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Karnataka Elections: दो 'तड़ीपार भी चुनावी समर में, एक कांग्रेस के टिकट पर तो दूसरा अपनी पार्टी से... जानें कौन

जून 2016 में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य योगेशगौड़ा गौदर की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री कुलकर्णी को नवंबर 2020 में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. शीर्ष अदालत ने अवैध खनन मामले में जनार्दन रेड्डी को कर रखा है तड़ीपार.

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Nihar Saxena
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Janardhana Tadipar

जी जनार्दन रेड्डी और विनय कुलकर्णी नहीं कर सकते अपने जिले में प्रवेश.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Elections 2023) से जुड़े कुछ रोचक पहलू भी सामने आ रहे हैं. मसलन 224 विधानसभा सीटों समेत दो तड़ीपार उम्मीदवारों विनय कुलकर्णी (Vinay Kulkarni) और जी जनार्दन रेड्डी (G Janardhana Reddy) की चुनावी किस्मत का भी जनता-जनार्दन फैसला करेगी. गौर करने वाली बात यह है कि अदालत द्वारा तड़ीपार घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार विनय कुलकर्णी अपने निर्वाचन क्षेत्र धारवाड़ नहीं जा सकते हैं, वहीं, जी जनार्दन रेड्डी ने बेल्लारी शहर से अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है. बीते दिनों विनय कुलकर्णी की ओर से उनकी पत्नी शिवलीला ने नामांकन पत्र (Nomination) दाखिल किया था. खास बात यह भी है को दोनों की पत्नियों को पूरा विश्वास है कि चुनावी समर में फतह उनकी ही होगी. शिवलीला तो यह कहने से भी नहीं चूकी, 'हमारे समर्थक इस दृढ़ विश्वास के साथ हमारा समर्थन कर रहे हैं कि 'साहेब' यहां आएंगे. उनकी अनुपस्थिति में मैं मतदाताओं से आशीर्वाद मांग रही हूं कि वे मुझे 'साहेब' मानें.

बीजेपी नेता की हत्या के आरोपी हैं विनय कुलकर्णी
चूंकि तड़ीपार घोषित होने के बाद मतदाताओं तक पहुंचने के लिए वीडियो और फोन कॉल ही एकमात्र साधन बचा हैं, तो कुलकर्णी ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'मैं आपके और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए खुद को समर्पित कर दूंगा. आप मेरी ताकत हैं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया.' जून 2016 में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य योगेशगौड़ा गौदर की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री कुलकर्णी को नवंबर 2020 में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह अदालती अनुमति के बगैर धारवाड़ नहीं जाएंगे. धारवाड़ को कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है, जहां कई ख्यातिप्राप्त साहित्यकार और संगीत उस्तादों का जन्म हुआ है. विनय कुलकर्णी ने बेंगलुरू स्थित विशेष अदालत से शहर में प्रवेश करने देने की अनुमति मांगी थी. अदालत ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. शुक्रवार को न्यायमूर्ति के नटराजन ने उनकी याचिका ही खारिज कर दी थी. कुलकर्णी के वकील ने तर्क दिया था कि चुनाव प्रचार के लिए उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में रहने की जरूरत है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था, उसे पता होना चाहिए कि अदालत ने उन्हें धारवाड़ में प्रवेश करने से मना किया था.

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बीजेपी सरकार के पूर्व मंत्री रेड्डी अपनी पार्टी के बैनर तले लड़ रहे हैं चुनाव
'बेल्लारी के रेड्डी ब्रदर्स' के रूप में लोकप्रिय पूर्व खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी का मामला भी विनय कुलकर्णी से बहुत अलग नहीं है. भाजपा के पूर्व मंत्री रेड्डी को शीर्ष अदालत ने अवैध खनन मामले के सिलसिले में कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और वाईएसआर कडप्पा जिलों में प्रवेश करने से रोका हुआ है. हालांकि जी जर्नादन रेड्डी ने भाजपा से नाता तोड़ अपनी  नई पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) बनाई थी. फिर भी हाल-फिलहाल उनके भाई जी करुणाकर रेड्डी और जी सोमशेखर रेड्डी भाजपा के साथ हैं और पार्टी के टिकट पर बेल्लारी सिटी और हरपनहल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं. चूंकि जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, इसलिए उन्होंने पड़ोसी कोप्पल जिले की गंगावती सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया.

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बीजेपी के टिकट पर बेल्लारी से मैदान में उतरे भाई के खिलाफ अपनी पत्नी को उतारा जनार्दन रेड्डी ने
यही नहीं, केआरपीपी नेता जनार्धन रेड्डी ने अपने ही भाई सोमशेखर रेड्डी के खिलाफ बेल्लारी सिटी से अपनी पत्नी लक्ष्मी अरुणा जी को मैदान में उतारा है. बीते दिनों नामांकन पत्र दाखिल करने के दिन लक्ष्मी अरुणा की आंखों में आंसू थे. वह अपने पति को याद कर रही थीं, जो उनके साथ नहीं थे. उन्होंने रिंग रोड, हवाई अड्डे, सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल और पीने के पानी जैसी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मतदाताओं का आशीर्वाद मांगा है. इन योजनाओं को जनार्दन रेड्डी ने शुरू किया था, लेकिन इनका बीच में ही काम रुक गया. जनार्दन रेड्डी ने कहा था, मैं केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, जहां मेरे पास चुनाव जीतने की गुंजाइश है. मेरा लक्ष्य 20 से 28 सीटें जीतना है. मैं अपनी क्षमता के साथ बूथ स्तर से अपनी पार्टी खड़ी कर रहा हूं. तड़ीपार होने से जनार्दन रेड्डी बेल्लारी जिले में अपनी पत्नी या अपनी पार्टी के किसी अन्य उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं कर सकते हैं. हालांकि जनार्दन रेड्डी बेल्लारी जिले को अपना गढ़ करार देते हैं.

HIGHLIGHTS

  • विनय कुलकर्णी पर है बीजेपी नेता की हत्या का आरोप
  • जी जनार्दन रेड्डी पर अवैध खनन मामले में है दर्ज केस
  • जनार्दन रेड्डी एक समय बीजेपी सरकार में मंत्री भी रहे 

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