What is Californium: बिहार के गोपालगंज में दुनिया का दूसरा सबसे महंगा पदार्थ कैलिफोर्नियम जब्त किया गया है. बिहार पुलिस ने इस पदार्थ को बलथी चेकपोस्ट पर 3 तस्करों से बरामद किया है, जिसकी मात्रा 50 ग्राम बताई गई है. बरामद पदार्थ की कीमत करीब 850 करोड़ बताई जा रही है. कैलिफोर्नियम एक रेडियोएक्टिव तत्व होता है, जो दुनिया को तबाह करने की ताकत रखता है. यही वजह है कि इसके मिलने के बाद बिहार में हड़कंप मच गया. आइए इस पदार्थ के बारे में विस्तार से जानते हैं.
अधिकारियों की फूल गईं सांसें
जैसे ही पुलिस को पता चला कि बरामद किया गया पदार्थ कैलिफोर्नियम है. सभी अधिकारियों की सांसें फुल गईं. मामले की गंभीर को समझते हुए पुलिस तीनों तस्करों से सख्ती से पूछताछ कर रही है. यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर अमेरिका से भारत कैसे लाया गया, कहां इस्तेमाल होना था, और आखिर वे इतने महंगे पदार्थ को खरीद कैसे पाए. कहीं इसमें किसी बड़े गिरोह का हाथ तो नहीं है. बिहार पुलिस अब इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में जुट गई है. पटना एसटीएफ भी तस्करों से पूछताछ कर रही है.
US से भारत कैसे आया कैलिफोर्नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पकड़े गए तीनों तस्कर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं. बिहार पुलिस ने इन तीनों तस्करों की पहचान कर ली है. गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम छोटेलाल प्रसाद, योगेंद्र शाह और हरेंद्र राम हैं. छोटेलाल यूपी के कुशीनगर का, योगेंद्र शाह और हरेंद्र राम बिहार के क्रमशः गोपालगंज और मोहम्मदपुर के रहने वाले हैं.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, गुजरात से होते हुए यह पदार्थ बिहार (Bihar News) आया था. बिहार से फिर इसको उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था. इसी दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच में एक बॉर्डर है, वहां से ये तीनों तस्कर कैलिफोर्नियम के साथ अरेस्ट हुए.
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क्या होता है कैलिफोर्नियम? (What is Californium)
- कैलिफोर्नियम एक रेडियोएक्टिव पदार्थ होता है. यह भारत में प्रतिबंधित है. भारत में आम आदमी इसको खरीद या बेच नहीं सकता है.
- कैलिफोर्नियम को 1950 में स्टेन्ली थॉमसन और उनके साथी वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया था. इसे बर्कले, कैलिफोर्निया में बनाया गया था. कैलिफोर्निया के नाम पर ही इसे कैलिफोर्नियम नाम दिया गया.
- कैलिफोर्नियम के अलग-अलग प्रकार होते हैं. इनमें सबसे पहले केलिफोर्नियम 245 बनाया गया था, लेकिन आज केलिफोर्नियम 251 बनाया जाता है.
- पीरियोडिक टेबल में कैलिफोर्नियम का परमाणु क्रमांक 98 है. इसे Cf से प्रदर्शित किया गया है. यह एक दुर्लभ रेडियोएक्टिव तत्व है.
क्यों है होता इतना महंगा
कैलिफोर्नियम के एक ग्राम की कीमत करोड़ों में बताई जाती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 17 से 18 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसके बनने में काफी समय और अत्यधिक संसाधन लगने के कारण ही ये काफी महंगा होता है.
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कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल
- कैलिफोर्नियम का रंग चांदी जैसा होता है. सबसे बढ़िया न्यूट्रॉन एमिटर होने के चलते न्यूक्लियर वेपंस, न्यूक्लियर प्लांट से बिजली उत्पादन, पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर बनाने में होता है.
- परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल होने के चलते ही कहा जाता है कि यह दुनिया को तबाह करने की ताकत रखता है. यह करीब 900 डिग्री पर पिघलता है.
- हालांकि कैलिफोर्नियम पदार्थ का इस्तेमाल ब्रेन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पदार्थ इंसानी डीएनए बदलने की क्षमता रखता है.
- कैलिफोर्नियम के इस्तेमाल से मशीनों पर पड़ रहे लोड का पता लगाया जा सके. हवाई जहाज की मेंटल कंडीशन को कैलिफोर्नियम से चेक किया जाता है, ताकि उड़ान के वक्त हवा में दबाव के कारण प्लेन दो हिस्सों में टूट ना जाए.
- इसके अलावा सोने और चांदी की खदानों का पता लगाने में भी कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल होता है. अमेरिका और रूस में कैलिफोर्नियम को सबसे ज्यादा बनाया जाता है.
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