भारत के लिए 'हरा' तो दुनिया के लिए 'लाल' है टमाटर, फिल्मों में भी छोड़ी छाप

खाने के लिहाज से टमाटर सब्जी के रूप में ज्यादा लोकप्रिय है. वैश्विक स्तर पर आज टमाटर एक खास पहचान बना चुका है. दुनिया में अगर टमाटर की किल्लत हो जाती है, तो कई देशों का जायका बिगड़ जाता है

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Prashant Jha
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टमाटर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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भारत खानपान के मामले में प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है. यहां के लोग खाने के बेहद शौकीन हैं. भारतीय के भोजन की थालियों में अलग-अलग वैराइटी नहीं हो, तो खाने का मजा ही नहीं आता. पौष्टिकता और स्वाद के लिहाज से किचन में कई प्रकार के फल और सब्जियों का इस्तेमाल होता है. इसमें एक टमाटर भी है. खाने के लिहाज से यह सब्जी के रूप में ज्यादा लोकप्रिय है. वैश्विक स्तर पर आज टमाटर एक खास पहचान बना चुका है. दुनिया में अगर टमाटर की किल्लत हो जाती है, तो कई देशों का जायका बिगड़ जाता है. आज के दौर में हालात ऐसे बन गए हैं कि टमाटर के बगैर आप खाने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं. टमाटर सेहत के लिए भी फायदेमंद है. यह विटामिन सी और फाइटोकेमिकल लाइकोपीन का सबसे बड़ा स्रोत है.

टमाटर की सब्जी, चटनी, कैचप, प्यूरी और पेस्ट आजकल हर जगह उपलब्ध है, लेकिन आज हम टमाटर पर आपसे इसलिए बात कर रहे हैं कि जो टमाटर भारत में हरा है यानी सस्ता है. वहीं, दुनिया के कई देशों में लाल मतलब महंगा है. बात चाहे एशिया महाद्वीप की हो या यूरोपीय देशों की, यहां पर टमाटर की कीमत लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है. पाकिस्तान में इस समय टमाटर 250- 300 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, ब्रिटेन में 150 से 200 रुपये में मिल रहा है. जापान, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में टमाटर का भाव टाइट चल रहा है. जबकि भारत में आज भी 20 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. 

पाकिस्तान और ब्रिटेन में महंगा

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से सीमा विवाद, आतंकवाद समेत अन्य मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार बंद है. पाकिस्तान भारत से कोई भी चीज सीधे तौर पर खरीद नहीं सकता है. पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि वहां पर खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. प्राकृतिक आपदा, कर्ज समेत अन्य वजहों से पाकिस्तान की हालत और भी पतली हो रखी है. पाकिस्तान खाद्य पदार्थों का आयात अफगानिस्तान, ईरान और सऊदी अरब से करता है. इसमें टमाटर भी शामिल है, लेकिन आप यह जानते होंगे कि सऊदी अरब भारत से ही टमाटर खरीदता है और फिर पाकिस्तान को बेचता है. पाकिस्तान में टमाटर 275-300 रुपये किलो तक बिक रहा है. वहीं, ब्रिटेन में भी टमाटर की कीमत सातवें असमान पर हैं. यहां के जायके में टमाटर का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है. टमाटर का प्रयोग किचन से लेकर फिल्मों तक में भी हुआ है. भारत में साउथ और बॉलीवुड में टमाटर पर कई फिल्में बनाई गई हैं.

दुनिया में 150 से ज्यादा देशों में सालाना 177 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है. इसमें सबसे ज्यादा टमाटर की खेती चीन करता है. चीन प्रति वर्ष 56,423,811 टन उत्पादन मात्रा के साथ दुनिया में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है. भारत 18,399,000 टन वार्षिक उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है.

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टमाटर का इतिहास

जिस तरह भारत ने मसालों से यूरोप को अवगत कराया था, ठीक उसी तरह यूरोप ने भारत का टमाटर से परिचय कराया. टमाटर का इतिहास 16वीं शताब्दी का है. टमाटर की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत पर हुई. सबसे पहले पेरू और इक्वाडोर के रास्ते मैक्सिको में यह घरेलू उपयोग में आया. इसी शताब्दी की शुरुआत में स्पेनिश लोग टमाटर को यूरोप लेकर आए. माना जाता है कि स्पेनिश और इटालियंस इसे भोजन के रूप में अपनाने वाले पहले यूरोपीय देश थे. फ्रांस और उत्तरी यूरोप में टमाटर को शुरू में एक सजावटी पौधे के रूप में उगाया गया. इटली में इसे "सुनहरा सेब" बतौर जाना जाता है. यूरोपीय लोगों में टमाटर पीला खाद्य पदार्थ के रूप में लोकप्रिय हुआ. फ्रांस में इसे डी'अमोर "लव एप्पल" कहा गया. 

तकरीबन 350 वर्ष पहले की बात है, जब टमाटर मैक्सिको की जमीन से यूरोप लाया गया, तब वहां के लोग इसके अद्भुत रंग-रूप और स्वाद से हैरान रह गए थे. कहा जाता है कि लाल टमाटर लोगों को इतना पसंद आया कि यह यूरोप के बाद एशिया महाद्वीप में भी आ पहुंचा. टमाटर का प्रयोग लुइसियाना में 1812 की शुरुआत में खाने के रूप में किया गया, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत तक संयुक्त राज्य अमेरिका में यह ज्यादा लोकप्रिय नहीं था. धीरे-धीरे  इसका उपयोग दुनियाभर में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने लगा. अमेरिका, यूरोप, चीन से लेकर भारत, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका में अलग-अलग तरीके से टमाटर का इस्तेमाल होता है. 

भारत में कब आया टमाटर
जहां तक भारत में टमाटर के अस्तित्व में आने का सवाल है तो यह भारत में 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली खोजकर्ताओं के जरिए पहुंचा. पुर्तगालियों ने सबसे पहले यहां पर टमाटर का स्वाद चखाया था. 18वीं शताब्दी के बाद से इसे अंग्रेजों के लिए उगाया गया था. आज भारत का शायद ही कोई घर होगा जहां टमाटर का इस्तेमाल नहीं होता होगा. टमाटर की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसके बिना खाना तैयार ही नहीं हो सकता. टमाटर आज हर घर के लिए जरूरी सब्जी है. आज के दौर में टमाटर इतना लोकप्रिय खाद्य पदार्थ बन चुका है कि यह विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाली सब्जी है. 

भारत के इस राज्य में टमाटर की सबसे ज्यादा खेती  
भारत में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है. दूसरे स्थान पर कर्नाटक है. फिर महाराष्ट्र समेत उत्तर भारत के मध्य प्रदेश में टमाटर का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. 

दुनिया के 10 प्रमुख टमाटर उत्पादक देश 

एफएओ की ओर से साल 2020 में जारी वैश्विक टमाटर उत्पादन रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 10 प्रमुख उत्पादक देश चीन, भारत, तुर्की , अमेरिका , इजिप्ट , इटली , ईरान, स्पेन, मैक्सिको और ब्राजील हैं. चीन में प्रति वर्ष 56,423,811 टन टमाटर का उत्पादन होता है. चीन दुनिया में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राष्ट्र है. इसके बाद भारत दूसरे नंबर पर टमाटर की पैदावार करता है. 

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फेस्टिवल और फिल्मों में टमाटर की एंट्री

टमाटर की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यह पर्व-त्योहार का भी हिस्सा बन गया है. वहीं, फिल्मों में भी इसकी एंट्री है. स्पेन में टमाटर को ''टोमैटो'' कहा जाता है. यहां पर ''टोमैटो फेस्टिवल'' धूमधाम से मनाया जाता है. लोग एक दूसरे पर टमाटर फेंककर खुशियां मनाते हैं. वहीं, बात अगर भारतीय फिल्म की करें तो 2011 में आई जिंदगी ना मिलेगी दोबारा फिल्म में टमाटर की होली खेली गई थी. ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ की इस मूवी को लोगों ने सराहा था. वहीं, ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म ''शर्माजी नमकीन'' में 'लाल टमाटर' गाने ने लोगों का दिल छू लिया था. ऋषि कपूर के निधन के बाद यह गाना रिलीज हुआ था. इसमें शर्माजी का किरदार ऋषि कपूर और परेश रावल ने निभाया था. इसके अलावा भोजपुरी फिल्मों में भी टमाटर के ऊपर गाना बना है. 

टमाटर को लेकर रोचक विवाद 
टमाटर दुनियाभर में वीगन फूड के तौर पर जाना जाता है. टमाटर को लेकर एक रोचक विवाद भी खूब प्रचलित है. टमाटर को लेकर अमेरिका में सरकारी स्तर पर इस बात को लेकर विवाद लंबा चला कि यह सब्जी है या फल. क्योंकि अमेरिका में फल और सब्जी के लिए अलग-अलग टैक्स है. इसका समाधान निकालने के लिए अमेरिकी सरकार ने अदालत का दरवाजा तक खटखटाया था. कोर्ट ने टमाटर को सब्जी बताया. तब जाकर यह विवाद थमा.  

यहां पर टमाटर को भूतों से जोड़कर देखने की है पंरपरा 
यूरोप के कई देशों में टमाटर को भूतों से जोड़कर देखने की परंपरा है. दरअसल, टमाटर के पौधे में बहुत कम मात्रा में जहर होता है, लेकिन टमाटर के फल में जहर का कोई गुण नहीं होता है.

चिकित्सा विज्ञान में टमाटर का क्या है महत्व

टमाटर में विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ए आयरन, पोटेशियम और अत्यधिक मात्रा में लाइकोपीन होता है, लाइकोपीन टमाटर में रंग के लिए होता है, किन्तु यह जबरदस्त ऑक्सीडेंट है, जो कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. लाल टमाटर देखने में सुंदर और खाने में स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है. टमाटर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन सी पाए जाते हैं. शरीर के लिए टमाटर बहुत ही फायदेमंद है. इससे कई रोगों का निदान होता है. टमाटर शरीर से विशेषकर गुर्दे से रोग के जीवाणुओं को निकालता है. यह पेशाब में चीनी के प्रतिशत पर काबू पाने के लिए प्रभावशाली होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी है. कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इसे एक उत्तम भोजन माना जाता है. टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है. इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है. इसके उपयोग से गैस की शिकायत भी दूर होती है. इसके अलावा टमाटर त्वचा के लिए भी काफी लाभकारी है. यह झुर्रियों को कम करता है.

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ शिखा सिंह बता रही हैं टमाटर खाने के फायदे और नुकसान 

न्यूट्रिशनिस्ट डॉ शिखा सिंह बताती हैं कि स्वाद के साथ-साथ टमाटर का कनेक्शन सेहत से भी है. टमाटर के सेवन करने से कई रोगों से बचा जा सकता है. डॉ शिखा ने कहा कि टमाटर के छिलके में लाइकोपीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, यह एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, मसूड़ों के रोगों को कम करता है. साथ ही ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखने और दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए भी टोमैटो का अपने खानपान में एड करना जरूरी है. न्यूट्रिशन डॉ शिखा की मानें तो एक स्वस्थ व्यक्ति को हर दिन 200 से 250 ग्राम तक टमाटर खाना चाहिए. टमाटर के सेवन से विटामिन C,विटामिन K यानी शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या नहीं होती है. साथ ही हड्डियों को मजबूत रखने में भी सहायक होता है. टमाटर फोलेट (विटामिन बी 9) कोशिका के कार्य में मदद करता है, और एनीमिया जैसी बीमारी को रोकने में कारगर होता है. टोमैटे के जरिए बीटा कैरोटीन ( यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जिससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है) को भी मैंटेन किया जाता है. इसके अलावा कब्ज को दूर करने में भी यह फायदेमंद है. 

टमाटर खाने के नुकसान के सवाल पर न्यूट्रिशन शिखा सिंह ने बताया कि इसका सेवन ओरल एलर्जी सिंड्रोम ( मुंह में खुजली, गले में खराश या मुंह या गले में सूजन, त्वचा पर रैशेस) वाले लोगों को नहीं करना चाहिए. साथ ही माइग्रेन और किडनी वाले मरीजों को इस सब्जी से दूर रहना चाहिए. यूरिन के मरीजों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए. 

 तो यह है टमाटर के ऊपर तैयार की गई एक स्टोरी, जिसका इस्तेमाल किचन के अधिकांश रेस्पी में किया जाता है. यह सभी सब्जियों में खुद को घूलने वाला खाद्य पदार्थ है. इसलिए टोमैटे हमारे जरूरी भी है और मजबूरी भी है.

विश्व के प्रमुख देशों में टमाटर के दाम प्रति किलो 

पाकिस्तान में 1 किलो टमाटर का भाव 225 से 250 रुपए  
ब्रिटेन में 1 किलो टमाटर का भाव 250 से 275 रुपए 
जापान में 1 किलो टमाटर का भाव 200-210 रुपए 
स्विटजरलैंड 1 किलो टमाटर का भाव 250-260 रुपए
चीन में 1 किलो टमाटर का भाव 160-200 रुपए रुपए
अमेरिका में 1 किलो टमाटर का भाव 270-300 रुपए 
कनाडा में 1 किलो टमाटर का भाव 240-275 रुपए
सिंगापुर में 1 किलो टमाटर का भाव 240-260 रुपए
ऑस्ट्रेलिया में 1 किलो टमाटर का भाव 220-250 रुपए
डेनमार्क में 1 किलो टमाटर का भाव 240-250 रुपए

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