Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन साल से चल रही जंग के चलते यूरोप बारूद की बारिश में झुलस रहा है. अमेरिकी और पश्चिमी देशों के खतरनाक हथियारों की मदद से यूक्रेन अब रूस की सीमा में अंदर घुसकर हमला कर रहा है, जिससे भड़के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमले की तैयारी में जुट गए हैं. रूस ने अमेरिका को परमाणु हमले की खुली धमकी दे दी है. बता दें कि रूस ने अमेरिका के साथ हुई न्यू स्टार्ट ट्रीटी से खुद को पहले ही अलग कर लिया है.
रूस की अमेरिका को एटमी धमकी
यूक्रेन अमेरिका और नाटो की मदद के बलबूते लगातार रूस में हमले कर रहा है. यूक्रेन रूस के इलाकों में भी कब्जा कर रहा है. इसी के चलते पुतिन भड़क गए हैं. रूस ने कहा है कि अगर युद्ध में उसकी हार दिखती है, तो वो अपने परमाणु हथियारों को भी इस्तेमाल कर सकता है. बीते कुछ समय में रूसी सेना ने बेलारूस बॉर्डर पर की बार टैक्टिल न्यूक्लियर वेपन से ड्रिल भी की है, जो इस बात का संकेत है कि पुतिन परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात सिर्फ कह नहीं रहे बल्कि उसकी तैयारी भी कर रहे हैं.
रूस कब कर सकता है एटमी अटैक?
रूस का कहना है कि वो नीचे दी गई चार सूरतों में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. रूस या उसके सहयोगियों पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला हो. रूस या उसके सहयोगियों पर परमाणु हमला हो. रूस की ऐसी मिलिट्री और सरकारी जगह पर हमला हो, जिससे उसकी परमाणु क्षमता को खतरा पैदा हो. रूस के खिलाफ आम हथियारों से ऐसा हमला की राज्य का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए. बीते कुछ वक्त में यूक्रेन ने अमेरिका और ब्रिटेन से मिली बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया है इसीलिए आशंका जताई जा रही है कि पुतिन अपने परमाणु हथियारों का रूख यूक्रेन की ओर कर सकते हैं.
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क्या है न्यू स्टार्ट ट्रीटी?
दुनिया में परमाणु हथियारों का 90% जखीरा अमेरिका और रूस के पास है. 2010 में अमेरिका और रूस ने एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका नाम है न्यू स्टार्ट ट्रीटी. इस संधि के तहत यह निर्धारित किया गया कि अमेरिका और रूस कितने परमाणु हथियार बना सकेंगे. साथ ही-
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रूस और अमेरिका अधिकतम 1550 परमाणु मिसाइलें रेडी टू अटैक मोड में रख सकेंगे.
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रूस और अमेरिका अधिकतम 700 लॉन्ग रेंज मिसाइलें और बमर्स रेडी टू अटैक मोड में रख सकते हैं.
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अमेरिका और रूस को एक-दूसरे के साथ समय समय पर परमाणु हथियारों की जानकारी शेयर करनी होगी.
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दोनों ही देश एक-दूसरे की न्यूक्लियर साइट के दौरे कर सकते हैं ताकि पता चले कि कोई संधि के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहा.
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एक साल में दोनों देश एक दूसरे की न्यूक्लियर साइट के 18 दौरे कर सकते हैं.
साल 2011 में हुई संधि को 2021 में 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया. अब यह संधि फरवरी 2026 तक के लिए वैध है, लेकिन युद्ध में अमेरिका की ओर से यूक्रेन को मदद देने के वजह से रूस ने खुद को इस ट्रीटी से अगल कर लिया.
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हालांकि, अमेरिका पर पुतिन की एटमी धमकी का कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है. पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी जनरल पैट्रिक राइडर ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब हमने परमाणु हथियारों को लेकर इस तरह की लापरवाही भरा बयान सुना है. निस्संदेह इस तरह की क्षमता वाले देशों का ऐसा रवैया गैर-जिम्मेदाराना है. मैं फिर कह रहा हूं कि सुरक्षा और स्थिरता हमारी प्राथमिकता है. न केवल इस क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में, इसलिए हम उस पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और जो भी जरूरी होगा करेंगे.’
Pentagon Press Secretary General Patrick Ryder:
— Victor vicktop55 (@vicktop55) June 21, 2024
[In Vietnam, Putin said Russia was going to change its first-strike nuclear doctrine. Are you taking this seriously or is this just saber-rattling?]
“At the moment, there is nothing that would require an adjustment to our… pic.twitter.com/XMXncYJ8ZO
रूस ने अमेरिका को दी ये धमकी
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव ने कहा, ‘बातचीत करने की हमारी इच्छा से किसी को संदेह नहीं होना चाहिए था, लेकिन कुर्स्क में यूक्रेन की घुसपैठ के बाद इस विषय पर कोई भी बातचीत अब प्रासंगिक नहीं है. हम रूस की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे. अमेरिका सोचता है कि विश्व युद्ध को प्रभावित करेगा. ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए. मॉक्सो अपने परमाणु सिद्धांत में सुधार कर रहा है.’
BREAKING:
— Megatron (@Megatron_ron) August 29, 2024
🇷🇺 Lavrov once again confirmed that Ukraine can forget about negotiations:
"Our willingness to negotiate should not have caused suspicion in anyone, but after the adventure in the Kursk region, any talks on this topic are no longer relevant," pic.twitter.com/i8zd1JSIzK
मंडराया न्यूक्लियर वॉर का साया
कुछ खुफिया रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों ने माना है कि रूस नए परमाणु हथियार बनाने की तैयारी में लगा है. वहीं, अमेरिका भी इस तैयारी में है कि परमाणु जंग छिड़ने की सूरत में उसे भी इस स्थिति में होना चाहिए को वो तुरंत रूस को जवाब दे सके, जिससे यूरोप पर न्यूक्लियर वॉर का साया मंडराता साफ साफ नजर आ रहा है. यूक्रेन से युद्ध के दौरान रूस कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे चुका है.
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हालांकि, कहा ये भी जा रहा है कि रूस का ये ऐलान अमेरिका पर दबाव की एक रणनीति भी हो सकती है. पुतिन बाइडन को ये दिखाना चाहते हैं कि वह क्या-क्या कर सकते हैं. बहरहाल, पुतिन के मन में क्या है ये तो वक्त बीतने के साथ सामने आएगा, लेकिन फिलहाल तो रूस ने जिस तरह से यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमला शुरू किया है. उससे यूरोप पर न्यूक्लियर खतरा मंडराता जरूर नजर आ रहा है.
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