Russia-Ukraine War: रूस के खिलाफ यूक्रेन के मददगार अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों की धड़कनें आजकल बढ़ी हुई हैं. वजह है एक इंग्लिश वेबसाइट की एक रिपोर्ट, जिसके मुताबिक रूस ने समंदर के रास्ते नाटो (NATO) देशों के एक दो नहीं बल्कि 32 सैन्य ठिकानों पर कयामत बरपाने वाली तैयारी कर ली है. क्या है रूस की नौसेना का ‘न्यूक्लियर कोड 32’, जिससे नाटो देश टेंशन में आ गए हैं. इसके लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का प्लान कितना खतरनाक है?
पुतिन की नौसेना मचाएगी तबाही!
रूस के ‘न्यूक्लियर कोड 32’ के खुलासे ने यूक्रेन ही नहीं बल्कि अमेरिका से लेकर यूरोप के तमाम देशों में खलबली मचा दी है. रूस के इस कोड 32 के बारे में आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले जान लीजिए आखिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ((Vladimir Putin On Ukraine War) की नौसेना की तैयारी क्या है. उसके किन खौफनाक इरादों का खुलासा हुआ है, जिसके तहत पुतिन की नौसेना तबाही मचाएगी.
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रूस ने की परमाणु हमले की तैयारी!
दरअसल, रूस (Russia War News) ने नाटो के साथ युद्ध की स्थिति में यूरोप पर परमाणु हमले की तैयारी कर ली है, इसके लिए रूसी नौसेना को खास तौर पर परमाणु मिसाइल फायरिंग की ट्रेनिंग भी दी गई है. यह खुलासा एक इंग्लिश वेबसाइट की रिपोर्ट में किया गया है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस ने यूरोप में नाटो देशों के सैन्य ठिकानों पर परमाणु-सक्षम मिसाइलों से हमले की तैयारी कर ली है.
इस रिपोर्ट में गुप्त फाइलों का हवाला दिया गया है, जो इस बात को दर्शाती हैं कि रूस ने अपनी नौसेना को नाटो के साथ संभावित संघर्ष की स्थिति में यूरोप के अंदर गहरे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए प्रशिक्षित किया है. रूस ने 2008 और 2014 के बीच अपनी नौसेना के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की थी, जिसमें पश्चिमी यूरोप के महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर परमाणु-सक्षम मिसाइलों से हमला करने की रणनीति बनाई गई थी.
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रूस के निशाने पर NATO के सैन्य अड्डे
अब यूक्रेन के साथ चल रही जंग के बीच रूस ने उसी योजना पर अमल की तैयारी में है. रिपोर्ट के अनुसार, रूस की नौसेना ने परमाणु हमले के लिए फ्रांस के पश्चिमी तट का चुना है. ब्रिटेन के बैरो-इन-फर्नेस जैसे दूर के लक्ष्यों को भी निशाने पर रखा गया है. यूरोप में स्थित नाटो के 32 सैन्य अड्डों को दर्शाया गया है, जिन पर हमले की तैयारी है.
यह पूरे यूरोप मे मैप किए गए लक्ष्यों का एक छोटा सा हिस्सा ही है. रूस की तैयारी इससे कई गुना बड़ी है. रूस के तय किए गए लक्ष्यों में सैन्य ठिकानों के साथ-साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे भी शामिल हैं, जिन पर वो हमला कर सकता है. दस्तावेजों में यह भी लिखा है कि रूस अपने युद्धपोतों पर परमाणु हथियार तैनात कर सकता है. रूस की नौसेना नाटो के ठिकानों पर पारंपरिक या सामरिक परमाणु वारहेड वाली मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकती है.
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होगी वर्ल्ड वॉर की शुरुआत?
जाहिर है अगर ऐसा हुआ तो तबाही का ऐसा दौर शुरू हो सकता है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. रूस का ये कदम दुनिया को वर्ल्ड वॉर की ओर धकेल सकता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस की इस योजना से नाटो और पश्चिमी यूरोप के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. रूस की यह रणनीति नाटो के आकलन के अनुरूप है, जो पहले से ही रूस की ओर से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना पर चिंता जता रहे हैं.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही यूरोपीय देशों को चेतावनी दे चुके हैं कि उन्हें रूस की शक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए. रूस खुद पर मंडराते किसी भी बड़े खतरे से निपटने के लिए अपने सभी साधनों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाएगा.
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