SCO Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कजाखस्तान (Kazakhstan) में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ समिट में शामिल नहीं हो पाए. तीन जुलाई से शुरू हुए इस समिट में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की है. आज यानी गुरुवार को इस समिट का आखिरी दिन है. हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एससीओ समिट में शामिल हुए हैं. इन सभी नेताओं ने समिट का मंच पर भी शेयर किया है. साथ ही समिट से इतर इन नेताओं के बीच मुलाकात भी हुई है. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने एससीओ समिट से क्यों बनाई दूरी.
पुतिन-जिनपिंग के बीच मुलाकात
अस्ताना में बुधवार से शुरू हुए SCO समिट की बैठक से अलग रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. अभी हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चीन का दौरा किया था. तब भी पुतिन ने जिनपिंग से मुलाकात की थी. पिछले 2 महीने में ये दूसरी बार है, जब पुतिन-जिनपिंग मिले हैं.
On the sidelines of the #SCO summit in Astana, Chinese President Xi Jinping met with his Russian counterpart, Vladimir #Putin..
Xi said the two sides will remain steadfast in their commitment to an everlasting friendship and in their resolve to benefit their peoples, and make new… pic.twitter.com/T89Ctkjdxe— Serena Xue Dong (@theserenadong) July 4, 2024
हालांकि, जब से रूस का यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू हुआ है, तब से पुतिन और जिनपिंग कई बार एक-दूसरे से मिल चुके हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेता की ये पांचवीं मुलाकात हुई है. एससीओ समिट के इतर हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ संबंधों की तारीफ की.
जिनपिंग ने पुतिन को बताया दोस्त
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुतिन की तारीफ की और उन्हें अपना ‘पुराना मित्र’ बताया. चीन ने कहा कि वो रूस के साथ अपने संबंध को मजबूत बनाए रखेगा. वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी जिनपिंग की तारीफ की है. पुतिन ने कहा कि, ‘रूस-चीन संबंध इतिहास में सबसे उच्च स्तर पर हैं, और वे किसी के खिलाफ नहीं हैं, हम गुट या संघ नहीं बनाते हैं, हम सिर्फ अपने राष्ट्रों के हित में काम करते हैं’.
‘Russia-China relations are on the highest level in history, and they are not aimed against anyone, we do not create blocs or unions, we just act in the interests of our nations’ – President Vladimir Putin said during meeting with Xi Jinping in Astana pic.twitter.com/Fz9cB7kGnv
— RT (@RT_com) July 4, 2024
मीटिंग के दौरान पुतिन और जिनपिंग के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा हुई है.
पुतिन-शरीफ के बीच हुई मुलाकात
समिट के इतर रूसी राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच भी मुलाकात हुई है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पुतिन से पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए 'बार्टर सिस्टम' अपनाने पर जोर दिया, जिसके तहत दोनों देश बिना किसी करेंसी का इस्तेमाल किए अपनी चीजें बदल कर बिजनेस कर सकते हैं.
Had a cordial meeting with President Vladimir Putin of the Russian Federation on the sidelines of SCO meeting in Astana today. We exchanged views on bilateral cooperation in multiple areas of mutual interest. We also discussed the regional and international issues. It is… pic.twitter.com/4oY4SXoEr8
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) July 3, 2024
वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने शहबाज शरीफ से कहा कि उनका देश पाकिस्तान को तेल की सप्लाई करने के साथ अनाज देकर खाद्य सुरक्षा में भी सहयोग करना चाहता है.
पीएम मोदी ने SCO समिट से क्यों बनाई दूरी?
पीएम मोदी के एससीओ समिट 2024 में शामिल नहीं होने की सबसे बड़ी वजह व्यस्तता बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी को संसद के सत्र की वजह से कजाखस्तान का दौरा टालना पड़ा. हालांकि कूटनीतिक नजरिए से देखा जाए तो पीएम मोदी के एससीओ समिट में शामिल नहीं होने की वजह महत्वपूर्ण हो सकती हैं. बीते भारत के पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं. चूंकि पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ समिट में पहुंचे हैं.
पीएम मोदी के समिट में शामिल नहीं होने की एक वजह उनके साथ मंच साझा नहीं करना हो सकती है. वहीं, पाकिस्तान और चीन में मजबूत संबंध हैं. चीन के साथ भी भारत का सीमा पर टकराव देखने को मिलता है. चीन के साथ भारत संबंध उतने अच्छे नहीं है. हो सकता है कि शहबाज शरीफ और शी जिनपिंग की मौजूदगी के चलते पीएम मोदी के दौरे को रद्द किया गया है, क्योंकि पाकिस्तान और चीन के मंसूबे कहीं न कहीं भारत के खिलाफ ही रहते हैं.
उधर, रूस भारत का अच्छा दोस्त है. मगर चीन के साथ उसकी बढ़ती दोस्त देश के लिए चिंता का विषय बनती है, क्योंकि भारत अपने सैन्य सामान रूस से खरीदता है. ऐसे में उनके बारे में जानकारी लीक होना देश के लिए ठीक नहीं होगा. अगर चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ता है, तो रूस किसका साथ देगा. ये सवाल भारत के लिए वाकई चिंता का सबब बन सकता है. वहीं पाकिस्तान भी रूस से दोस्ती बढ़ाने को बेताब दिखता है.
Global community must isolate, expose nations harbouring terrorists...: PM Modi at SCO Summit
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— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2024
कजाखस्तान की अध्यक्षता में अस्ताना में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पीएम मोदी की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनका पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा और अंतरराष्ट्रीय जगत को आतंकवाद को पोषित करने वाले देशों को अलग-थलग कर देना चाहिए. इस बयान से साफ समझा जा सकता है कि पीएम मोदी क्यों एससीओ समिट में शामिल नहीं हुए हैं.
Source : News Nation Bureau