Advertisment

क्या है Venus Orbiter Mission, जिसे मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, शुक्र ग्रह के किन रहस्यों को सुलझाएगा ISRO?

Venus Orbiter Mission: मोदी कैबिनेट ने शुक्र ग्रह पर जाने वाले मिशन को मंजूरी दे दी, जिसे वीनस ऑर्टिबर मिशन (VOM) नाम दिया गया है. आइए इस मिशन के बारे में जानते हैं.

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Venus mission 2

Venus Orbiter Mission

Venus Orbiter Mission: चंद्रमा, मंगल और सूर्य के बाद अब भारत की नजर शुक्र ग्रह पर है. मोदी कैबिनेट ने बुधवार को शुक्र ग्रह पर जाने वाले मिशन को मंजूरी दे दी. इस मिशन को वीनस ऑर्टिबर मिशन (VOM) नाम दिया गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने इस मिशन के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है वीनस ऑर्बिटर मिशन और इसके जरिए इसरो शुक्र ग्रह के किन रहस्यों को सुलझाएगा.

Advertisment

ये भी पढ़ें: Japan Army Scandal: क्या है जापान का वॉर टाइम 'डर्टी' स्लेवरी कांड, पूरी कहानी जान कांप जाएगी रूह!

2028 में लॉन्च होगा VOM

शुक्र ग्रह पर जाने वाले ये मिशन इसरो का 2014 के मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) के बाद दूसरा मिशन होगा. MOM मिशन के जरिए भारत ने इतिहास रचते हुए मंगल ग्रह की कक्षा में मंगलयान को सफलापूर्वक पहुंचा दिया था. अब भारत अंतरिक्ष में और लंबी छलांग लगाना चाहता है, इसके भारत का टारगेट मार्च 2028 तक वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) को लॉन्च करना है. 

Advertisment

क्या है वीनस ऑर्बिटर मिशन?

ISRO का लक्ष्य अभी शुक्र ग्रह पर लैडिंग करने का नहीं बल्कि उसकी ऑर्बिट में स्पेसक्राफ्ट को स्थापित करना है, इसलिए इस मिशन को वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) नाम दिया गया है, जिसकी लागत 1236 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 824 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे. इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक इंग्लिश बेवसाइट को बताया कि अंतरिक्षा यान का डिजाइन तैयार हो गया है. 

ये भी पढ़ें: लो जी आ गई बड़ी खबर, देश में New Income Tax System लाने की चल रही तैयारी, दूर होंगे टैक्सपेयर्स के ये झंझट!

Advertisment

किन रहस्यों को सुलझाएगा ISRO?

शुक्र ग्रह आकार, द्रव्यमान, घनत्व और आयतन में पृथ्वी के समान है, इसलिए इसे पृथ्वी की ‘जुड़वां बहन’ भी कहा जाता है. शुक्र हमारे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है, इसकी वजह शुक्र का घना वायुमंडल का होना है, जो मुख्य रूप से कार्बन हाईऑक्साइड से बना है, गर्मी को रोक लेता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ग्रह पर सल्फ्यूरिक एसिड के बने बादल हैं.  

ये भी पढ़ें: Quad Summit 2024 पर टिकीं दुनिया की निगाहें, PM Modi भी करेंगे शिरकत, जानिए- भारत की कितनी बड़ी भूमिका?

Advertisment

शुक्र की सतह पर वायुमंडलीय दबाव समुद्र तल पर पृथ्वी के दबाव से 90 गुना अधिक है. इस ग्रह के बारे में कई ऐसी बाते हैं, जो अभी तक रहस्य बनी हुई हैं.

वीनस ऑर्टिबर मिशन (VOM) के तहत शुक्रयान इस ग्रह की ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. यह एक साइंटिफिक स्पेसक्राफ्ट होगा, जो शुक्र ग्रह से जुड़े रहस्यों का पता लगाने में मदद करेगा.

इस मिशन के जरिए ISRO शुक्र ग्रह की स्टडी और अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को करेगा. इसरो शुक्र की सतह और उपसतह, वायुमंडलीय प्रक्रियाओं और शुक्र के वायुमंडल पर सूर्य के प्रभाव की जांच करेगा. 

Advertisment

इसके अलावा इसरो को शुक्र की स्टडी करने से धरती और बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी, क्योंकि दोनों ग्रह एक-दूसरे से मिलते जुलते हैं और कभी शुक्र ग्रह पर भी जीवन था.

ये भी पढ़ें: Big News: तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी-बीफ, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने किया कंफर्म, खुलासे से लोग हैरान

ISRO News ISRO BREAKING NEWS isro ISRO News Today Shukrayaan modi govt Venus Orbiter Mission ISRO News in hindi
Advertisment
Advertisment