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के जुलूस पर हुए हमले में कई लोग घायल हो गए. झारखंड के बांकुड़ा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार की कार पर कथित तौर पर हमला हुआ.
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हनुमान जयंती 2022: पुलिस ने 18 अप्रैल 2022 को हनुमान जयंती के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई एक पथराव की घटना के सिलसिले में 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 11 को गिरफ्तार किया था. गढ़वाल (रेंज) में हनुमान जयंती के अवसर पर एक जुलूस गांव के एक मुस्लिम बहुल हिस्से को पार कर रहा था, तभी पथराव की घटना हुई. इसके बाद हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए.
गणेश चतुर्थी 2022: गणेश चतुर्थी समारोह से पहले 29 अगस्त की रात को गुजरात के वड़ोदरा के मांडवी इलाके से एक सांप्रदायिक झड़प की सूचना मिली. इस घटना के संबंध में पुलिस ने कम से कम 13 लोगों को हिरासत में लिया है और बार-बार होने वाली घटनाओं से बचने के लिए गश्त बढ़ा दी गई.
दिवाली 2022: नवरात्रि के बाद गुजरात के वड़ोदरा में दिवाली भी ज्यादा शांतिपूर्ण नहीं रही. शहर के पानीगेट इलाके में आधी रात को पटाखे फोड़ने को लेकर शुरू हुई मारपीट दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में बदल गई. पुलिस ने मामले से जुड़े कम से कम 19 लोगों को हिरासत में लिया है. हिंसा के दौरान दंगाईयों ने पुलिस पर पेट्रोल बम भी फेंका.
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लक्ष्मी पूजा 2022: पिछले साल लक्ष्मी पूजा के अवसर पर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दो समुदायों के बीच हुई झड़प में कम से कम 40 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेजा गया था. दक्षिण कोलकाता के इकबालपुर इलाके में हुई हिंसा को रोकने की कोशिश में दो आईपीएस अधिकारियों और एक सहायक उप-निरीक्षक सहित नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए.
होली 2023: इस साल होली से पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश हुई. त्योहार से दो दिन पहले दो समुदायों के लोगों के बीच एक बहस हिंसक हो गई थी. खबरों के मुताबिक जब एक समुदाय के लोग होलिका दहन के लिए चंदा जुटा रहे थे, तो दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं. इससे बहस छिड़ गई. स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर काबू पाया गया और दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
HIGHLIGHTS
- 2022 में भी रामनवमी और हनुमान जयंती पर कई अलग-अलग शहरों में हुई थी हिंसा
- इस साल भी रामनवमी के उत्साह पर अलग-अलग सांप्रदायिक झड़पों ने पानी फेर दिया
- वर्षों से धार्मिक आयोजन बार-बार देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने का आधार बन रहे