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Explainer: क्या है सेंट मार्टिन द्वीप, जिसे शेख हसीना बता रहीं सरकार पतन की वजह, अमेरिकी चाल को किया बेनकाब!

Sheikh Hasina ने अमेरिका पर बांग्लादेश में अशांति फैलाने और उनकी सरकार गिराने का बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप नहीं देने के चलते उनकी सरकार गिराई गई.

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Ajay Bhartia
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Sheikh Hasina on St Martin Island
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Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर देश में अशांति फैलाने और उनकी सरकार गिराने का बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप नहीं देने के चलते उनकी सरकार गिराई गई. उन्होंने बांग्लादेश संकट (Bangladesh Crisis) के पीछे की अमेरिका की साजिश को भी बेनकाब किया है. अब सवाल ये है कि सेंट मार्टिन द्वीप क्या है और अमेरिका इसे शेख हसीना से क्यों मांग रहा था? बता दें कि शेख हसीना अभी भारत में हैं.

शेख हसीना ने क्या कहा?

पीएम पद से इस्तीफा देने के 6 दिन बाद शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगी के जरिए एक मीडिया हाउस को बताया कि, ‘मैं सत्ता में बन रही सकती थी. अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका सामने समर्पित कर दी होती और उसे बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की दे दी होती.’ इस स्टेटमेंट से साफ है कि शेख हसीना (Sheikh Hasina on America) ने सरकार के पतन के पीछे सीधे-सीधे अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रही हैं.

US की चाल को किया बेनकाब

बांग्लादेश अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगी के जरिए से दुनिया के सामने अमेरिका की चाल को भी बेनकाब (Bangladesh Crisis Reasons) किया है. उन्होंने कहा कि सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर अमेरिका की बात नहीं मानने के बाद से ही वो उन्हें सरकार से बेदखल करने की रणनीति में लग गया. इस मकसद के लिए अमेरिका ने कट्टरपंथी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची, इसलिए देश के भीतर अशांति फैलाने में अमेरिका का ही हाथ है.

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इस्तीफा देने की बताई वजह

रिपोर्ट के अनुसार, अपने करीबी सहयोगी के जरिए से भिजवाए संदेश में हसीना (Sheikh Hasina coup Reasons) ने कहा, ‘मैंने इस्तीफा दे दिया, ताकि मुझे शवों का जुलूस नहीं देखना पड़े. वे छात्रों के शवों में सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने इसकी अनुमति नहीं दी. मैंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया. मैं सत्ता में बन रही सकती थी, यदि अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका के सामने समर्पित कर दी होती. उसे बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति दे दी होती.’

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‘मैं जल्द लौटूंगी बांग्लादेश’

शेख हसीना ने बांग्लादेशवासियों से अपील की कि, ‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं. अल्लाह की कृपा में बांग्लादेश मैं जल्द लौटूंगी. मैंने कभी भी प्रदर्शनकारियों को रजाकार नहीं बुलाया. देश में अस्थिरता लाने के लिए मेरे शब्दों को इस तरह से पेश किया गया.’ सरकारी नौकरियों में आरक्षण विवाद को लेकर आंदोलन के बाद भड़की हिंसा में अबतक 520 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अब बांग्लादेश में हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ हिंसा होने की खबरें आ रही हैं.

क्या है सेंट मार्टिन द्वीप? (What is St. Martin Island)

  • सेंट मार्टिन बंगाल की खाड़ी के उत्तरपूर्वी भाग में एक छोटा सा द्वीप है, जिसका एरिया तीन वर्ग किलोमीटर है. 

  • ये द्वीप कक्स बाजार-टंकारफ प्रायद्वीप (Cox's Bazar-Teknaf peninsula) से लगभग 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. 

  • यह कोरल द्वीप है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए फेसम है. यही वजह है कि ये द्वीप एक पोपलुर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. 

  • सेंट मार्टिन द्वीप पर रहने वाले लोगों की आबादी 5000 है, जिनका मुख्य भोजन मछली, चावल और नारियल है.

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US क्यों कर रहा था इस द्वीप की मांग?

अब सवाल ये है कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप की मांग शेख हसीना से क्यों कर रहा था. इसका जवाब भी शेख हसीना के संदेश में ही छिपा हुआ है. शेख हसीना बताती हैं कि अमेरिका को इस द्वीप के मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में उसका प्रभुत्व काफी बढ़ जाता है. इस द्वीप पर कब्जे के बाद अमेरिका को अपना बेस बनाने के लिए जमीन मिल जाती है. अगर अमेरिका द्वीप को पाने में सफल हो जाता तो उसे चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त मिलती. इतना ही नहीं, जियोपॉलिटिक्स में भी उसकी दखल कई गुना बढ़ जाती.

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Bangladesh America china Sheikh Hasina Bangladesh Crisis
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