विद्युत संशोधन विधेयक 2022 क्या है? जानें देश में क्यों विरोध में उतरे इंजीनियर

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज संसद सत्र (Parliament session) के दौरान लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया और अनुरोध किया कि विधेयक को जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाए. 

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Vijay Shankar
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Electricity demand in Delhi

Electricity Amendment Bill 2022 ( Photo Credit : File)

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बिजली संशोधन विधेयक 2022 (Electricity Amendment Bill 2022) ने संसद के मानसून सत्र (Monsoon session) के दौरान सोमवार यानी 8 अगस्त को लोकसभा में पेश होने के बाद भारत में हंगामा मचा दिया है. 27 लाख बिजली इंजीनियरों (Power engineer) ने इस उम्मीद में बिल के खिलाफ आवाज उठाई कि सरकार इसे वापस ले लेगी. विद्युत संशोधन विधेयक 2022 के विरोध का मुख्य उद्देश्य भारत में बिजली आपूर्ति का निजीकरण करना है, जिससे बिजली इंजीनियरों के अनुसार, देश के बिजली उद्योग में बड़ा नुकसान और एकाधिकार होगा. इस बीच, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज संसद सत्र (Parliament session) के दौरान लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया और अनुरोध किया कि विधेयक को जांच के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाए. 

विद्युत संशोधन विधेयक 2022 क्या है?

पूरे देश में विद्युत संशोधन विधेयक 2022, जिसका बिजली इंजीनियरों द्वारा काफी विरोध किया जा रहा है, का उद्देश्य बिजली के निजीकरण की अनुमति देना है, जो केंद्र के अनुसार देश भर में एक स्थिर बिजली आपूर्ति बना सकता है. इसका मतलब यह है कि बिल के अनुसार बिजली अधिनियम की धारा 42 में संशोधन किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि यह वितरण नेटवर्क को गैर-भेदभावपूर्ण खुली पहुंच प्रदान करेगा. साथ ही निजी कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने की अनुमति देगा, बशर्ते उन्हें लाइसेंस मिले. नए विधेयक के तहत, विद्युत अधिनियम की धारा 14 में भी संशोधन किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि प्रतिस्पर्धा को सक्षम करने और देश भर में बिजली आपूर्ति की दक्षता बढ़ाने के लिए वितरण नेटवर्क को खुले-पहुंच के उपयोग की सुविधा प्रदान की जाएगी. विद्युत संशोधन विधेयक-2022 के तहत बिजली उपभोक्ता कई बिजली प्रदाताओं में से चुनने में सक्षम होंगे. विशेष रूप से एयरटेल, वोडाफोन आदि जैसे दूरसंचार प्रदाताओं को चुनना पसंद करेंगे. 

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 बिजली इंजीनियर बिल का विरोध क्यों कर रहे हैं?

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने मांग की है कि देश भर के 27 लाख से अधिक बिजली इंजीनियरों के भारी विरोध के बाद बिजली संशोधन विधेयक 2022 को व्यापक विचार के लिए बिजली समिति को भेजा जाए. AIPEF ने कहा है कि यह बिल "भ्रामक" है, जिससे राज्य द्वारा संचालित डिस्कॉम को बड़ा नुकसान हुआ है. पीटीआई से बात करते हुए, एआईपीईएफ के प्रवक्ता ने मुख्य कारण के बारे में बताया कि बिजली इंजीनियर बिल का विरोध क्यों कर रहे हैं. गुप्ता ने कहा, "बिल के अनुसार केवल सरकारी डिस्कॉम के पास सार्वभौमिक बिजली आपूर्ति दायित्व होगा, इसलिए निजी लाइसेंसधारी केवल लाभ कमाने वाले क्षेत्रों यानी औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं में बिजली की आपूर्ति करना पसंद करेंगे." उन्होंने आगे कहा, "इस प्रकार लाभ कमाने वाले क्षेत्र सरकारी डिस्कॉम से छीन लिए जाएंगे और सरकारी डिस्कॉम डिफ़ॉल्ट रूप से घाटे में चल रही कंपनियां बन जाएंगी और आने वाले दिनों में जनरेटर से बिजली खरीदने के लिए पैसे नहीं होंगे."

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