Virginity Test: देश की टॉप मेडिकल बॉडी नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है. NMC ने वर्जिनिटी टेस्ट पढ़ाए जाने को लेकर बड़ा कदम उठाया है. संशोधित पाठ्यक्रम में बताया गया है कि वर्जिनिटी के ‘संकेत’ और वर्जिनिटी टेस्ट अवैज्ञानिक, अमानवीय और भेदभावपूर्ण है. हाइमन टॉपिक को भी पाठ्यक्रम से हटा दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि वर्जिनिटी टेस्ट क्या होता है. साथ ही NMC ने और क्या बड़े कदम उठाए हैं.
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पाठ्यक्रम से हटाए ये भी टॉपिक
एक इंग्लिश वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल मेडिकल कमीशन ने गुरुवार को मेडिकल एजूकेशन करिकुलम के संशोधित गाइडलाइन जारी की, जिसके अनुसार समलैंगिकता (Lesbianism) और सोडोमी (Sodomy) को अप्राकृतिक यौन अपराध के रूप में से हटा दिया गया है. सोडोमी एक सेक्सुअल क्रिया है, जिसमें ओरल और एनल सेक्स शामिल हैं. संशोधित पाठ्यक्रम में कौमार्य (Virginity) और कौमार्यभंग (Defloration) परिभाषित किया गया है, लेकिन हाइमन और इसके प्रकार, इसके चिकित्सा-कानूनी महत्व जैसे टॉपिक हटा दिए गए हैं.
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संशोधिक पाठ्यक्रम में मेडिकल छात्रों को ये सिखाने की बात की गई है कि अगर किसी केस में वर्जिनिटी टेस्ट (जिसमें टू-फिंगर टेस्ट भी शामिल है) का कोई आदेश दिया जाता है, तो इन टेस्ट्स के अवैज्ञानिक होने के बारे में कोर्ट को कैसे बताएं. फेटिशिज्म (Fetishism), सैडिज्म (Sadism), नेक्रोफिजिया (Necrophagia), मेसोकिज्म (Masochism), फ्रोट्यूरिज्म (Frotteurism) और नेक्रोफिलिया जैसे टॉपिक भी हटाए गए हैं.
क्या होता है वर्जिनिटी टेस्ट?
वर्जिनिटी टेस्ट लड़कियों के कौमार्य से जुड़ा परिक्षण है. लड़की वर्जिन है या नहीं, ये पता लगाने के लिए लोगों ने तरह-तरह के तरीके ढूंढ लिए. जैसे पहली रात चादर पर दाग और टू फिंगर टेस्ट आदि. कई सारी लड़कियां ही नहीं लड़के भी मानते हैं कि पहली बार किया जाने वाला सेक्स दर्द भरा होता है और इस दौरान खून निकलता है, क्योंकि इस समय हाइमन टूटता है. इसको लेकर लोगों के बीच कई तरह की गलत धारणाएं भी फैली हुई हैं, जिनसे ग्रसित लोग ये मानते हैं कि ऐसा नहीं होने पर लड़की चरित्रहीन है.
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हाइमन है क्या चीज?
हाइमन एक झिल्ली होती है, जो लड़कियों के प्राइवेट पार्ट की शुरुआत में होती है. यह एक इलास्टिक टिशू (Elastic Tissue) होता है. यह स्ट्रेच और एडजस्ट हो सकता है. हर लड़की में हाइमन अलग-अलग होता है. किसी लड़की के हाइमन की झिल्ली पतली तो किसी की मोटी होती है. किसी के हाइमन में एक छेद होता है तो किसी के हाइमन में कई छोटे-छोटे छेद हो सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि किसी लड़की के जन्म ही हाइमन न हो.
वहीं, ऐसा भी हो सकता है कि फिजिकल एक्टिविटी से भी लड़कियों का हाइमन टूट सकता है या फिर इसकी बनावट में बदलाव आ सकता है. कुछ लोगों को लगता है कि हाइमन एक प्रकार की दीवार है, जो वजाइना को कवर करती है और सेक्स के समय टूट जाती है. यह सोच पुरी तरह से गलत है, ऐसा बिल्कुल नहीं होता है. हाइमन का वर्जिनिटी से कोई कनेक्शन नहीं है. यह एक प्रकार की मानसिक है, जिसे लोग सदियों से मान कर रहे हैं.
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