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Explainer: क्या है रेलवे का कवच सिस्टम, जिसके होने से टल सकता था कंचनजंघा ट्रेन हादसा! जानिए कैसे करता है काम

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में मालगाड़ी ने पीछे से कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी. इस हादसे ने भारतीय रेलवे के कवच सिस्टम की ओर सबका ध्यान खींचा है. आइए जानते हैं कि क्या है रेलवे का कवच सिस्टम?

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Ajay Bhartia
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क्या है रेलवे का कवच सिस्टम?( Photo Credit : Social Media)

What is the railway Kavach system: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में भीषण ट्रेन हादसा हुआ है. मालगाड़ी ने पीछे से कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को जबरदस्त टक्कर मार दी. इस भयानक हादसे में ट्रेन बुरी तरह से डैमेज हो गई. एक ट्रेन दूसरी ट्रेन के ऊपर चढ़ गई. इस ट्रेन एक्सीडेंट में 15 यात्रियों की मौत जबकि 60 यात्रियों के घायल होने की खबर है. यह टक्कर सुबह करीब 9 बजे के आसपास हुई, जब यह दुर्घटना हुई, उस समय कंचनजंघा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदाह जा रही थी.

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इस ट्रेन हादसे ने भारतीय रेलवे के कवच सिस्टम की ओर सबका ध्यान खींचा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये सिस्टम गुवाहाटी मार्ग पर उपलब्ध नहीं था. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है रेलवे का कवच सिस्टम और कैसे इसके होने से कंचनजंगा ट्रेन हादसा टल सकता था.

क्यों हुआ कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन हादसा?

बताया जा रहा है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन इसलिए हादसे का शिकार हुई क्योंकि मालगाड़ी के लोकोपायलट ने सिग्नल को पार कर दिया और फिर उसने खड़ी कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन को जोरदार टक्कर मार दी. 

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क्या है रेलवे का कवच सिस्टम?

- 'कवच' भारतीय रेलवे का ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे 2012 से ट्रेन कूलीजन अवॉइडेंस सिस्टम (टीसीएएस) नाम के तहत डेवलप किया जा रहा है. 

- कवच सिस्टम को अनुसंधान डिजाइन (DRDO) और मानक संगठन (RDSO) द्वारा चलती ट्रेनों की सुरक्षा को बढ़ाने के मकसद से बनाया है.

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- यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) उपकरणों का एक सेट है, जो लोकोमोटिव, सिग्नलिंग सिस्टम और पटरियों में लगाए जाते हैं.

-  यह सिस्टम सिग्नल पास्ड एट डेंजर (एसपीएडी) के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है, जो ट्रेन की टक्करों का एक प्रमुख कारण है. 

- कवच लोको पायलटों को SPAD और ओवर-स्पीडिंग से बचने में मदद करता है. घने कोहरे जैसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों के दौरान ट्रेनों के संचालन में हेल्प करता है. 

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- कवच सिस्टम ट्रेनों के ब्रेक को कंट्रोल और लोको पायलटों को सचेत और एक निर्दिष्ट दूरी के भीतर उसी ट्रैक पर किसी अन्य ट्रेन को ऑटोमैटिक रूप से रोक सकता है. 

कवच की मुख्य विशेषताएं

- लोको पायलट के ब्रेक नहीं लगा पाने पर ऑटोमैटिक रूप से ब्रेक लगाना.

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- कैब में लाइन-साइड सिग्नल दोहराता है, जो हाई स्पीड और धुंधले मौसम के लिए यूजफुल.

- रेलवे विभाग को लगातार ट्रेनों की मूवमेंट की जानकारी मुहैया करना.

- लेवल क्रॉसिंग गेट पर  स्वचालित सीटी (Auto-whistling) बजाना.

- सीधे लोको-टू-लोको कम्युनिकेशन के जरिए से टकराव से बचाव.

- दुर्घटना के हालातों में आस-पास की ट्रेनों को कंट्रोल करने के लिए SOS सुविधा.

कितना महत्वपूर्ण है कवच सिस्टम?

रेल हादसों को रोकने में कवच सिस्टम काफी महत्वपूर्ण है. इससे पटरियों पर होने वाली दुर्घटनाओं जैसे कि ट्रेनों की टक्कर को रोकने में मदद मिलती है. इस सिस्टम के एक्टिव होने पर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेंने के आने की समय रहते सूचना मिल पाती है. टकराने से पहले ही निर्दिष्ट दूरी के भीतर ही ट्रेनें रुक जाती हैं. अगर पश्चिम बंगाल में कंचनजंघा ट्रेन और मालगाड़ी रूट पर कवच सिस्टम एक्टिव होता है, तो यह बड़ा हादसा टल जाता!

Source : News Nation Bureau

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