सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहली यूरोप यात्रा, क्या है वजह

साल 2018 में सऊदी स्थित इस्तांबुल के वाणिज्य दूतावास (Istanbul consulate) में सरकारी एजेंटों द्वारा पत्रकार खशोगी की हत्या के बाद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा का निशाना बने थे. 

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Keshav Kumar
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मोहम्मद बिन सलमान रूढ़िवादी परंपराओं को छोड़ने में संकोच नहीं करते( Photo Credit : News Nation)

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दुनियाभर में बेहद चर्चित रहे सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड (Journalist Jamal Khashoggi Murder) के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Saudi Crown Prince Mohammad Bin Salman) पहली बार यूरोप यात्रा पर जा रहे हैं. खशोगी हत्याकांड के बाद यूरोप के देशों ने खुलकर और जमकर बिन सलमान की आलोचना की थी. सऊदी की सरकारी मीडिया के मुताबिक बिन सलमान यूरोप में फ्रांस और ग्रीस की यात्रा करेंगे. बिन सलमान की यूरोप यात्रा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीते दिनों जेद्दा का दौरा किया था. 

सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक फ्रांस (France) और ग्रीस (Greece) की यात्रा के दौरान बिन सलमान दोनों देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे. साल 2018 में सऊदी स्थित इस्तांबुल के वाणिज्य दूतावास (Istanbul consulate) में सरकारी एजेंटों द्वारा पत्रकार खशोगी की हत्या के बाद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा का निशाना बने थे. 

खशोगी कांड के बाद छवि सुधार की कवायद

बिन मोहम्मद अब विश्व के नेताओं के साथ मिलकर खशोगी हत्याकांड के बाद सबको मनाने में जुटे हुए हैं. उनकी इस यूरोप यात्रा को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध राइस यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलो क्रिस्टियन उलरिचसेन के मुताबिक खाशोगी की हत्या के बाद दुनिया में अलग-थलग पड़े प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का यूरोप में रहना एक बेहद प्रतीकात्मक कदम है.

तुर्की ने निपटाया खशोगी की हत्या का मुकदमा

इस मामले में बिन सलमान की कोशिशों की कामयाबी भी सामने आ रही है. क्राउन प्रिंस के कदमों के नतीजे के तौर पर अभी तक पत्रकार खशोगी की हत्या को लेकर खुलकर सऊदी की आलोचना कर रहे तुर्की के रूख में यू टर्न आ गया. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने बदलाव के साफ संकेत दिए हैं. तुर्की ने पत्रकार खशोगी की हत्या के मुकदमे को अपने देश में बंद कर दिया है. 

पहले जेद्दा पहुंचे थे अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन 

दूसरी ओर मोहम्मद बिन सलमान की यूरोप यात्रा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी के प्रमुख शहर जेद्दा का दौरा किया था. इस यात्रा के दौरान ही सऊदी ने अपना एयरस्पेस इजराइल जाने वाले नागरिक विमानों के लिए खोलने की घोषणा भी की थी. माना जाता है कि मोहम्मद बिन सलमान अपनी रूढ़िवादी परंपराओं को छोड़ने के लिए संकोच नहीं करते हैं. इसके अलावा वह छवि और रिश्ते सुधारने की दिशा में खुद पहल करते हैं.

पैगंबर विवाद पर भारतीय रुख की सराहना

भारत में भी इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद पर बयान से उपजे विवाद के बाद मुस्लिम देशों में सऊदी ने सबसे पहले इस मामले को तूल नहीं देने की बात कही थी. विवादित बयान के बाद उठाए गए भारत सरकार के कदमों की सऊदी ने सराहना भी की थी. वहीं सारे विवादों के बावजूद रक्षा सहयोग पर भारत-सऊदी अरब संयुक्त समिति की पांचवीं बैठक भी संपन्न हुई. मोहम्मद बिन सलमान कई मौकों पर खुलकर दुनिया के सामने अपनी राय रखने लगे हैं.

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रूस-यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल का बढ़ा दबाव

अंतरराष्ट्रीय संबंधों और राजनीति के जानकारों का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लगातार बढ़ रहे कच्चे तेल के दामों के बाद अमेरिका और यूरोप ने सऊदी पर अधिक तेल निकालने का दबाव बनाया है. रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में आई बढ़ोतरी के कारण अमेरिका में महंगाई 40 फीसदी तक बढ़ गई है. जो बाइडेन ने मिड टर्म चुनावों को देखते हुए सऊदी प्रिंस पर तेल की कीमतों को घटाने का दबाव बनाया है. बिन सलमान की यूरोप यात्रा में भी तेल की कीमतों को लेकर चर्चा हो सकती है.

HIGHLIGHTS

  • बिन सलमान की यूरोप यात्रा से पहले बाइडेन ने जेद्दा का दौरा किया था
  • खशोगी हत्याकांड के बाद यूरोप ने बिन सलमान की आलोचना की थी
  • तुर्की ने खशोगी की हत्या के मुकदमे को अपने देश में बंद कर दिया है
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