What is Agniveer Scheme: 'अग्निवीर योजना पर फिर से विचार करने की जरूरत...', जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के इस बयान ने सियासत में हलचल बढ़ा है. कांग्रेस, समाजवार्टी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत अन्य राजनीतिक दलों की ओर से भी अग्निवीर स्कीम पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं. नई सरकार में जेडीयू 'किंगमेकर' की भूमिका में है. आम चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, पार्टी बहुमत से 32 सीटें दूर है. एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल टीडीपी ने 16 और जेडीयू ने 12 सीटें जीती हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि अग्निवीर योजना को लेकर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बयान देकर जो दबाव बनाया है, क्या नरेंद्र मोदी उसके आगे झुकेंगे.
जेडीयू ने क्रिएट किया दबाव
बीजेपी जेडी(यू) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के समर्थन से केंद्र में एनडीए सरकार बनाने जा रही है. नरेंद्र मोदी रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले ही जेडीयू ने अग्नवीर योजना पर समीक्षा की मांग उठाकर दबाव क्रिएट कर दिया है. उनके बयान के बाद अग्निवीर योजना को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस, समाजवार्दी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और आम आदमी पार्टी (एएपी) समेत अन्य दलों की केसी त्यागी के बयान पर प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
अग्निवीर योजना पर फिर शुरू बहस
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है, लेकिन वे चाहते हैं कि अग्निपथ योजना की कमियों पर विस्तार से चर्चा की जाए. उन्होंने कहा, 'मतदाताओं का एक वर्ग अग्निवीर योजना से नाराज है. हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की जाए और उन्हें दूर किया जाए.'
#WATCH | JD(U) spokesperson KC Tyagi says, "A section of voters has been upset over the Agniveer scheme. Our party wants those shortcomings which have been questioned by the public to be discussed in detail and removed...On UCC, as the national president of the party, CM had… pic.twitter.com/KBKbmJHXZL
— ANI (@ANI) June 6, 2024
केसी त्यागी के बयान के बाद बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने अग्निवीर योजना पर कहा, 'राजनाथ सिंह ने इस पर बयान दिया है और समीक्षा की बात कही है.'
'अग्निवीर व्यवस्था तुरंत खत्म होनी चाहिए'
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि अग्निवीर व्यवस्था तुरंत खत्म होनी चाहिए. सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि उनकी गलती है कि उन्हें अग्निवीर जैसी व्यवस्था नहीं लानी चाहिए थी. और न केवल अग्निवीर व्यवस्था खत्म होनी चाहिए बल्कि बहुत से नौजवान जिनको रोजगार नहीं मिल पाया, फौज में जाना चाहते थे, उन्हें उम्र की छूट भी देनी चाहिए.' बता दें कि हालिया लोकसभा चुनाव में समाजवादी ने उत्तर प्रदेश में 37 सीटें जीती हैं.
केसी त्यागी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंदर हुड्डा ने कहा, 'इसके खिलाफ तो पूरा देश है. मैं समझता हूं कि जेडीयू ने जो कहा है, वो ठीक है. अग्निवीर योजना तुरंत समाप्त होनी चाहिए.'
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'जेडीयू इस सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है. नीतीश कुमार महात्मा गांधी के विचारों पर चलने वालों में से हैं. जनता ये देखेगी कि जेडीयू इस मुद्दे पर क्या करती है. अग्निवीर, बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस, जाति जनगणना मुद्दे हैं. लोग देख रहे हैं कि बिहार को क्या मिलेगा और बिहार के लोगों को इससे क्या फ़ायदा होगा.'
'अग्निवीर स्कीम से बहुत लोग असंतुष्ट'
राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, 'इस स्कीम के बारे में बहुत लोग असंतुष्ट हैं. मैं समझता हूं कि इसका इलेक्शन पर प्रभाव भी पड़ा है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बाकी जगहों में. 'दयालु भगवान' को सोचना चाहिए कि इस पर विचार होना चाहिए. क्योंकि 'भगवान जी' अब तो सब लोगों के विचारों के साथ ही आगे बढ़ेंगे.'
'अग्निवीर योजना से लोग बहुत परेशान'
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी के अग्निवीर योजना पर दिए गए बयान पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, '...जब अग्निवीर योजना शुरू की गई थी, तब बीजेपी ने कहा था कि इससे बेहतर कोई योजना नहीं हो सकती. जेडीयू और अन्य दलों को पता चला कि यह योजना लोगों को परेशान कर रही है. इसकी वजह से बेरोगजारी बढ़ रही है. क्या प्रधानमंत्री घटक दलों के दवाब में झुकेंगे.
चुनावों में जोरशोर से उठा अग्निवीर का मुद्दा
अग्निवीर स्कीम लागू होते ही विवादों में आ गई थी. इस स्कीम में सिर्फ 4 साल की सर्विस को विपक्ष ने युवाओं के साथ धोखा बताया था. कांग्रेस ने अपने चुनावी कैंपेन में अग्निवीर स्कीम को मुख्य मुद्दा बनाया है. हरियाणा के महेंद्रगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के जवानों को मजदूरों जैसा बना दिया है. सेना को अग्निवीर योजना नहीं चाहिए, यह पीएमओ द्वारा बनाई गई योजना है. कांग्रेस के सत्ता में आते ही हम इस योजना को कूड़ेदान में फेंक देंगे.'
अग्निवीर योजना पर सरकार का स्टैंड
हालांकि, मोदी 2.0 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कह चुके हैं कि 'अग्निवीर का भविष्य भी सुरक्षित रहे इसलिए जरूरत पड़ी तो हम योजना में बदलाव भी करेंगे. सेना को युवाओं की जरूरत है.'
अग्निवीर योजना क्या है? (What is Agniveer Yojana)
- अग्निपथ योजना की योजना 14 जून 2022 को लागू की गई थी, जो भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में जवान, एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लाई गई एक नई स्कीम है.
- यह आर्म्ड फोर्सेज के लिए एक अखिल भारतीय शॉर्ट टर्म सेवा युवा भर्ती स्कीम है. अग्निवीर के रूप में भर्ती किए जाने वाले जवानों की तैनाती रेगिस्तान, पहाड़, भूमि, समुद्र या हवा में की जाएगी.
- भर्ती हुए नए जवानों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. उनका कार्यकाल 4 वर्षों का होगा. इन चार सालों में से 6 महीने सैनिकों को बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी.
- यह स्कीम ऑफिसर रैंक के सैन्यकर्मियों के लिए नहीं है. उनकी भर्ती के लिए मौजूदा अलग-अलग प्रक्रियाएं चलती रहेंगी.
- अगर आप की आयु 17.5 से 21 के बीच में है, तो आप इस योजना के तहत भर्ती होने के लिए आवेदन दे सकते हैं. कोरोना काल में भर्तियां नहीं हुई थी. इसके चलते केवल इस साल उम्र की अधिकतम सीमा में 2 साल की छूट दी गई. युवाओं का चयन मौजूदा मेडिकल और फिजिकल नियमों होगा.
- आर्म्ड फॉर्सेस के नियमों के मुताबिक, अग्निवीर के लिए 10वीं या 12वीं पास की शैक्षिक योग्यता अनिवार्य होगी.
- सेना के तीनों अंगों ने कहा है कि काम करने की शर्तें और हर तरह के भत्ते यानी दुर्गम क्षेत्रों में काम करने वाला या राशन या यूनिफॉर्म या यात्रा के भत्ते हों, सब के सब पहले के जवानों जैसे ही होंगे. हालांकि, अग्निवीर महंगाई भत्ता और मिलिट्री सर्विस पे को पाने के काबिल नहीं होंगे.
- अग्निवीरों को पूर्व सैनिकों का दर्जा और अन्य सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी.
- सेना में अग्निवीर अपने आप में एक अलग रैंक होगी.
- चार साल की सेवा पूरी करने के बाद कोई अग्निवीर सेना के किसी भी अंग में तभी नियमित हो पाएंगे, जब वे जूनियर कमीशंड अफसर और इस जैसे पदों के रेगुलर नियमों द्वारा शासित हो पाएंगे.
- नियमित जवानों से अलग दिखने के लिए अग्निवीरों को अपनी वर्दी पर अलग बैज लगाए जाएंगे.
- सेवा करते हुए उन्हें बाकी जवानों की ही तरह सम्मान और पुरस्कार मिल सकेगा. तीनों सेनाओं ने कहा है कि तैनाती और ट्रांसफर के मामलों में कहीं कोई अंतर नहीं किया जाएगा.
- सेवा में रहने के दौरान अग्निवीरों को फौज में रहते हुए मिलने वाली हेल्थ और कैंटीन सुविधाएं तो मिलेंगी, लेकिन एक बार 4 साल की सर्विस पूरी कर लेने का बाद उनको न पेंशन, ग्रेच्युटी सुविधाएं और न ही पूर्व सैनिकों को मिलने वाली मेडिकल और कैंटीन सुविधाएं मिलेंगी.
Source : News Nation Bureau