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Taliban 20 ने अमेरिकी राजनीति को बनाया 'बंधक', जानें कौन हैं और क्या है इनका मकसद

इस समूह ने पार्टी के पसंदीदा केविन मैक्कार्थी (Kevin McCarthy) की यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर बनने की राह में रोड़ा बनकर वॉशिंगटन में राजनीति को जड़वत कर दिया है. पीठासीन अधिकारी नहीं होने से सदन कोई भी महत्वपूर्ण काम नहीं कर पा रहा है.

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Nihar Saxena
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'तालिबान 20' की वजह से केविन मैक्कार्थी नहीं बन पा रहे स्पीकर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारतीय राजनीति में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) के संदर्भ में इन दिनों इस्तेमाल में लाए जा रहे विशेषण 'समूह 23 या जी-23' से तो आप सभी परिचित होंगे ही. आज हम आपको बताते हैं अमेरिकी राजनीति के 'तालिबान 20' ग्रुप के बारे में, जिन्होंने अमेरिकी राजनीति को एक तरह से 'बंधक' बना रखा है. इस समूह ने पार्टी के पसंदीदा केविन मैक्कार्थी (Kevin McCarthy) की यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर बनने की राह में रोड़ा बनकर वॉशिंगटन में राजनीति को जड़वत कर दिया है. पीठासीन अधिकारी नहीं होने से सदन कोई भी महत्वपूर्ण काम नहीं कर पा रहा है. इन कामों में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले, सरकार की नीतियों और कदाचार से जुड़े मामलों की जांच और कानून पारित करना शामिल है. इस तरह अमेरिकी कांग्रेस बीते कई दिनों से लकवाग्रस्त है. खास बात यह है कि केविन मैक्कार्थी को स्पीकर चुनने की राह में दीवार बनकर खड़े इन विद्रोहियों को तालिबान 20 नाम उनकी ही पार्टी के कुछ सांसदों ने दिया है, जो विद्यमान हालात से बेहद निराश हैं. सवाल यह उठता है कि 'तालिबान 20' कौन हैं और क्या चाहते हैं?

'तालिबान 20' में हाउस ऑफ फ्रीडम कॉकस के सदस्य
वोटिंग के लिहाज से स्पीकर के चयन में भारी पड़ रहे इस समूह में 19 और 21 के लगभग सदस्य हैं. ये सभी कांग्रेस के निचले सदन यानी हाउस फ्रीडम कॉकस के सदस्य हैं. इस समूह को सबसे कट्टर दक्षिणपंथी रिपब्लिकंस में से एक माना जा रहा है. इस समूह के अधिसंख्य भौगोलिक समानता भी साझा करते हैं और दक्षिणी अमेरिका खासकर टेक्सास, फ्लोरिडा या एरिजोना से आते हैं, जहां इनका अच्छा-खासा प्रभुत्व है. इस समूह में पेंसिल्वेनिया के स्कॉट पेरी मेसन-डिक्सन ही अपवाद हैं, जो दक्षिणी अमेरिका को उत्तर से अलग करने वाली मेसन-डिक्सन लाइन के ऊपरी हिस्से में रहते हैं. इसके साथ ही 'तालिबान 20' समूह में अधिसंख्य उन जिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एकमुश्त मतदान हुआ था. यही नहीं, इनमें से अधिकांश को बीते नवंबर के मध्यावधि चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा समर्थन दिया गया था. ट्रंप ने मध्यावधि में 144 प्राथमिक उम्मीदवारों का समर्थन किया था, जिनमें से कुछ को छोड़कर सभी ने रिपब्लिकन से नामांकन में जीत हासिल की. 

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मैक्कार्थी के विरोध की अलग-अलग वजह
यह अलग बात है कि बागी 'तालिबान 20' समूह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति कृतज्ञ नहीं दिखता. यही वजह है कि गतिरोध के दूसरे दिन प्रतिनिधि सभा में ट्रंप का समर्थन प्राप्त करने के बाद ही मैक्कार्थी का वोट शेयर गिर गया. कुछ रिपब्लिकन मैक्कार्थी का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मैक्कार्थी उनके दक्षिणपंथी एजेंडे के लिए बाधा साबित होंगे. इसके साथ ही उनका मानना है कि मैक्कार्थी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए भी एक कमजोर प्रतिद्वंद्वी बतौर उभरेंगे. 'तालिबान 20' समूह के कुछ सांसद निजी तौर पर मैक्कार्थी को पसंद नहीं करते हैं, भले ही मैक्कार्थी किसी भी नीति का समर्थन क्यों न करें. कई रिपब्लिकंस को व्यक्तिगत रूप से शिकायत है कि मैक्कार्थी राजनीतिक रूप से निर्दयी, अवसरवादी और अविश्वसनीय हैं. संभतः यह समूह इसीलिए पीठ पीछे मैक्कार्थी को 'खाली सूट' कहकर पुकारते हैं. ये तब तक कोई भी वादा या गठबंधन करने को तैयार  नहीं है, जब तक कि स्थितियां बेहद जरूरी न हो जाएं.

किसी समझौते से नहीं बदलेगा 'तालिबान 20' का मन
केविन कदापि नहीं अभियान चलाने वालों में फ्लोरिडा के मैट गेट्ज, एरिजोना के एंडी बिग्स और कोलोराडो के लॉरेन बोएबर्ट प्रमुख हैं. वह दो टूक लफ्जों में स्पष्ट कर चुके हैं कि कैलिफोर्निया के कांग्रेसी केविन मैक्कार्थी के विरोध का उनका मन किसी भी समझौते से बदलने वाला नहीं है.  एंडी बिग्स आधुनिक राजनीति में निस्वार्थ भाव और सिद्धांत की कमी की बात करते हैं. यह बात उन्होंने पहले दौर के मतदान से पहले पोस्ट किए गए अपने एक ट्वीट में कही थी,  जब वह अपने ही साथी रिपब्लिकन मैक्कार्थी के प्रतीकात्मक प्रतिद्वंद्वी के रूप में खड़े हुए थे. उन्होंने कहा था, मैक्कार्थी जैसा स्पीकर पहले खुद को अहमियत देगा और देश को निचले पायदान पर रखेगा.

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ओबामा के खिलाफ टी-पार्टी आंदोलन की उपज
इस बागी धड़े के आधे से अधिक ने स्पष्ट रूप से पिछले राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों से इंकार किया था. इस तरह इन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव में धांधली वाले झूठे दावों को ही बढ़ावा दिया था. इस तरह हालिया घटनाक्रम रिपब्लिकन हाउस के एक विरोधाभास को भी दर्शाता है कि आज मैक्कार्थी का विरोध कर रहे इन दो तिहाई ने वास्तव में 2020 के वोट को प्रमाणित करने के खिलाफ मतदान किया था. इनमें से मुट्ठी भर नवनिर्वाचित हैं, जो 2010 से राष्ट्रपति बराक ओबामा के विरोध की बढ़ी खाई के बाद अति-रूढ़िवादी चाय पार्टी आंदोलन से आए हैं.

अराजकता के एजेंट
राजकोषीय मितव्ययिता के साथ-साथ इस आंदोलन की उत्पत्ति उदारवाद के रूप में हुई है, जो सामान्य व्यवसाय को अस्वीकार करता है और खुद को अराजकता के एजेंटों के रूप में गर्व करता है. यह अभिजात वर्ग की सर्वसम्मति की राजनीति को भी धता बताकर अपनी उपस्थिति जाहिर कर रहा है.
सावधानी से लिखे गए चुनावी शब्दों के बजाय टीवी पर दिखाए जाने वाले राजनीतिक स्टंट इनकी पसंदीदा हथियार हैं. बोएबर्ट, एंडी हैरिस और बॉब गुड जैसे इस समूह के कई लोगों ने अपना हालिया स्थान बनाने के लिए प्राथमिक नामांकित दौर में पार्टी में कहीं गहरे स्थापित रिपब्लिकन नेताओं को हराकर अपनी जगह बनाई है. संभवतः यही वजह है कि वे स्पीकर पर भी अपनी शर्तें थोपना चाहते हैं, जो विद्यमान राजनीतिक जड़ता के मूल में है.

HIGHLIGHTS

  • कैविन मैक्कार्थी के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स स्पीकर बनने की राह में रोड़ा
  • कई दिनों से रिपब्लिकंस के 'तालिबान 20' नहीं होने दे रहे स्पीकर का चुनाव
  • इस कारण वॉशिंगटन में अमेरिकी राजनीति लकवाग्रस्त हो बन गई जड़वत
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