Tulsi Gabbard: अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नीतिगत तौर पर भारत के लिए एक और खुशखबरी आई. जब नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को बेहद अहम पद के लिए चुना. ट्रंप ने उनको नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर बनाया है. अब तुलसी गबार्ड का जलवा अमेरिका में छाया हुआ है. उनसे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर आपका सीना चौड़ा हो जाएगा. आइए जानते हैं कि अमेरिकी कांंग्रेस की पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड का क्या है भारत से नाता और कैसे उन्होंने अमेरिका में इतना ऊंचा मकाम हासिल किया.
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हरे कृष्णा हरे रामा की धुन गुनगुनाती तुलसी गबार्ड अब सुपर पावर अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक होंगी. अमेरिका में नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को अपनी कैबिनेट में जगह देते हुए डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस चुना है.
देखें: हरे कृष्णा हरे रामा गातीं तुलसी का Video
She is @TulsiGabbard,
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) November 14, 2024
New Director Intelligence of USA🔥
Her mother adopted Hinduism and raised her with Hindu values.
She always carries a copy of Bhagavad Gita. She took oath of office in 2013 with Bhagavad Gita.
pic.twitter.com/S95EVnsHmJ
बेहद निर्भीक हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी का इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बहुत अनुभव नहीं रहा है, लेकिन वो सिर्फ एक राजनेता ही नहीं हैं बल्कि उन्होंने सेना में अहम भूमिका निभाई है. बेहद निर्भिक और मजबूत शख्सियत वाली तुलसी गबार्ड 2003 में हवाई आर्मी नेशनल गार्ड में शामिल हुईं, 2004 से 2005 तक इराक में मेडिकल यूनिट में तैनात रहीं, 2008-2009 तक कुवैत में आर्मी मिलिट्री पुलिस प्लाटून लीडर के रूप में काम किया.
देखें- हथियार चलातीं तुलसी का Video
Hillary Clinton hates Tulsi Gabbard so much, she lied and tried to claim she's a Russian asset
— Ape𝕏 (@CubanOnlyTrump) November 14, 2024
Do you support Tulsi Gabbard as America’s next Director of National Intelligence ? 🇺🇸 pic.twitter.com/hUWpRteoSW
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2020 में यूएस आर्मी रिजर्व में पोस्टिंग हुई जहां 2021 में उनका लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर प्रमोशन हुआ. एक पूर्व सैनिक के रुप में कई मौकों पर मिडिल ईस्ट और अफ्रीका की जंग में तुलसी की तैनाती रही है. उनका ये सैन्य अनुभव उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में गहरी समझ और खास नजरिए देता है. यही वजह है डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है और सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाला है उसमें उन्होंने तुलसी की जमकर तारीफ की है.
TULSI GABBARD: "They are throwing EVERYTHING that they can at us to undermine our democracy because they are TERRIFIED of what a free people in a free society will do to uproot them from their power and bring our interests to the forefront once again.” pic.twitter.com/xVMVzRm6at
— Proud Elephant 🇺🇸🦅 (@ProudElephantUS) September 29, 2024
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मुझे यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड डीएनआई के रूप में सेवाएं देंगी. दो दशकों से ज्यादा समय से तुलसी ने हमारे देश और सभी अमेरिका के लोगों की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है.
यहां देखें- तुलसी गबार्ड का एक पुराना वीडियो
अपनी आगे की नीतियों को लेकर तुलसी ने कुछ साल पहले की अपनी स्पीच सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ये आज भी उतना ही प्रासंगिक है. इसमें उन्होंने आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में VeteransDay मनाते हुए कहा था कि हमारे लिए अपने दिग्गजों को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका ये सुनिश्चित करना है कि वर्दी में हमारे लोगों को केवल अंतिम उपाय के रूप में युद्ध के लिए तैनात किया जाए जब सभी राजनयिक उपाय समाप्त हो गए हों.
I’ve been a soldier for over 21 years, and currently serve as a Lieutenant Colonel in the Army Reserve. I’ve had the privilege of serving alongside countless great Americans, all of us willing to lay down our lives for the country we love. The best way for us to honor our… pic.twitter.com/IYT1TznOT3
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) November 11, 2024
अमेरिका में इतने बड़े पद की जिम्मेदारी पाने वाली 43 साल की तुलसी गबार्ड अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं. उन्होंने 2013 से 2021 तक डेमोक्रेटिक पार्टी से हवाई आईलैंड के दूसरे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व किया. गबार्ड चार बार सांसद रह चुकी हैं और 2020 में वो राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार भी थीं. ताजा चुनाव से पहले पाला बदलते हुए तुलसी ने रिपब्लिकन ज्वॉइन कर लिया था. अब डोनाल्ड ट्रंप ने उन पर भरोसा जताते हुए DNI की अहम जिम्मेदारी सौंपी है.
तुलसी गबार्ड का भारत से कनेक्शन
सबसे दिलचस्प बात ये है कि नाम की वजह से तुलसी गबार्ड को लोग भारत से जोड़ देते हैं, क्योंकि उनका पहला नाम हिंदू धर्म से जुड़ा है, जबकि गबार्ड का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है. तुलसी गबार्ड हवाई के स्टेट सीनेटर माइक गबार्ड और कैरल पॉर्टर गबार्ड की बेटी हैं. पिता माइक गबार्ड कैथलिक ईसाई हैं पर उनकी मां और उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया. उनकी मां ने अपने सभी बच्चों का हिंदू नाम रखा. तुलसी पूरी तरह शाकाहारी हैं, कांग्रेस की सदस्य होने की शपथ उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर ली.
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हिंदुओं से अत्याचार के खिलाफ उठाती हैं आवाज
तुलसी का लालन पालन भी हिंदू संस्कारों के तहत हुआ है जिसकी छाप उन पर साफ दिखती है. इसेे लेकर भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के बीच तुलसी गबार्ड खासा लोकप्रिय हैं. न सिर्फ नाम से बल्कि संस्कार और विचारों से भी तुलसी हिंदुत्ववादी हैं. भारत और हिंदुओं के लिए खुलकर बैटिंग करने वाली तुलसी गबार्ड पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी कई बार आवाज उठा चुकी हैं.
2021 में तुलसी ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें 1971 में वहां पाकिस्तानी सेना के किए अत्याचारों की कड़ी निंदा की थी, 2017 में उन्होंने भारत पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने पर पाकिस्तान की आलोचना की थी, और पाकिस्तान को मिल रहे अमेरिकी सैन्य सहायता में कटौती करने की कोशिश की थी.
हाल में बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता से बेदखली और छात्र आंदोलन के बाद तुलसी गबार्ड ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी निंदा की. तब ट्रंप ने भी इस मुद्दे के समाधान के लिए आवाज उठाई. उम्मीद जताई जा रही है कि सुपरपावर की खुफिया निदेशक के तौर पर इतनी दमदार शख्सियत वाली तुलसी गबार्ड नए मुकाम हासिल करेंगी.
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