Sim Box Racket News: साइबर क्रिमिनल्स आपको धोखा देने, आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन चुराने या फिर आप से पैसा ठगने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. ये डिजिटल ‘डकैत’ बड़ी-बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. ये नया तरीका ‘सिम बॉक्स’ डिवाइस से जुड़ा है, जिससे शातिर क्रिमिनल्स का नेटवर्क अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम दे रहे थे. आइए जानते हैं कि क्या होता है सिम बॉक्स, अपराधी किसलिए इसका इस्तेमाल करते हैं और उन्होंने कैसे टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों को चूना लगा दिया है.
जांच एजेंसियों के लिए बना सिरदर्द
सिम बॉक्स रैकेट का पूरे देश में फैला हुआ जाल सुरक्षा एजेसिंयों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. देश की आतंरिक सुरक्षा से जुड़े इस मामले ने उनके होश उड़ा रखे हैं. जांच एजेसिंयां इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में अपना दिमाग खपा रही हैं. उनको मामले में तब बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब ओडिशो के भुवनेश्वर से राजू मंडल नाम के एक एजेंट को अरेस्ट किया गया.
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क्या-क्या हुए खुलासे?
पश्चिम बंगाल के राजू मंडल ने पुलिस रिमांड में कई हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया कि कैसे सिम बॉक्स क्राइम नेटवर्क के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं. जांच में पता चला है कि-
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सिम बॉक्स रैकेट का मास्टरमाइंड बांग्लादेश का रहने वाला असदुर जमान (Asadur Zaman) है. उसने राजू मंडल के साथ देश में अपना पूरा नेटवर्क तैयार था.
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ओड़ीशा से शुरू हुआ इस नेटवर्क का जाल अब झारखंड और पश्चिम बंगाल तक दिखाई दे रहा है. कहा जा रहा है बांग्लादेश से होते हुए ये नेटवर्क देश के कई राज्यों में लगातार फैल रहा है.
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नेटवर्क बांग्लादेश से पाकिस्तान, चीन और मध्य एशिया तक टेलीफोन कॉल के साथ रैकेट जोड़कर काम कर रहा है.
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इनके मुनाफे का लेनदेन भारत बांग्लादेश के बॉर्डर के पास ही होता था इसीलिए ये नेटवर्क बहुत ही खतरनाक हो जाता है.
क्या होता है सिम बॉक्स? (What is SIM box)
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सिम बॉक्स एक ऐसा उपकरण है, जिसके जरिए राउटर या इंस्ट्रूमेंट को लगाकर किसी के भी कॉल को डायवर्ट किया जा सकता है.
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एक सिम बॉक्स मशीन के जरिए कई सारी सिमों को चलाया जा सकता है, जिससे सर्विलांस कर पाना बहुत ही कंफ्यूजिंग हो जाता है.
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एक सिम बॉक्स के जरिए एक साथ 500 से अधिक मोबाइल फोन ऑपरेट किए जा सकते हैं. वहीं एक साथ एक ही क्लिक में 1000 से अधिक मैसेज भेजे जा सकते हैं.
किसलिए इस्तेमाल करते हैं अपराधी? (How is SIM box used in crime)
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इन मैसेज का इस्तेमाल किसी भी तरह की आपराधिक साजिश, उन्माद या फिर अफवाह फैलाने में भी किया जा सकता है.
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स्कैमर्स फेक आईडी से बड़ी संख्या में नकली सिम कार्ड प्राप्त करते हैं, और उनको सिम बॉक्स में इस्तेमाल करते हैं.
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ये डिवाइस आए हुए किसी भी फोन कॉल को रीरूट करने (डायवर्ट) कर सकती है, जिससे कॉलर का नंबर और लोकेशन ट्रैस नहीं हो पाती है.
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दूसरे शब्दों में समझें तो ये डिवाइस देश के बाहर से किए गए वीओआईपी कॉलों को लोकल कॉल्स में बदल सकता है.
कैसे लगाया करोड़ों का चूना?
सिम बॉक्स के जरिए ये अपराधी टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों का चूना रहा हैं. आइए जानते हैं कि ये रैकेट कैसे इस काम को अंजाम दे रहा था. इंटरनेशन फोन कॉल कीमत लोकल रेट से बहुत अधिक होती है. कॉलर को इंटरनेशनल फोन कॉल के लिए प्रति मिनट 4 से 45 रुपये देने पड़ते हैं, लेकिन सिम बॉक्स के जरिए ये महज कुछ ही पैसों में हो जाता है. इससे कस्टमर को तो फायदा होता ही है, वहीं ये रैकेट भी कमीशन की आड़ में मोटा पैसा बना लेते हैं. नतीजतन टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ता है.
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देश की सुरक्षा के लिए खतरा
मान लीजिए कि किसी को बांग्लादेश, पाकिस्तान या फिर चीन में फोन करना है या किसी का फोन वहां से आता है, तो ये लोग यहां से लोकल सिम के जरिए कस्टमर तक इसे डाइवर्ट कर देते थे. इस तरह किए गए कॉल का रिकॉर्ड, लोकेशन और डिटेल वो किसी को भी नहीं मिलता है. ऐसे में किसी भी तरह का क्राइम होने की स्थिति में अपराधी तक पहुंच पाना पुलिस के लिए लगभग नामुमकिन सा होता है, इसलिए ‘सिम बॉक्स’ देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है.
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