Explainer: जानिए क्या है G7, जिसके सम्मेलन में शामिल हो रहे PM मोदी, भारत के लिए क्यों है खास ये ग्रुप?

What is G7: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली जा रहे हैं. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी. आइए जानते हैं कि जी7 क्या है और भारत के लिए ये ग्रुप क्यों खास है.

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Ajay Bhartia
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Narendra Modi In G7 Summit

क्या है जी7 ग्रुप( Photo Credit : News Nation)

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What is G7 Group: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली जा रहे हैं. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इनवाइट किया है. इस समिट में भारत को आउटरीच कंट्री के रूप में आमंत्रित किया गया है. इस बार के शिखर सम्मेलन के एजेंडे में रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और विकास जैसे मुद्दे हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि जी7 क्या है और भारत के लिए ये ग्रुप क्यों खास है.

कहां हो रहा जी7 सम्मेलन?

जी7 शिखर सम्मेलन 2024 13-14 जून को इटली के अपुलिया (Apulia) में आयोजित हो रहा है. 1 जनवरी को इटली ने सातवीं बार G7 की अध्यक्षता संभाली है. यह जी7 का 50वां शिखर सम्मेलन है, जो इटली के अपुलिया स्थित बोर्गो एग्नाजिया रिसॉर्ट में हो रहा है. ये जगह साउथ इटली में मौजूद है. इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए वैश्विक नेताओं का इटली में पहुंचा शुरू हो गया. जी7 शिखर सम्मेलन के चलते इटली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

जी7 समिट का एजेंडा क्या?

जी7 शिखर सम्मेलन 2024 ऐसे समय पर हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष और गाजा में तनाव चरम पर है. जी7 शिखर सम्मेलन में ये मुद्दे बातचीत के एजेंडे में हो सकते हैं. इसके पहले सत्र में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) शामिल होंगे. दूसरे दिन आप्रवासन, इंडो पैसिफिक और आर्थिक सुरक्षा पर सत्र होंगे. इस दौरान अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है. हालांकि जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर होगा.

क्या है G7, शामिल हैं ये देश

जी7 पश्चिमी देशों का एक संगठन है, जिसमें 7 विकसित देश शामिल हैं. ये सभी देश यूरोप से हैं. G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं. यही वजह है इसे जी7 का नाम मिला हुआ है. 7 सदस्य देशों के नेता, साथ ही यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

भारत, तुर्की, वर्ल्ड बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित कई देशों को भी G7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र के लिए इटली ने इनवाइट किया गया है. जी7 में शामिल देशों की अर्थव्यवस्था 45 ट्रिलियन डॉलर की है. इस लिहाज से देखा जाए तो ये ग्रुप काफी ताकतवर है. जी7 में शामिल इन 7 देशों की दुनिया की जीडीपी में हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है. कभी रूस भी इसका मेंबर हुआ करता था, लेकिन 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया को अलग करने के बाद उसको इस ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा गया.

भारत के लिए क्यों खास है G7

G7 ग्रुप भारत के लिए कई मायनों में खास है. यह संगठन भारत को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा जैसे विकसित देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजूबत करने का एक मंच प्रदान करता है. आर्थिक मोर्चे पर भारत लगातार तरक्की कर रहा है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत कई सालों से जी7 शिखर सम्मेलनों में शामिल होता आया है.

इस बार जी7 में भारत की 11वीं भागदारी होगी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार पांचवीं बार जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. पीएम मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में मौजूद अन्य ग्लोबल लीडर्स के साथ वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे. यह जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों को हल करने में भारत की भागीदारी और उसके महत्व को दर्शाता है.

Source : News Nation Bureau

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