Advertisment

Explainer: क्या है ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्रयू एपोस्टल, जिससे रूस ने किया PM मोदी को सम्मानित, जानें- कितना खास?

रूस ने पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया. आइए जानते हैं कि ये अवॉर्ड क्या है और ये क्यों खास है.

author-image
Ajay Bhartia
एडिट
New Update
Modi

What is Order of St Andrew the Apostle( Photo Credit : Social Media)

What is Order of St Andrew the Apostle: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर हैं. मॉस्को में पीएम मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गर्मजोशी स्वागत किया. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली. राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को अपनी पसंदीदा चीजें दिखाईं. रूस ने पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' (Order of St Andrew the Apostle) से सम्मानित किया. आइए जानते हैं कि ये अवॉर्ड क्या है और ये क्यों खास है.

Advertisment

पीएम मोदी ने पुतिन को धन्यवाद दिया

रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होने पर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं राष्ट्रपति पुतिन और रूस के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं. भारत-रूस मैत्री की नींव गहरी है और हमारी साझेदारी का भविष्य उज्ज्वल है. हमारे देशों के बीच व्यापक सहयोग ने हमारे नागरिकों के लिए असाधारण परिणाम दिए हैं.'

मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच दिपक्षीय वार्ता भी हुई, जिसमें मोदी ने मॉस्को आतंकी हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि बम-बारूद किसी भी समस्या का समाधान नहीं. साथ ही पीएम मोदी ने मॉस्को में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया. पीएम मोदी ने रूस के वॉर मेमोरियल पर पहुंचकर शहीदों को भी नमन किया.

रूस ने पीएम मोदी को क्यों दिया ये अवॉर्ड?

भारत में रूसी दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को रूस और भारत के बीच 'स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं के लिए यह सम्मान दिया गया है. रूस ने पीएम मोदी को ये अवॉर्ड देने का ऐलान 2019 में किया था.

कितना खास है मोदी को मिला ये अवॉर्ड?

Advertisment

रूस की ओर पीएम मोदी को दिया गया 'ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्रयू एपोस्टल' अवॉर्ड बहुत ही खास है. रूसी सरकार के अनुसार, 'ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्रयू एपोस्टल' अवॉर्ड को दिए जाने की शुरुआत 17वीं शताब्दी में जार पीटर द ग्रेट (Peter the Great) ने 1699 को आसपास की थी. पीटर द ग्रेट को रूस का संरक्षक संत (Patron saint of Russia) माना जाता है. इस तरह ये अवॉर्ड 325 साल पुराना है. यह रूस का सबसे पुराना और सबसे सर्वोच्च राजकीय सम्मान है. ऑर्डर के प्रतीक चिन्ह में आमतौर पर एक नीला सैश, सेंट एंड्रयू का क्रॉस वाला एक बैज और छाती पर पहना जाने वाला एक सितारा शामिल होता है.

1998 में फिर से देना शुरू किया गया ये अवॉर्ड

इस अवॉर्ड को तत्कालीन सोवियत संघ में 1918 में समाप्त कर दिया गया था. 1998 में फिर से इस अवॉर्ड को दिया जाना शुरू किया गया था. इस अवॉर्ड से उत्कृष्ट राजनेताओं और हस्तियों के साथ-साथ रूस के अन्य नागरिकों को असाधारण सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है.

मोदी से पहले जिनपिंग को मिल चुका है ये अवॉर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रूस अपने सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द सेंट एंड्रयू एपोस्टल' से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सम्मानित कर चुका है. रूस ने जिनपिंग को ये अवॉर्ड 2017 में दिया था. पीएम मोदी को ये अवॉर्ड मिलना बड़ी बात है, क्योंकि यह उनकी ग्लोबल लीडर की छवि को मान्यता देता है. इस तरह पीएम मोदी को अबतक सात सात शीर्ष वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें साउथ कोरिया, सऊदी अरब, फिलिस्तीन और अफगानिस्तान जैसे देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मान कर चुके हैं. इतना ही नहीं उनको संयुक्त राष्ट्र के सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है. 

Source : News Nation Bureau

PM Modi in Russia
Advertisment
Advertisment