Snake bite declared as notify diseases: किसी भी इंसान के लिए सांपों का खौफ कुदरती है. तमिलनाडु सरकार ने स्नैक बाइट यानी सर्पदंश को नोटिफाई डिजीज घोषित कर दिया है. आखिर तमिलनाडु सरकार ने ये फैसला क्यों लिया और इसके पीछे क्या मकसद है. सबसे बड़ा सवाल कि ये इस फैसले के बाद क्या इंसानों में सांपों का डर खत्म हो पाएगा. आइए तमिलनाडु सरकार के इस फैसले के आसान भाषा में मायने समझते हैं.
ये भी पढ़ें: Farhad Shakeri: कौन है फरहाद शकेरी, जो ट्रंप को उतारना चाहता था मौत के घाट, खौफनाक ईरानी साजिश का खुलासा!
दरअसल, सापों का खौफ जब इंसान के दिमाग में बैठ जाए तो यही खौफ किसी भी बीमारी में तब्दील हो सकता है. सांपों का खतरा सीधा मौत का रास्ता होता है. सांपों के इस खौफ ने तमिलनाडु को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है. वहां के कई गांवों और शहरों में लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. इसकी वजह है कि पूरी दुनिया में सांप के काटने से होनेवाली 50 फीसदी मौत सिर्फ भारत में होती है.
ये भी पढ़ें: Minuteman III: दुनिया की सबसे पावरफुल मिसाइल! खतरनाक इतनी कि सोच भी नहीं सकते आप, हाहाकारी हैं खूबियां
इस फैसले से क्या होगा?
फैसले के मुताबिक, सरकार अब सर्पदंश की हर एक घटना पर नजर रखना चाहती है ताकि राज्य में सापों के शिकार होनेवाले आम लोगों को इससे निजात दिलाने की कोशिश की जा सके. तमिलनाडु में सर्पदंश के मामले में बढ़ोतरी ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. सरकार अब इस खतरे से निबटने के लिए कई लेवल पर काम कर रही है. तमिलनाडु सरकार ने अपने फैसले सबसे पहले सर्पदंश को नोटिफाई डिजीज घोषित कर दिया है यानी तमिलनाडु में सर्पदंश अब अधिसूचित बीमारी माना जाएगा.
ये भी पढ़ें: PM Internship Scheme: रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट कल, भूलकर भी न गवाएं मौका, बिना देरी किए ऐसे करें अप्लाई!
फैसले के पीछे क्या मकसद?
सर्पदंश को अधिसूचित रोगों की श्रेणी में रखने से सांप काटने को लेकर जु़ड़े आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे. राज्य के अस्पतालों को सर्पदंश के मामले की एक-एक जानकारी सरकार को देनी होगी. इससे क्लीनिकल ढांचों में सुधार करने में मदद मिलेगी और साथ ही अस्पतालों में एंटी वेनम की उपलब्धता बढ़ाने में सहूलियत होगी.
ये भी पढ़ें: Trump की जीत के समय US ने किया ऐसा परीक्षण, नाम से ही कांपे रूस-चीन और नॉर्थ कोरिया, चला तो मिट जाएगा वजूद!