What is Cyber Brothel: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने दुनिया को बदलकर ही रख दिया. AI के बढ़ते प्रयोग और उसके साथ हो रहीं नई-नई खोजें हैरान करती हैं. अब AI ने लोगों की रातों को और भी रंगीन बनाने की इंतजाम कर दिया है. जर्मनी की राजधानी बर्लिन में दुनिया का सबसे पहला साइबर ब्रॉथेल (Cyber Brothel) खुल गया, जिसमें वर्चुअल रियटिली और S*X Dolls के जरिए यौन इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है. आइए जानते हैं ये साइबर ब्रॉथेल क्या और लोग इसमें धड़ल्ले से पैसा क्यों लुटा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: ...वो खतरनाक जासूस, जिसके दम पर Israel ने 6 दिन में जीती थी जंग, सीरियाई राष्ट्रपति पद की रेस में हुआ था शामिल
इंसानों की तरह बात करती हैं डॉल्स
साइबर ब्रॉथेल में मौजूद डॉल्स लोगों से एक AI चैटबॉट की तरह बात करती हैं. लोगों को उन्हीं की भाषा के अनुरूप जवाब भी देती हैं. जब एक शख्स इस साइबर ब्रॉथेल में आता है, तो डॉल उससे कहती है कि 'आइए इस एहसास को महसूस कीजिए.' डॉल्स का इंसानों की तरह बात करना हैरान करता है. साइबर ब्रॉथेल में मौजूद ये गुड़ियां गहरे और चटख रंगों के कपड़े हुए दिखती हैं, वो अधिक सेक्युअल दिखें इसका साइबर ब्रॉथेल में खास ध्यान रखा गया.
ये भी पढ़ें: Optimus Robots: दुनिया पर कायम होगा रोबोट्स का राज? Elon Musk ने उतारी पूरी फौज, बदलकर रख देंगे इंसानों की लाइफ!
डॉल्स की भी हैं लिमिटेशंस
हालांकि, मौजूद AI चैटबॉट की तरह ही इन डॉल्स की अपनी सीमाएं हैं. जैसे एक आम AI चैट बॉट में सेक्युअल भाषा को ब्लॉक कर दिया जाता है. इसी तरह से इन डॉल्स में भी ऐसा ही कुछ है, ये ज्यादा स्पष्ट तौर से सेक्युअल बातें नहीं कर सकती हैं. हालांकि, साइबर ब्रॉथेल इससे निपटने की तैयारी में है. वो डॉल्स के लिए लैंग्वेज बनाने की तैयारी में है, जिसमें भाषा के लिए कोई सीमा नहीं होगी. इस तरह लोगों के अनुभव और भी रियल हो जाएंगे. एक इंग्लिश वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर ब्रॉथेल में अपनी यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए लोग एक घंटे के लिए लोग 228 पाउंड (करीब 25 हजार रुपये) तक पैसा खर्च कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: महाविनाशक है बंकर बस्टर बम, जिससे Hezbollah की धज्जियां उड़ा रहा Israel, आखिर क्यों इसी का कर रहा इस्तेमाल?
सिलिकॉन से बनी हैं डॉल्स
साइबर ब्रोथेल में जितनी भी डॉल्स हैं, उनकी स्कीन सिलिकॉन से बनी हुई होती है, जो शरीर के तापमान जितनी ही गर्म हो जाती है. ये डॉल्स काफी रियलिस्टिक दिखती हैं. वर्चुअल रिएलिटी (वीआर) चश्मा अनुभव को हकीकत जैसा बनाता है. इसका अनुभव करने वाले लोगों का कहना है कि ये कमाल है, सबकुछ हकीकत जैसा लगता है. उनको ये अनुभव बिल्कुल नया और एक अलग ही दुनिया में होने जैसा है.
ये भी पढ़ें: अब Akasa Air को बम की धमकी, 3 दिन में 13वां है मामला, फैली इतनी दहशत कि हवाई यात्रा करने से भी बच रहे लोग!