Nabanna Abhijan Protest: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले को लेकर आज यानी मंगलवार को छात्रों ने ‘नबन्ना अभियान’ (Nabanna Abhijan) शुरू किया है. सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों का हावड़ा ब्रिज पर विरोध प्रदर्शन जारी है. पुलिस भी प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपट रही है. उनको तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारी कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है. सवाल ये है कि ‘नबन्ना अभियान’ में नबन्ना क्या है, इस प्रोटेस्ट के पीछे कौन है, क्या ये प्रदर्शन सीएम ममता बनर्जी के गले की फांस बनेगा?
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छात्रों के प्रदर्शन में बवाल
प्रदर्शनकारी छात्रों ने जमकर बवाल किया है. कई जगहों पर पुलिस और छात्रों के बीच झड़पें होने की भी खबर है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया. प्रदर्शन के दौरान छात्र और पुलिस आमने-सामने हो गए हैं. पुलिस की तमाम सख्ती के बावजूद प्रदर्शनकारी हावड़ा ब्रिज से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें आप देख सकते हैं कि कैसे पुलिस प्रदर्शनकारी छात्रों से निपट रही है. वीडियो में पुलिस कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेते हुए भी दिखती है.
#WATCH पश्चिम बंगाल: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हावड़ा ब्रिज के पास वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। pic.twitter.com/VDu7MOjekw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 27, 2024
प्रदर्शनकारी छात्र हावड़ा ब्रिज पर डटे हुए हैं. उन्होंने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए बल का प्रयोग किया. पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारी छात्रों को समझाने की कोशिश की जा रही है कि वे यहां से हट जाएं. पुलिस उनसे कह रही है कि उनका प्रदर्शन गैरकानूनी है. हालांकि, पुलिस की ये तमाम कोशिशें बेअसर साबित हो रही हैं. बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है, ऐसा लग रहा है कि हावड़ा ब्रिज के चारों का पूरा इलाका मानो छावनी में तब्दील हो गया हो.
#WATCH पश्चिम बंगाल: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए, उन पर पैर रखा, नारे लगाए और प्रदर्शन किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 27, 2024
वीडियो हावड़ा ब्रिज के पास का है। pic.twitter.com/xzSb9zJ3mO
‘नबन्ना अभियान’ के पीछे कौन?
कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर पश्चिम बंगाल में काफी दिनों से आक्रोश का माहौल है. इस बीच, पश्चिम बंगाल में ‘पश्चिमबंग छात्र समाज’ नाम से एक छात्र संगठन उभरा. यह छात्रों का एक अनरजिस्टर्ड ग्रुप है. इसे ही नबन्ना अभियान के पीछे बताया जा रहा है. इस प्रदर्शन का आयोजन रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी के एमए छात्र प्रबीर दास, कल्याणी यूनिवर्सिटी के शुभंकर हलदर और रवींद्र मुक्ता यूनिवर्सिटी के सायन लाहिड़ी नाम के छात्रों द्वारा किया जा रहा है. छात्रों ने दावा किया है कि उनका संगठन गैर-राजनीतिक है.
क्या हैं प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगे?
पश्चिमबंग छात्र समाज संगठन से जुड़े छात्रों को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि बलात्कार-हत्या मामले से निपटने के सरकार के तरीके से यह साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री ‘अक्षम’ हैं, इसलिए हमारी मांगे हैं कि अभया को न्याय मिले, उसके अपराधी को सजाए मौत दी जाए और ममती बनर्जी इस्तीफा दें. छात्रों का ये विरोध एक फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ है.
Nabanna Abhijan में ‘नबन्ना’ क्या?
‘नबन्ना अभियान’ में इस्तेमाल ‘नबन्ना’ प्रदेश के सचिवालय का नाम है, जो हावड़ा में स्थिति है. प्रदर्शनकारी छात्र सचिवालय की ओर ही कूच करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने प्रोटेस्ट को ‘नबन्ना अभियान’ नाम दिया है. बता दें कि नबन्ना सचिवालय की बिल्डिंग 14 मंजिला है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार के ऑफिस हैं. यह इमारत नीले और सफेद रंग की है. बताया जाता है कि इसके टॉप फ्लोर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का ऑफिस है. वहीं 13 मंजिल पर गृह सचिव का ऑफिस है. इसके अलावा चौथे और पांचवें फ्लोर पर गृह विभाग के ऑफिस हैं.
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ममता के गले की फांस बनेगा प्रोटेस्ट?
भले ही प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उनका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है. मगर समर्थन कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस को राजनीतिक रंग जरूर दे दिया है. तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) ने प्रदर्शन को बीजेपी की साजिश बताया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है. टीएमसी का कहना है कि इस आंदोलन के पीछे बीजेपी का हाथ है. वहीं, प्रदर्शनकारी छात्र ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग पर अड़े हुए हैं. अगर ये प्रोटेस्ट काफी दिन तक चलता है या फिर हिंसक हुआ तो ये अभियान सीएम ममता बनर्जी के गले की फांस जरूर बनेगा!
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