Tirupati Laddu News: तिरुपति मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर को मन्नतों को पूरा करने वाला पुण्य स्थल बताया जाता है. यह मंदिर इस समय सुर्खियों में है, क्योंकि यहां श्रृद्धालुओं को मिलने वाले लड्डू के प्रसाद (Tirupati Prasadam Row) को बनाने में बीफ टैलो और लार्ड का इस्तेमाल किया गया. यह दावा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने किया है. ऐसे में सवाल ये है कि ये बीफ टैलो और लार्ड क्या हैं, जिनके प्रसाद में मिले होने पर विवाद हो रहा है.
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TDP ने YSRCP पर लगाए आरोप
तिरुपति के बालाजी यानी वेंकटेश्वर भगवान के प्रति देश भर में आस्थावान हिंदुओं में अगाध विश्वास है लेकिन इसी धाम में बंटने वाले लड्डू प्रसादम को लेकर अब आंध्र प्रदेश की सियासत गरमा गई है, क्योंकि राज्य के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने गंभीर आरोप लगाया है. चंद्रबाबू नायडू के मुताबिक जगन मोहन रेड्डी के राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद को बनाने में एनिमल फैट यानि जानवरों की चर्बी इस्तेमाल की जाती थी. आंध्र प्रदेश सरकार के मुताबिक लैबोरेटरी टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई है.
#WATCH | Tirupati Laddu Prasadam row | Executive officer of Tirumala Tirupathi Devastanam (TTD) Shamala Rao says, "The report says the ghee sample is adulterated with vegetable fat and also animal fat. Animal fat adulteration includes lard (pig fat), palm oil, beef tallow, and… pic.twitter.com/LPdyuCCvA3
— ANI (@ANI) September 20, 2024
आरोपों के खिलाफ कोर्ट पहुंची YSRCP
उधर, जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी YSRCP ने चंद्रबाबू नायडू के आरोपों का खंडन किया है. जगन मोहन की पार्टी YSRCP ने इस विवाद पर टीडीपी के आरोपों के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दायर किया है. वहीं, तिरुपति प्रसादम में मिलावट मामले में केंद्र सरकार भी एक्शन में है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र सरकार से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि एफएसएसएआई के दायरे में दो भी आएगा, उसके तहत कार्रवाई होगी.’ लेकिन मंदिर प्रशासन की ओर से कोई अधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है.
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तिरुपति मंदिर (Tirupati Tirumala Temple) के 300 साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं. तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है. तिरुपति के लड्डू, जो अपने स्वाद और धार्मिक महत्व के लिए वर्ल्ड लेवल पर प्रसिद्ध प्रसाद है, जिसमें कथित एनिमल फैट की मिलावट से स्वास्थ्य और धार्मिक मान्यताओं दोनों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं, लेकिन तिरुपति के लड्डू में कथित तौर पर मौजूद ‘बीफ टैलो’ और ‘लार्ड’ वास्तव में क्या है. अभी सबके मन में यही सवाल कौंध रहा है.
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क्या है बीफ टैलो? (What is Beef Tallow?)
‘बीफ टैलो’ नाम का यह घटक मवेशियों और भेड़ जैसे जानवरों के ऑर्गन के आसपास की चर्बी से निकाला जाता है. इसे धीरे-धीरे तेज आंच पर उबाला जाता है ताकि कोई भी तरल पदार्थ वसा से अलग हो जाए. ठंडा होने पर यह एक लचीले पदार्थ में बदल जाता है. आमतौर पर यह मक्खन जैसा दिखता है. रिपोर्ट्स के अनुसार बीफ टैलो का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से खाना बनाने, मोमबत्तियां बनाने और लुब्रिकेंट (चिकनाई) के रूप में भी किया जाता है.
क्या है लार्ड? (What is Lard?)
वहीं, बीफ टैलो के अलावा प्रसादम में लार्ड के अंश होने की भी पुष्टि हुई है. लार्ड एक नरम और मलाईदार होता है. यह सफेद रंग का एक प्रसार का वसा (Fat) होता है, जिसे सूअरों के वसायुक्त ऊतकों (Fatty Tissues) को पिघलाकर बनाया जाता है. लार्ड का इस्तेमाल खाना पकाने के दौरान तलने या भूनने के लिए किया जाता है. यही वजह है कि लड्डू प्रसादम (Tirupati Balaji Prasad News) में बीफ टैलो और लार्ड की मिलावट से हिंदुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंची है.
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