Syria Civil War: सीरिया में हालात बद से बदतर हो गए हैं. विद्रोहियों के राजधानी दमिश्क (Damascus) पर कब्जा करते और राष्ट्रपति भवन में घुसते ही असद सरकार की सांसे उखड़ गईं. बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रपति बशर अल-असद (Bashar al Assad) को देश छोड़कर भागना पड़ा. अब उनके रूस पहुंचने की खबरें आ रही हैं. विद्रोहियों ने महज 10 दिन में उनकी सरकार को उखाड़ फेंका. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर सीरिया में तख्तापलट की क्या वजह रहीं.
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पहले आई थी प्लेन क्रेश की खबर
हालांकि, इससे पहले पश्चिमी के हवाले से खबरे आई थीं कि उनका प्लेन होम्स शहर के पास रडार से गायब हो गया है. इस घटना उन सवालों को जन्म दिया था कि कहीं प्लैन क्रेश में राष्ट्रपति असद की मौत तो नहीं हो गई है. फ्लाइट ट्रैंकिंग रूट से पता चला था कि उनके प्लेन अचानक से रूट बदला और तेजी के साथ अधिक ऊंचाई से कम हाइट तक गया. ऐसा होने के चलते कायसें लगाई गईं कि राष्ट्रपति असद के प्लेन को विद्रोहियों ने निशाना बना लिया या फिर तकनीकी खराबी के चलते वो क्रैश हो गया.
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असद सरकार का अंत
असद सरकार के खिलाफ गुस्सा यूं तो 13 सालों से सीरिया में फैला हुआ था. सिविल वॉर इसी का नतीजा था, लेकिन असद रूस और ईरान की मदद से इस गुस्से को दबाने में कामयाब रहे थे. ये अलग बात है कि ईरान और रूस अपनी परेशानियों में उलझे तो मौका पाकर सीरिया के सबसे ताकतवर विद्रोही गुट ने असद सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और महज 10 दिन में दमिश्क पर कब्जा कर तख्तापलट कर दिया. सीरियाई सेना को हथियार डालने पड़े और राष्ट्रपति असद को देश से भागना पड़ा.
इन देशों में भी हो चुका है तख्तापलट
हालांकि, तख्तापलट की कहानी नई नहीं है. दुनिया के कई देश ऐसे हालात देख चुके हैं. अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब बांग्लादेश में तख्तापलट की स्क्रिप्ट लिखी गई थी और शेख हसीना सरकार को सत्ता से हटना पड़ा था. यही नहीं उन्हें भी असद की तरह देश छोड़करना भागना पड़ा था. बांग्लादेश के अलावा हाल के वर्षों में श्रीलंका और अफगानिस्तान ने तख्तापलट को झेला है. दुनिया के कई और मुल्क भी हैं, जहां की सरकारें तख्तापलट का शिकार हुईं. फिलहाल सीरिया इसकी सबसे ताजी मिसाल है, जहां विद्रोही गुट ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति असद को देश छोड़कर भागना पड़ा है.
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