दिल्ली (Delhi) में पिछले कुछ महीनों में मोबाइल फोन छीनने (Mobile Phone snatching) के बढ़ते मामलों के साथ दिल्ली पुलिस (Delhi police) अब चोरी या लूटे गए फोन को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार विभाग के साथ तालमेल बिठाने की योजना बना रही है. यह डिवाइस के इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर का इस्तेमाल करके किया जाएगा. इस साल 1 जनवरी से 28 जून के बीच 4,660 फोन स्नैचिंग (Phone Snatching) के मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही पिछले साल की तुलना में शहर में सड़क अपराधों में 11-15% की वृद्धि हुई है.
क्या है IMEI नंबर ?
इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी यानी IMEI एक यूनिक नंबर है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल नेटवर्क पर डिवाइस की पहचान करने के लिए किया जाता है. इसमें 15 अंक होते हैं और यह आपके मोबाइल फोन की विशिष्ट पहचान की तरह होता है. जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं या अपने सेलुलर सेवा प्रदाता के माध्यम से कॉल करते हैं, तो इस नंबर का उपयोग आपके डिवाइस की पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जाता है. यदि आपके पास डुअल सिम फोन है, तो आपके पास दो IMI नंबर होंगे यानी अलग-अलग दोनों सिम के लिए IMI होंगे.
आप अपना IMEI नंबर कैसे चेक कर सकते हैं?
डिवाइस निर्माता इसे स्टिकर पर प्रिंट करते हैं और डिवाइस और उसके बॉक्स पर पेस्ट करते हैं. यह आमतौर पर आपके फोन के पीछे बैटरी पैक के नीचे पाया जाता है. हालांकि, इसे खोजने का सबसे आसान तरीका अपने मोबाइल पर *#06# डायल करना है और आपकी स्क्रीन पर तुरंत आपके वर्तमान डिवाइस का IMEI नंबर डिस्प्ले होगा.
ये भी पढ़ें : खालिस्तान आंदोलन को हवा देने में जुटा कैनेडियन ड्रग माफिया, चिंता में भारत
यह कैसे उपयोगी है?
इसका उपयोग एक तरफ IMEI नंबर नेटवर्क प्रदाताओं को किसी डिवाइस के चोरी होने या खो जाने की स्थिति में उसे ट्रैक करने में मदद कर सकता है. एक बार इस तरह के नुकसान या चोरी की सूचना मिलने के बाद संवाहक एक नए सिम कार्ड के साथ भी सेलुलर नेटवर्क तक डिवाइस की पहुंच से इनकार कर सकता है. यह व्यावहारिक रूप से डिवाइस को बेकार कर देगा क्योंकि यह कॉल करने या रिसीव करने में सक्षम नहीं होगा.
चोरी की जांच के लिए पुलिस इसका इस्तेमाल कैसे कर रही है?
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह योजना अब तक चोरी हुए फोन का डेटा तुरंत दर्ज करके और इसे हमारे सर्वर और क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) पर अपलोड करके काम करती है." उन्होंने कहा, “एक महीने की ट्रायल अवधि में हम 950 से अधिक IMEI नंबरों / फोनों को ब्लॉक करने में सक्षम थे.” पुलिस पीड़ितों को उनके चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) में रजिस्टर करने में भी मदद कर रही है.
क्या हैं चुनौतियां ?
पुलिस के मुताबिक, कुछ गिरोहों ने चोरी के फोन को फॉर्मेट करना शुरू कर दिया है. "मोबाइल फोन जिनमें लचीला ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता है, उन्हें ब्रेक किया जा सकता है. एक पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया कि एक सॉफ्टवेयर है जो फोन के IMI नंबर भी बदल सकता है. यह चोरी के उपकरणों को रोकने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.