What is Bottom Trawling: मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों में एक विवादास्पद मुद्दा है. दोनों देशों के मछुआरों को अनजाने में एक-दूसरे के जलक्षेत्र में घुसने के लिए अक्सर गिरफ्तार किया जाता है. ताजा मामला 24 जून का है. जब 10 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका में अरेस्ट किया गया. इन मछुआरों पर अवैध रूप से श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए घुसने और बॉटिंग ट्रॉलिंग में एक श्रीलंकाई नेवी के नाविक की मौत होने का आरोप लगाया. ऐसे में सवाल उठता है कि ये बॉटम ट्रॉलिंग क्या है, जो श्रीलंका में अरेस्ट भारतीय मछुआरों के विवाद की जड़ में है.
श्रीलंका का क्या है कहना?
मछुआरों के ताजा विवाद पर श्रीलंकाई अधिकारियों के मुताबिक, 10 भारतीय मछुआरों को पकड़ा गया है, जो अवैध रूप से श्रीलंकाई जलक्षेत्र में घुसे थे. ये मछुआरे समुद्र तल पर मछलियों को पकड़ने के लिए बॉटम ट्रॉलिंग कर रहे थे. इनके ट्रॉलर को जब्त करने के दौरान चोट लगने से नेवी के एक नाविक की मौत हो गई. इन मछुआरों पर एक नाविक की मौत का भी आरोप लगाया है.
वहीं, श्रीलंकाई नौसेना ने कहा गया है कि ये मुछआरे बॉटम ट्रॉलिंग कर रहे थे. नेवी स्पेशल बोट स्क्वाड्रन ने एक्शन लिया. ट्रॉलर को जब्त करने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना के एक सीनियर नाविक को गंभीर चोटें लग गईं. दुर्भाग्य से उसने जाफना के टीचिंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इस मामले में 10 भारतीय मछुआरों को अरेस्ट किया गया और उनके ट्रॉलर को जब्त कर लिया गया.
साथ ही बताया कि जब्त किए गए ट्रॉलर को कांकेसंथुराई बंदरगाह (Kankesanthurai Harbour) लाया गया. मछुआरों को कानूनी कार्रवाई के लिए मैलाडी मत्स्य निरीक्षक (Mailadi Fisheries Inspector) को सौंप दिया गया. पकड़े गए सभी भारतीय मछुआरों के खिलाफ अब कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा. इन मछुआरों पर श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने, ऑपरेशन के दौरान एक नौसैनिक की मौत और नौसेना की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं.
श्रीलंका के साथ मछुआरा मुद्दा
मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों में एक विवादास्पद मुद्दा है. जिसमें श्रीलंकाई नौसेना ने पल्क जलडमरूमध्य (Palk Strait) में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी भी की और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने की कई कथित घटनाओं में उनकी नावों को जब्त कर लिया.
पल्क जलडमरूमध्य, तमिलनाडु को श्रीलंका से अलग करने वाली पानी की एक संकरी पट्टी है, जो दोनों देशों के मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का एक समृद्ध क्षेत्र है. दोनों देशों के मछुआरों को एक-दूसरे के जलक्षेत्र में अनजाने में घुसने के कारण अक्सर गिरफ्तार किया जाता है.
श्रीलंकाई नौसेना ने कहा कि उसने इस साल अब तक देश के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 200 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है और 27 ट्रॉलर जब्त किए हैं.
भारत सरकार का बयान
श्रीलंका में पकड़े गए मछुआरों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि श्रीलंका में पकड़े गए मुछआरों को वापल लाने की सरकार पूरी कोशिश करेगी. इन दस मछुआरों के मामले में हमारे उच्चायोग को जानकारी है. हमने इस मुद्दे को श्रीलंकाई पक्ष के साथ उठाया है.'
#WATCH | On fishermen caught in Sri Lanka, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have always attached the highest importance to the welfare of our fishermen who get caught broad, and we have tried our best to bring them back. On these ten fishermen, our high commission is… pic.twitter.com/5Jjk0Zc0Sd
— ANI (@ANI) June 28, 2024
क्या है बॉटम ट्रॉलिंग?
बॉटम ट्रॉलिंग, समुद्र तल पर मछलियों और दूसरे समुद्री जीवों को पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मछली पकड़ने की एक विधि है. इसमें, मछली पकड़ने के जाल को समुद्र तल पर खींचा जाता है, जिसे ट्रॉल कहते हैं. इसे ड्रैगिंग भी कहा जाता है. बॉटम ट्रॉलिंग को बेन्थिक ट्रॉलिंग और डेमर्सल ट्रॉलिंग की होती है. बेन्थिक ट्रॉलिंग में जाल को समुद्र के बिल्कुल नीचे खींचा जाता है. बॉटम ट्रॉलिंग से झींगा, ऑक्टोपस, हैलिबूट जैसी समुद्री प्रजातियां पकड़ी जाती हैं. बॉटल ट्रॉलिंग को जलीय वातावरण के लिए हानिकारक बताया जाता है. बॉटम ट्रॉलिंग से समुद्र तल पर मौजूद जैव विविधता को नुकसान पहुंचता है.
Source : News Nation Bureau