देश में स्वास्थ्य के मामले ( Health Sector ) में अब महंगी दवाओं को लेकर होने वाली चिंता थोड़ी कम हो सकती है. दवा कंपनियों के दाम बढ़ाने की मनमानियों पर काबू के लिए सरकार ने नई सूची जारी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते मंगलवार को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन (NLEM 2022) यानी जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी की है. इसमें 27 श्रेणियों में 384 दवाओं को शामिल किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस सूची को सात साल के बाद अपडेट किया गया है. इससे पहले साल 2015 में यह सूची जारी की गई थी.
क्या है एनएलईएम 2022
नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन (NLEM) समय-समय पर केंद्र सरकार की ओर से जारी संशोधित की गई दवाओं की एक सूची है. ये दवाओं के व्यापक प्रयोग और सुरक्षित होने के मानकों पर आधारित होती है. दवा कंपनियों को इस सूची में शामिल दवाओं को नियंत्रित दामों पर बेचना होता है. इनकी कीमतें राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा तय की जाती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा जारी NLEM 2022 में 34 नई दवाएं जोड़ी गई हैं. साथ ही पहले से दर्ज 26 दवाओं को हटाया भी गया है.
मांडविया ने इस मौके पर बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2018 में दवाओं पर स्वतंत्र स्थायी राष्ट्रीय समिति (SNCM) का गठन किया था. इस कमेटी ने विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ विस्तृत सलाह-मशविरा के बाद लिस्ट को संशोधित किया है. कमेटी ने एनएलईएम 2022 पर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप दी है. भारत सरकार ने कमेटी की सिफारिशें स्वीकार करने के साथ सूची को जारी किया है.
क्या होता है एनएलईएम का मकसद
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक एनएलईएम का मुख्य मकसद दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना होता है. इनमें तीन महत्वपूर्ण पहलुओं- लागत, सुरक्षा, और असर का ध्यान रखा जाता है. इससे हेल्थकेयर संसाधनों और बजट के अधिकतम उपयोग, सरकारी दवा खरीद नीतियों, स्वास्थ्य बीमा, डॉक्टर्स के प्रस्किप्शन लिखने की आदतों में सुधार, यूजी-पीजी के लिए मेडिकल शिक्षण और प्रशिक्षण के साथ ही दवा नीतियों के निर्धारण में सरकार को सहायता मिलती है.
NLEM में शामिल हुई कैंसर की ये दवाएं
NLEM 2022 में जोड़ी गईं नई दवाओं में कई कैंसर रोधी मेडिसिन्स, एंटीबॉयोटिक्स, कई वैक्सीन, सिगरेट की लत छुड़ाने वाली निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी वगैरह की दवाएं शामिल हैं. कई जरूरी दवाओं को इस लिस्ट में जोड़ने के बाद वह मरीजों को पहले के मुकाबले सस्ती कीमत पर मिल सकेंगी. कैंसर के इलाज में काम आने वाली 4 बड़ी दवाओं में बैंडामुस्टिन हाइड्रोक्लोराइड, इरीनोटेकन एचसीआई ट्राईहाईड्रेट, लोनालिडोमाइड और ल्यूप्रोलिड एसीटेट शामिल है. अब इन दवाओं के दाम कम हो सकेंगे.
संक्रमण रोकने वाली दवाएं भी लिस्ट में शामिल
कैंसर के बाद सबसे प्रमुख तौर पर संक्रमण रोकने में काम आने वाली दवाओं यानी एंटीबॉयोटिक्स को जोड़ा गया है. इनकी संख्या 18 है. बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण के इलाज में काम आने वाली इन दवाओं के दाम भी अब कम हो जाएंगे. लिस्ट में कीड़े मारने की दवा इवरमेक्टिन भी जोड़ा गया है. कोरोना महामारी के दौरान काफी मरीजों को यह दवा दी गई थी. संक्रमण रोकने के लिए काम आने वाली दवाओं में इट्राकोनेजोल, मुपिरोसिन, टर्बिनाफिन, डेक्लाटेस्टिवर, मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, एमिकासिन, बेडाक्विलाइन, डेलामेनिड, एबीसी डोलटेग्रेविर जैसी अहम दवाओं को शामिल किया गया है. ये दवाएं MDR-TB, पिटाइटिस और HIV/एड्स के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है.
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लिस्ट से हटाई गई ये विवादित एंटासिड
गैस्ट्रोइंटेस्टनल दवा यानी एंटासिड सॉल्ट रेनिटिडिन और सुक्रालफेट को लिस्ट से बाहर किया गया है. लिस्ट से बाहर की गई विवादास्पद दवा रेनिटिडिन को साल 2020 में दुनिया भर के देशों में बिक्री को स्थगित कर दिया गया था. क्योंकि साल 2019 में हुई अंतरराष्ट्रीय जांच में पता चला था कि इसके अंदर कैंसरकारी एन-नाइट्रोसोडिमेथाइलामीन (NDMA) नामक एक तत्व मौजूद था. भारत में इसकी बिक्री पर तब से ही विवाद बना हुआ है.
HIGHLIGHTS
- अब महंगी दवाओं को लेकर होने वाली चिंता थोड़ी कम हो सकती है
- केंद्र सरकार की ओर से संशोधित की गई दवाओं की एक सूची जारी
- कंपनियों को सूची में शामिल दवाओं को नियंत्रित दामों पर बेचना होगा