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Kolkata Doctor Case: क्या होता है सीमन सैंपल, रेप-मर्डर मामलों में कैसे बनती है क्रिमिनल तक पहुंचने की अहम कड़ी?

कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज के अंदर एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ जिस तरह दरिंदगी हुई. अब सवाल ये है कि सीमन सैंपल क्या होता है, यह महिलाओं के साथ यौन अपराध जैसे रेप और मर्डर मामलों में कैसे क्रिमिनल तक पहुंचने की अहम कड़ी बनती है. 

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Ajay Bhartia
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Kolkata Doctor Rape Murder Case

यौन अपराधों में सीमन सैंपल कितना अहम? (Image: Social Media)

What is Semen Sample: कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज के अंदर एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ जिस तरह दरिंदगी (Kolkata doctor rape-murder case) हुई. उससे देशभर में उबाल आ गया. वहीं 31 वर्षीय मृतक डॉक्टर के पेरेंट्स ने संदेह जताया है कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप किया गया था. उन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट में दायर की याचिका में आरोप लगाया है कि पीड़िता के शरीर में 150 mg सीमन (वीर्य) पाया गया था. अब सवाल ये है कि सीमन सैंपल क्या होता है, यह महिलाओं के साथ यौन अपराध जैसे रेप और मर्डर मामलों में कैसे क्रिमिनल तक पहुंचने की अहम कड़ी बनती है. 

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क्या होता है सीमन सैंपल?

जब भी महिलाओं के साथ रेप और मर्डर बर्बर घटनाएं होती हैं. ऐसे में पीड़िता के शरीर, कपड़ों, बेडशीट, कमरों की दीवारों और पोंछने में इस्तेमाल छोटे कपड़ों से बॉडी फ्लूइड के सैंपल कलेक्ट किए जाते हैं. इनमें आरोपी का ब्लड, थूक, यूरीन और सीमन (वीर्य) आदि हो सकता है. सीमन पुरुष जननांगों द्वारा बनाया गया एक तरह का लिक्विड होता है. इसमें शुक्राणु (sperm) होते हैं, जो संतानोत्‍पत्ति का कारण होते हैं. आमतौर पर इस सीमन में प्रोटीन और डीएनए पाया जाता है.

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सीमन कलेक्शन की स्थितियां

महिलाओं के साथ यौन अपराध की वारदातों के बाद सीमन कलेक्शन में कई तरह की स्थितियां देखने को मिलती हैं. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं–

  1. कलेक्ट किया गया सीमन सैंपल गीला है या फिर हल्का सूख गया है, तो उसमें पाए जाने वाले स्पर्म जिंदा होंगे. इससे साफ होता है कि घटना 2-3 घंटे पहले घटित हुई होगी.

  2. सीमन के सूखा होने, लेकिन कुछ स्पर्म के जिंदा होने की सूरत में वारदात को अंदाजा दिए जाने का समय अधिक हो सकता है.  

  3. सीमन पूरी तरह से सूख गया है, और उसमें पाए जाने वाले सभी स्पर्म मर चुके हैं. इससे साफ होता है कि वारदात 48 घंटे से अधिक समय पहले हुई होगी.

  4. वारदात के बाद सीमन को पानी, साबुन या फिर कैमिकल से धो दिया गया हो.

  5. सीमन किसी कपड़े पर था, लेकिन उस कपड़े को कई बार धो दिया गया.

  6. सीमन सैंपल महिला के शरीर के भीतर से उठाया गया हो तो उसे वजाइनल स्वैब (Vaginal Swab) कहा जाता है. 

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सीमन कलेक्शन से जुड़ी अहम बातें

  • पीड़िता से वारदात के 4 से 5 घंटे के भीतर सीमन सैंपल कलेक्ट किया जाए, तो उसमें स्पर्म जिंदा मिलेंगे. ऐसे में पुलिस को चाहिए कि रिपोर्टिंग के तुरंत बाद शीध्रता से कार्यवाही शुरू करे. 

  • वारदात के 24 घंटे में सीमन सैंपल लिया जाए, तो ज्यादातर स्पर्म मर चुके होंगे. वहीं, 48 घंटे के बाद तो स्पर्म के जिंदा मिलने की कोई संभावना नहीं है.

  • पानी या साबुन से धोने से सीमन का प्रोटीन वाला हिस्सा धुल जाता है, लेकिन DNA वाला हिस्सा बचा रह जाता है. साबुन से धोने से सैंपल और कमजोर हो जाता है, फिर भी उसमें से डीएनए को प्राप्त किया जा सकता है.

  • कम डीएनए मिले भी तो भी फॉरेंन्सिक एक्सपर्ट अपनी पीसीआर किट के द्वारा उसकी संख्या को मल्टीप्लाई कर लेते हैं और रिजल्ट निकालने लायक बना लेते हैं.

  • कैमिकल से सीमन को धूलने से उसकी कैमिकल बॉन्डिंग टूट जाती है. किसी भी एरोमैटिक सोलवेंट से धूलने पर सीमन और उसमें पाए जाने वाले स्पर्म और डीएनए नष्ट हो जाता है.

  • कुछ मामलों में पीड़िता के शरीर में स्पर्म पांच दिनों तक जिंदा पाए गए हैं. वारदात के बाद जब तक सैंपल कलेक्शन नहीं होता जाता है, तब तक पीड़िता को नहलाना नहीं चाहिए. 

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क्यों कलेक्ट किया जाता है सीमन सैंपल?

  • आरोपों की सच्चाई परखने के लिए सीमन सैंपल कलेक्ट किया जाता है. इससे यह जांच की जा सकती है कि वो सीमन उसका ही है या नहीं.

  • सीमन सैंपल की जांच DNA एनालिसिस से ही की जा सकती है. हर व्यक्ति का अपना यूनिक DNA होता है, जो सीमन में पाया जाता है.

  • अगर DNA एनालिसिस में आरोपी का DNA टेस्ट में मैच पाया जाता है, तो साफ हो जाता है कि वही दोषी है और अपराध में लिप्त है.

  • महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों में सीमन सैंपल क्रिमिनल तक पहुंचने की अहम कड़ी मानी जाती है, क्योंकि आरोपी को दोषी सिद्ध करने के लिए ये सबसे सटिक और ठोस सबूत माना जाता है.

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