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Russia ने यूक्रेन के शहरी इलाकों को मिसाइल से बनाया निशाना, क्या होगा आगे

रूसी सेना ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर मिसाइलों की झड़ी लगा दी. रूसी मिसाइलों के निशाने पर पश्चिम के ल्वीव, खार्कीव, त्रेनोपिल, ख्मेलनाइत्स्की, जाइटॉमीर और क्रोपिव्नित्स्की शहर रहे.

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Nihar Saxena
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फऱवरी से शुरू युद्ध में रूस का यूक्रेन के शहरों पर सबसे बड़ा हमला.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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बीते कई हफ्तों से लगातार झटके झेलने के बाद रूस (Russia) ने सोमवार को यूक्रेन (Ukraine) के कई शहरों में बमबारी की. रूसी हमले के निशाने पर इस बार रिहायशी इलाके समेत बुनियादी ढांचे थे. माना जा रहा है कि 9 अक्टूबर को रूस-क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल पर हमले के बाद रूसी सेना ने बदले की यह कार्रवाई की है. हालांकि यूक्रेन ने पुल पर हुए हमले की आधिकारिक तौर पर कोई जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने इसे 'आतंकी हमला' बताया. इस बीच सोमवार को यूक्रेन के शहरों पर हमले के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पुतिन को 'आतंकवादी' बताया, जो मिसाइल (Missiles) से बात करना ही जानता है. यूक्रेन के कई शहरों पर हमले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) और तेज हो सकता है. जानते हैं सोमवार को क्या हुआ और इसके बाद आगे क्या होगा...

क्या हुआ सोमवार को
रूसी सेना ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर मिसाइलों की झड़ी लगा दी. रूसी मिसाइलों के निशाने पर पश्चिम के ल्वीव, खार्कीव, त्रेनोपिल, ख्मेलनाइत्स्की, जाइटॉमीर और क्रोपिव्नित्स्की शहर रहे. फरवरी में रूस की ओर से शुरू किए गए युद्ध में सोमवार को हुआ यह अब तक सबसे बड़ा मिसाइल हमला है. खासकर जब पूर्वी यूक्रेन के निवासी रूसी बमों और मिसाइलों से बचने के लिए ल्वीव शहर में शरण लिए हुए थे. रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक कीव में व्यस्त रहने वाले सिटी सेंटर पर रूस की मिसाइल गिरी, जिसमें 6 लोग मारे गए और दर्जन भर से अधिक घायल हुए. शहरों पर हुए मिसाइल हमले में नागरिक ठिकाने निशाने पर रहे. तमाम अपार्टमेंट्स को नुकसान पहुंचा है. हमलों के बाद पानी और बिजली की आपूर्ति रोक दी गई है. रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन के पश्चिमी शहर जाइटोमीर, यूक्रेन के मध्य  शहरों में शुमार क्रेमनचुक और दिप्रो और दक्षिण के शहर जेपोरीझिया को निशाना बनाया गया. ल्वीव में पॉवर प्लांट्स को बर्बाद कर दिया गया.

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यूक्रेन ने क्या दी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने टेलीग्राम एप पर कहा, 'यूक्रेन के कई शहरों पर 75 से अधिक रूसी मिसाइलें गिरी. वे हमें नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं और हमें पृथ्वी से मिटा देना चाहते हैं. पूरे यूक्रेन में हवाई हमले के सायरन बंद होने का नाम नहीं ले रहे. मिसाइलें मार रही हैं. दुर्भाग्य से मृत और घायल बड़ी संख्या में हैं.' यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो ने ट्वीट किया, 'पुतिन की एकमात्र रणनीति शांतिपूर्ण यूक्रेनी शहरों में आतंक फैलाना है, लेकिन वह यूक्रेन और उसके लोगों को तोड़ नहीं सकेंगे. पुतिन एक आतंकवादी है जो मिसाइलों से बात करता है.' कीव के मेयर विटाली क्लिटस्को ने सोशल मीडिया पर कहा, 'राजधानी पर रूसी आतंकवादियों का हमला हुआ है! रूसी मिसाइलों ने सिटी सेंटर को निशाना बनाया है. हवाई हमले की पूर्वसूचना देने वाले सायरन लगातार बज रहे हैं. कीव समेत यूक्रेन के तमाम शहरों पर खतरा बरकरार है.'

रूस हमलों को तेज क्यों कर रहा है
यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइल हमले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा परिषद संग बैठक से कुछ घंटे पहले हुए. गौरतलब है कि रूस को युद्ध के मैदान में झटके पर झटकों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे देश के भीतर सैन्य नेतृत्व की आलोचना हो रही है. क्रीमिया पुल पर हुए हमले ने उसकी और किरकिरी कराने का काम किया है. रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने सोमवार को कहा कि रूस पुल पर हमले के जिम्मेदार 'आतंकवादी' को मार कर ही दम लेगा. तास समाचार एजेंसी के मुताबिक उन्होंने कहा, 'रूस इस अपराध का जवाब सीधे-सीधे आतंकवादियों को मार कर ही दे सकता है, जैसा कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रिवाज है. रूसी नागरिक भी हमसे यही उम्मीद करते हैं.'

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आखिर रूस के लिए क्यों महत्वपूर्ण है पुल
केर्च जलडमरूमध्य पर 19-किमी लंबा क्रीमिया ब्रिज रूस के परिवहन नेटवर्क और क्रीमिया प्रायद्वीप के बीच एकमात्र सीधा लिंक है, जिसे मॉस्को ने 2014 में यूक्रेन से अलग कर लिया था. पुल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक प्रमुख परियोजना थी, जिन्होंने 2018 में एक ट्रक चलाकर इसे बड़ी धूमधाम से सड़क यातायात के लिए खोला था. क्रीमिया को ईंधन, भोजन और अन्य उत्पादों की आपूर्ति के लिए पुल महत्वपूर्ण है. यही नहीं, क्रीमिया का सेवस्तोपोल बंदरगाह रूस के काला सागर बेड़े का ऐतिहासिक घरेलू बेस है. 24 फरवरी को मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यही पुल रूसी सेनाओं के लिए एक प्रमुख आपूर्ति मार्ग बन कर उभरा था. रूस  क्रीमिया से इसी के जरिये दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र और आसपास के जेपोरिझिया प्रांत पर कब्जा करने के लिए अपनी सेना भेज रहा था. 

भारत ने क्या दी यूक्रेनी हमलों पर प्रतिक्रिया
फिलवक्त ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ आगामी प्रस्ताव पर भारत के वोट पर स्थिति साफ करने से इंकार कर दिया. ऑस्ट्रलिया के विदश मंत्री पैनी वांग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, 'विवेक और नीति के मामले में हम अपने वोट की पहले से भविष्यवाणी नहीं करते हैं. इससे इतर हम शुरुआत से ही बेहद स्पष्ट रूप से यूक्रेन में संघर्ष के खिलाफ रहे हैं. हमारा मानना है कि यह संघर्ष किसी के हित में नहीं है. न ही प्रतिभागियों के और न ही वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के.' इधर भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम दोनों देशों से तत्काल शत्रुता छोड़ कूटनीति एवं संवाद के मार्ग पर लौटने की अपील करते हैं.  भारत स्थिति सामान्य बनाने की दिशा में ऐसे सभी प्रयासों का समर्थन करने को तैयार है.' इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन में आधारभूत ढांचे को निशाना बनाने और इस फेर में यूक्रेनी नागरिकों की मौत पर दुख भी जताया. 

HIGHLIGHTS

  • सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर रूसी मिसाइलों का हमला
  • 9 अक्टूबर को क्रीमिया और रूस को जोड़ने वाले पुल पर हमले के बाद हुई कार्रवाई
  • यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के मुताबिक सोमवार को रूस ने 75 मिसाइलें दागी

Source : News Nation Bureau

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