Digital Arrest: देश में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से पैसे ऐंठने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को डिजिटल अरेस्ट से सजग रहने की नसीहत दी. पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आसान भाषा में इसका मतलब समझाया. उन्होंने डिजिटल अरेस्ट से बचने का देशवासियों को एक कमाल का मंत्र भी दिया है. आइए पीएम मोदी की जुबानी जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट क्या है. बता दें कि आज यानी रविवार को पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड को संबोधित किया.
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क्या है डिटिजल अरेस्ट?
पीएम मोदी ने डिटिजल अरेस्ट को एक तरह का फरेब बताया, जो एक साइबर फ्रॉड है. इसमें लोगों को डराकर उनके साथ धोखाधड़ी की जाती है. पीएम मोदी ने कुछ वीडियो की मदद से भी बताया कि किस तरह से डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं होती हैं. उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वाले पुलिस, सीबाआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं.
Beware of Digital Arrest frauds!
— PMO India (@PMOIndia) October 27, 2024
No investigative agency will ever contact you by phone or video call for enquiries.
Follow these 3 steps to stay safe: Stop, Think, Take Action.#MannKiBaat #SafeDigitalIndia pic.twitter.com/KTuw7rlRDK
डिजिटल अरेस्ट कैसे?
पीएम मोदी ने कहा कि डिटिजल अरेस्ट के खतरनाक खेल को समझना और समझाना बहुत जरूरी है. पीएम मोदी ने देशवासियों को जागरूक किया कि किस तरह से साइबर क्रिमिनल डिजिटल अरेस्ट खेल खेलते हैं.
पहला दांव: अपराधी का पहला दांव होता है कि वे आपकी सारी पर्सनल डिटेल जुटा कर रखते हैं.
दूसरा दांव: उनका दांव भय का मौहाल पैदा करने का होता है. वे फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे.
तीसरा दांव: फ्रॉड करने वालों का तीसरा दांव समय का अभाव दिखाते हैं, अपराधी इतना साइकोलॉजिकल प्रेशर बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है.
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डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें
पीएम मोदी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार हर उम्र के लोग हो रहे हैं और डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट से बचने के लोगों को उपाय भी बताए. पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट होने से बचने के लिए मंत्र भी दिया. उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए रुको-सोचो-एक्शन लो का मंत्र दिया.
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पीएम मोदी ने बताया, 'ऐसे में कभी भी आपको इस तरह के कॉल आए तो डरना नहीं है. आपको पता होना चाहिए कि कोई भी जांच एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से इस तरह पूछताछ कभी नहीं करती.'
जिस तरह से क्रिमिनल डिजिटल अरेस्ट करने के लिए तीन दांव को अपनाने हैं. उसी तरह से पीएम मोदी ने देशवासियों को बताया कि उनकी काट कैसे करनी हैं. पीएम मोदी ने बताया--
First Step: पहले चरण में रुकना चाहिए और व्यक्तिगत जानकारी नहीं साझा करनी चाहिए. अगर, संभव हो तो स्क्रीनशॉट या रिकॉर्डिंग कर लेनी चाहिए.
Second Step: दूसरे चरण में सोचना और समझना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी कभी भी नहीं देती और वीडियो कॉल से पूछताछ करके पैसे की मांग नहीं करती. अगर डर लगे तो समझिए कि कुछ गड़बड़ है.
Third Step: वहीं तीसरे चरण में ऐसे फ्रॉड पर एक्शन लेना चाहिए. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल करके इसकी सूचना देनी चाहिए और साइबरक्राइम.जीओवी.इन मेल पर रिपोर्ट करनी चाहिए.
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