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Explainer: ब्रेन रोट क्या है और इंटरनेट पर क्यों हो रही है चर्चा? चौंकाने वाली है जानकारी, ऐसे बचें!

इंटरनेट पर 'ब्रेन रोट' टर्म काफी चर्चा में है. इस टर्म का इस्तेमाल अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स स्पेशली टिकटॉक और एक्स पर यूजर्स करते हैं. आइए जानते हैं कि ब्रेन रोट क्या है, ब्रेन रोट का क्या कारण हो सकता है, इससे खुद को कैसे बचाएं.

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Ajay Bhartia
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Brain Rot

ब्रेन रोट (सांकेतिक तस्वीर)( Photo Credit : Social Media)

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What is brain rot: इंटरनेट पर 'ब्रेन रोट' टर्म काफी चर्चा में है. इस टर्म का इस्तेमाल अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स स्पेशली टिकटॉक और एक्स पर यूजर्स करते हैं. हाल ही में इसको लेकर चर्चा तब सामने आई जब एक टिकटॉक यूजर ने सेकंड वर्ल्ड वॉर से जुड़ा एक मीम पोस्ट किया, जिसे 'द 2000 यार्ड स्टेयर' कहा जाता है, जिसमें युद्ध की भीषणता को देखने पर एक सैनिक शॉक्ड हालत में दिखता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि ब्रेन रोट क्या है, ब्रेन रोट का क्या कारण हो सकता है, इससे खुद को कैसे बचाएं.

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ब्रेन रोट क्या है?

'ब्रेन रोट' एक स्लैंग शब्द है, जो 'मानसिक धुंधलेपन' की स्थिति को दर्शाता है. सरल शब्दों में कहें तो ब्रेन रोट लॉ क्वालिटी कंटेंट देखने में बहुत अधिक ऑनलाइन समय बिताने का प्रभाव है. आमतौर पर ब्रेन रोट कंटेंट उन वीडियो या सोशल मीडिया पोस्ट्स को दर्शाते हैं, जो रिएटली से अलग होते हैं. इस तरह के कंटेंट को देखकर लोग अजीबोगरीब राय, बेतुके विचार और अजीब व्यवहार करने लगते हैं. वे वास्तविकता से दूर एक अलग ही दुनिया में खो हुए दिखते हैं. 'ब्रेन रोट' का मीनिंग इंटरनेट के अधिक उपयोग से होने वाली मानसिक गिरावट से भी सकता है.

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आजकल टिकटॉक, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स की भरमार है. ये रील्स औसतन 60-90 सेकंड की होती हैं. जब कोई इनको देखना शुरू करता है, तो उसको पता ही नहीं चलता है कि कब वो 100-200 रील्स देख गया. क्या हो अगर ये रील्स किसी खास टॉपिक से जुड़ी हुई हों, जिन्हें देखने उसके दिमाग पर विपरित प्रभाव पड़े और वह एक अलग ही और बेतुकी राय रखने लगे और अजीब ही व्यवहार करने लगे. बिना ये महसूस किए कि अधिकतर लोग उस तरह से नहीं सोचते या काम नहीं करते हैं. ऐसे में आप उस शख्स से कह सकते हैं कि 'यार, तुम्हें टिकटॉक से दूर हो जाना चाहिए, तुम्हारा दिमाग खराब यानी ब्रेन रोट हो गया है.'

'ब्रेन रोट' होने पर क्या होता है?

2004 से इस शब्द उपयोग ऑनलाइन किया जा रहा है, लेकिन यह टर्म साल 2023 के आखिर में विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ. 'ब्रेन रोट' कंटेट में ऐसे मीम्स, गेम्स, वीडियो हो सकते हैं, जिन्हें लगातार देखने से नेटिजंस मूर्खतापूर्ण या बेतुके विचार व्यक्त करते हैं. ऐसे लोग ब्रेन रोट कंटेंट के नजरिए से ही दुनिया को देखने लगते है. बेन रोट से ग्रसित शख्स दिमागी तौर से कमजोर होने लगता है. उसके इंटेलीजेंस लेवल यानी सोचने समझने की क्षमता में गिरावट आती है. उसकी काम करने की क्षमता में गिरावट आ सकती है. वह अन्य लोगों से बिल्कुल अजीबोगरीब व्यवहार भी करने लगता है. ऐसे लोग जीवन की असल वास्तविकता से भटके हुए दिखते हैं.

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'ब्रेन रोट' से कैसे बचें?

- अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि 'ब्रेन रोट' ऑनलाइन अधिक समय बिताने से होता है. इससे बचने के लिए आपको सबसे पहले तो अपना स्क्रीन टाइम घटना होगा.

- साथ ही आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं, इसका चयन भी बड़ी ही सूझबूझ के साथ करें. अगर कंटेंट किसी खास टॉपिक पर बेतुकी राय बनाता है, तो उसे देखने से बचें.

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- ब्रेन रोट से बचने के लिए खुद को क्रिएट वर्क में इंगेज रखें और किताबें पढ़ें. किताबें पढ़ना दिमाग के विकास के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.

- आजकल लोग अधिकतर समय मोबाइल पर बिताते हैं. वो भी ब्रेन रोट का शिकार हो सकते हैं. ऐसे लोगों को मोबाइल छोड़कर बाहर समय बिताना चाहिए. उनको लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करनी चाहिए.

- अगर आप ब्रेन रोट या इंटरनेट की लत से अधिक परेशान हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

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Source : News Nation Bureau

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