Spain Bull Race: स्पेन में एक बार फिर पारंपरिक सैन फर्मिन फेस्टिवल मनाया जा रहा है. इस फेस्टिवल में बुल रेस होती है. सांडों को पकड़ने के लिए उन्मादी भीड दौड़ती है. इस दौरान कई लोग घायल भी हो जाते हैं. कई बार मौत तक हो जाती है. फिर भी इस फेस्टिवल को लोग खूब एन्जाय करते हैं. लेकिन इस बुल रेस में जानवरों पर अत्याचार भी होता है. आइए जानते हैं कि क्या है ये बुल रेस, जिसे स्पेन का सबसे खतरनाक खेल कहा जाता है. क्या है इस रेस की परंपरा और क्यों इसका विरोध हो रहा है.
सांडों से दो-दो हाथ करते हैं लोग
उत्तरी स्पेन के शहर पैम्पलोना (Pamplona) में देश का पारंपरिक सैन फर्मिन उत्सव आयोजित हो रहा है. इसमें दुनिया भर के पर्यटक जुटते हैं और वे बुल रेस के दौरान दौड़ते सांड़ों से दो दो हाथ करते हैं. इस फेस्टिवल में औपचारिक ड्रेस कोड नहीं होता, लेकिन परंपरा के अनुसार सफेद कपडे और लाल स्कार्फ पहने, हजारों लोग पैम्प्लोना सिटी हॉल चौक पर उमड़ पड़ते हैं. सांड दौड़ते हैं और पीछे-पीछे लोग उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं.
कैसे शुरू होती है ये बुल रेस?
सुबह 8 बजे पहला रॉकेट छोड़ा जाता है, ताकि धावकों को अलर्ट किया जा सके कि बाड़े का गेट खुला है. दूसरा रॉकेट हिंट देता है कि सभी छह बैलों को छोड़ दिया गया है. तीसरा और चौथा रॉकेट संकेत देता है कि झुंड के सभी सदस्य बुलरिंग और उसके बाडे में एंट्री कर चुके हैं. 3 मिनट से भी कम वक्त तक चलने वाली सांडों की इस दौड़ में धावक सांडों के पास जितना संभव हो सके उतना करीब पहुंचने की कोशिश करते हैं और कभी कभी ये खेल जानलेवा भी साबित होता है.
कैसे हुई बुल रेस की शुरुआत
पैम्पलोना में बुल रेस 6 से 14 जुलाई के बीच होती है. इसे मनाने के लिए पैम्प्लोना के मुख्य चौक की सड़कों पर हजारों लोग दौड़ते हैं. शुरुआत में ये फेस्टिवल अक्टूबर में मनाया जाता था, लेकिन मौसम को देखते हुए इसे जुलाई में आयोजित किया जाने लगा. बुल रन फेस्टिवल संत फर्मिन के सम्मान में मनाया जाता है. सैन फर्मिन उत्सव की शुरुआत 1591 में हुई. कहते हैं कि फर्मिन को प्रताड़ित संत माना जाता था. उन्हें सम्मानित करने के लिए ही बुल रेस प्रतियोगिता होती है. इस फेस्टिवल को तमाम संगठनों का समर्थन हासिल है.
क्या हैं बुल रेस के नियम
- बुल रेस के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. नियमों के मुताबिक इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रतिभागियों की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए, बैलों को उकसाए बिना उनकी दिशा में दौड़ना चाहिए और शराब के नशे में नहीं होना चाहिए. हालांकि इस फेस्टिवल में रेड वाइन का चलन आम है.
- फैस्टिवल में शामिल होने वाले सांड को फायर बुल कहते हैं, क्योंकि उसकी सींग पर आग से दहकते गोले बंधे होते हैं. जांबाज लड़ाके इन सांडों को चुनौती देते हैं, जिसे देखने के लिए सैकड़ों लोग जुटते हैं.
- लोग सांडों के साथ दौड़ते हैं. कोई इन सांड़ों के आगे आता है, तो कोई उनसे बचने की कोशिश करता है. स्पेन के अलावा बुल रेस का आयोजन दक्षिण फ्रांस, पुर्तगाल के कस्बों-गांवों और मैक्सिको के कुछ शहरों में भी होता है.
बुल रेस में घायल हो जाते हैं कई लोग
बुल रेसिंग सांडों के साथ दौड़ लगाते वक्त कई लोग घायल होते हैं तो कई की मौत भी हो जाती है. उसके बाद भी सदियों से चल रही यह परंपरा आज भी कायम है.
- 7 जुलाई को बुल रेस में 6 लोग घायल हो गए थे, जिसमें एक प्रतिभागी को सींग से चोट लगी पांच और धावकों को चोटें आईं.
- 1924 से अब तक 16 मौतें हो चुकी हैं, आखिरी मौत 2009 में हुई थी.
बुल रेस पर प्रतिबंध की मांग
बुल रेस बेशक पारंपरिक खेल हो, लेकिन पशु प्रेमी इस पर लगातार प्रतिबंध लगाने की मांग करते रहे हैं. हर साल जब भी बुल रन का आयोजन होता है तो स्पेन में जगह-जगह लोग इस खूनी खेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए सड़कों पर उतर आते हैं. एनिमल राइट की आवाज बुलंद करने वाली संस्था पेटा का दावा है कि सांडों को दौड़ने के बाद मार दिया जाता है. 1592 से चली आ रही इस परंपरा को लेकर पशु अधिकार कार्यकर्ता अब बुलंद तरीके से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.
पैम्प्लोना में सैन फर्मिन उत्सव के उद्घाटन से एक दिन पहले ही पेटा के कार्यकर्ताओं ने यातना के प्रतीक के रूप में बैल के सींग पहनकर अनोखा प्रदर्शन कर बुल रेस का विरोध किया था. कार्यकर्ताओं का कहना था कि इन बैलों को चाकू घोंपकर मार दिया जाएगा. कार्यकर्ताओं का दावा है कि सांडों को हिंसक तरीके से मारे जाने से पहले भागने के लिए मजबूर किया जाता है.
हालांकि पेटा की मुहिम रंग भी ला रही है. साल दर साल, ज्यादा से ज्यादा स्पेनी लोग क्रूर बुलफाइट्स के प्रति अपना विरोध जाहिर करते हैं. 2019 की तुलना में 2021 में बुलफाइट्स में 42% की कमी आई है, लेकिन अभी भी रोमांच चाहने वाले ये समझने में नाकाम रहते हैं कि सांडों के साथ दौड़ने का मतलब एक ऐसे फेस्टिवल में हिस्सा लेना है, जिसमें जानवरों को मौत के घाट उतार दिया जाता है.
Source : News Nation Bureau