Russia Ukraine War: जिसका डर था, आखिरकार वही हुआ. यूक्रेन से युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सनसनीखेज ऐलान किया है. राष्ट्रपति पुतिन ने रूस की न्यूक्लियर पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. उन्होंने बताया कि वो कब और कैसे परमाणु हथियारों से हमला करेंगे. उनके इस फैसले से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है. पुतिन ने अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों को परमाणु धमकी दे दी है, जिसके बाद कई दोनों पर परमाणु तबाही का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर पुतिन को इतना बड़ा फैसला क्यों लेना पड़ा?
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पुतिन ने बदली न्यूक्लियर पॉलिसी
एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने रूस के परमाणु सिद्धांत को ही बदल लिया. उन्होंने एटमी हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े तमाम-कायदे कानूनों में जबरदस्त बदलाव कर दिया गया है. पुतिन के इस कदम के बाद यूक्रेन (War in Ukraine) ही नहीं बल्कि युद्ध में उसके सहयोगी अमेरिका सहित कई देश सन्न हैं. ऐसे में सवाल ये है कि तो क्या दुनिया पर मंडरा है परमाणु हमले का खतरा. अगर ऐसा होता है सर्वनाश हो जाएगा और चारों तरफ तबाही मच जाएगी. परमाणु हमला इतना खतरनाक होता है कि इस्तेमाल से महाविनाश होता है.
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पुतिन ने की हाई लेवल मीटिंग
25 सितंबर यानी बुधवार को क्रेमलिन में रूसी सिक्योरिटी काउंसिल की अहम बैठक हुई, जिसमें परमाणु सिद्धांत में बड़े बदलाव करने का ऐलान हुआ. जिसके तहत ये बताया गया कि रूस कब और कैसे एटमी हथियारों (Russian Nuclear Weapons) का इस्तेमाल कर सकता है. दावा किया जा रहा है कि न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में तीन बदलाव किए जा सकते हैं जिसके बाद रूस जब चाहे जैसे चाहे अपने एटमी हथियारों को वॉर जोन में झोंक सकता है ताकि कई मुल्कों का वजूद मिटा सके. एटमी तबाही से सिर्फ NATO को ही नहीं बल्कि अमेरिका तक को दहला सके.
…तो परमाणु हमला कर देंगे जवाब
सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि अगर ऐसे ही हवाई हमला जारी रहा तो रूस परमाणु हमला कर इसका करारा जवाब देगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई हमला रूस की संप्रभुता के लिए ‘गंभीर खतरा’ पैदा करता है और ये हमला किसी गैर-परमाणु शक्ति द्वारा ‘परमाणु शक्ति की भागीदारी या समर्थन’ से किया जाता है, तो इसे ‘रूसी संघ पर संयुक्त हमला’ माना जाएगा. पुतिन ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन संदेश साफ था कि अगर अमेरिका, फ्रांस या ब्रिटिश मिसाइलों का इस्तेमाल करके उसकी धरती पर यूक्रेन हमला रूस (Russia Ukraine) की संप्रभुता के लिए ‘गंभीर खतरा’ है, तो मॉस्को कीव के पश्चिमी सहयोगियों को भी हमलावर मानेगा.
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पुतिन ने क्यों लिया ये फैसला
एक रिपोर्ट के अनुसार, मीटिंग के दौरान पुतिन (Vladimir Putin Russia) ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को क्रूज मिसाइलों के इस्तेमाल करने की अनुमित दिए जाने पर चिंता जताई, जिसके बाद कहा कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन को रूस पर बमबारी करने के लिए ऐसे हथियार चलाने की इजाजत देता है तो यह सीधे रूस के साथ युद्ध जैसा होगा. मॉस्को को ऐसी स्थिति में सही निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. वहीं अभी तक रूस (Russia War News) का मौजूदा परमाणु सिद्धांत कहता है कि वह केवल तभी अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. जब उस पर परमाणु हमला होगा. एक तरफ भारत रूस यूक्रेन जंग को शांति से निपटाने की कोशिशों में लगा है. वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को उकसा रहे हैं और यही वजह है कि पुतिन ने इमरजेंसी बैठक बुलाई और एक बड़ा फैसला लिया.
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