Banner

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों भड़कती है बार-बार चिंगारी, जानिए क्या है इसकी वजह

Israel Palestine Conflict: इजराइल और फिलिस्तीन फिर से युद्ध के मैदान में पहुंच गए हैं. फिलिस्तीन के गाजा से चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर रॉकेट दागे हैं. जिससे काफी नुकसान हुआ है. लेकिन दोनों देशों के बीच ये तनाव बार-बार पैदा क्यों होता है? ये जानना बेहद जरूरी है.

News Nation Bureau | Edited By : Suhel Khan | Updated on: 07 Oct 2023, 03:04:47 PM
israel palestine war

Israel Palestine War (Photo Credit: File Photo)

New Delhi:  

Israel Palestine Conflict: इजराइल और फिलिस्तीन एक बार फिर से आमने-सामने हैं और दोनों ने के बीच फिर से जंग छिड़ गई है. फिलिस्तीन के गाजा में स्थित चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागने का दावा किया है. इसके बाद इजराइल ने भी फिलिस्तीन के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है. बताया जा रहा है कि हमास ने खासतौर पर दक्षिण और मध्य इजराइल को निशाना बनाकर रॉकेट दागे हैं और दक्षिणी क्षेत्र में सैन्य कैंप पर धावा बोला है. इसके साथ ही हमास ने कई इजराइली सैनिकों को बंधक भी बना लिया है. इस हमले में करीब 15 लोग घायल हो गए हैं. लेकिन यहां हर किसी के मन में ये सवाल जरूर उठता है कि आखिर बार-बार इजराइल और फिलिस्तीन बीच ऐसा क्या होता है जिससे दोनों युद्ध के मैदान में पहुंच जाते हैं.

ये भी पढ़ें: इजराइल-फिलिस्तीन में फिर छिड़ा युद्ध, हमास ने 5000 रॉकेट शहरों पर दागे, 15 घायल

सौ साल पुराना है इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष

फिलिस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष की कहानी सौ साल पुरानी है. दरअसल, प्रथम विश्वयुद्ध से पहले इजरायल, तुर्किए (पूर्व नाम तुर्की) का हिस्सा था. जिसे ओटमन साम्राज्य कहा जाता था. प्रथम विश्वयुद्ध में तुर्की मित्र राष्ट्रों के खिलाफ खड़े देशों के साथ चला गया. जिसके चलते तुर्की और ब्रिटेन के बीच तनाव पैदा हो गया. दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया और ब्रिटेन ने इस युद्ध को जीतकर ओटमन साम्राज्य का अंत कर दिया. तब यहूदी जियोनिज्म की भावना से भरे हुए थे. जो एक आजाद यहूदी राज्य बनाना चाहते थे.

ये भी पढ़ें: GST On Ganga jal: गंगाजल पर लगा GST, ऑनलाइन खरीदारी पर चुकाना होगा 18 फीसदी अतिरिक्त चार्ज

जिसके चलते दुनियाभर के यहूदी फिलिस्तीन आने लगे. ब्रिटेन ने यहूदियों का साथ दिया, साथ ही फिलिस्तीन को यहूदियों की मातृभूमि बनाने में मदद करने लगा. लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन काफी कमजोर पड़ गया. जिससे फिलिस्तीन आने वाले यहूदियों को मदद मिलना कम हो गई. उसके बाद दूसरे देशों ने ब्रिटेन पर यहूदियों का पुनर्वास करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. लेकिन ब्रिटेन ने इस मामले से खुद को अलग कर दिया. इसके बाद मामला 1945 में बने युनाइटेड नेशन (UN) के पास चला गया.

29 नवंबर, 1974 को संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन के दो टुकड़े कर दिए. पहला हिस्सा अरब राज्य बना और दूसरा इजरायल. वहीं जेरुसलम को अंतरराष्ट्रीय सरकार के अधीन रखा गया. लेकिन अरब देशों ने यूएन के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया. इसके करीब एक साल बाद इजरायल ने खुद को आजाद देश घोषित कर दिया. अमेरिका ने भी इसे मान्यता दे दी. उसके बाद अरब देश और इजराइल आमने सामने आ गए और दोनों के बीच कई बार युद्ध हुआ. अमेरिका की वजह से इजराइल ने हर युद्ध में अरब देशों के हरा दिया.

इन वजहों से दोनों देशों के बीच है विवाद

  1. इसमें पहला है वेस्ट बैंक. दरअसल, वेस्ट बैंक इजरायल और जॉर्डन के बीच में है. इजरायल ने इसे 1967 के युद्ध में अपने कब्जे में ले लिया. लेकिन इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही इस इलाके पर अपना हक जताते हैं.
  2. इसके अलावा गाजा पट्टी भी दोनों देशों के बीच विवाद की वजह है. ये स्थान इजरायल और मिस्र के बीच में है. जिसपर हमास का कब्जा है. सितंबर 2005 में इजरायल ने गाजा पट्‌टी से अपनी सेना को वापस बुला लिया. उसके दो साल बाद यानी 2007 में इजरायल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए.
  3. वहीं राजनीतिक और रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रहा सीरिया का एक पठार गोलन हाइट्स भी दोनों देशों के बीच युद्ध की वजह बनता रहा है. 1967 के बाद से ही इस पर इजरायल का कब्जा है. इस विवाद और कब्जे को लेकर कई बार शांति वार्ता हुआ लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
  4. इसके अलावा पूर्वी जेरुसलम में नागरिकता को लेकर दोहरी नीति भी दोनों देशों के विवाद की वजह रही है. क्योंकि1967 में पूर्वी जेरुसलम पर कब्जे के बाद से इजरायल यहां पैदा होने वाले यहूदी लोगों को इजरायली नागरिक मानता है, लेकिन इसी इलाके में पैदा हुए फिलिस्तीनी लोगों को कुछ शर्तों के साथ यहां रहने की अनुमति मिल जाती है. जिसमें ये शर्त भी शामिल है कि एक तय समय से ज्यादा बाहर रहने पर फिलिस्तीनी की नागरिकता खत्म कर दी जाएगी. इजरायल की इस नीति की कई बार आलोचना भी हो चुकी है.

जेरुसलम भी है झगड़े की वजह

बता दें कि फिलिस्तीन के प्रदर्शनकारी और इजरायली पुलिस के बीच आए दिन जेरुसलम और उसके आसपास के इलाके में झड़प हो जाती है. ये एक ऐसा शहर है जो इस्लाम, ईसाई और यहूदियों तीन धर्मों की आस्था का केंद्र है. यहां अल-अक्शा मस्जिद जो मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थान है. वहीं ईसाइयों के लिए भी जेरुसलम सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. यहां 'द चर्च ऑफ द होली सेपल्कर' मौजूद है.

ऐसी मान्यता है कि जीसस को इसी जगह पर सूली पर चढ़ाया गया था. उसके बाद वह यहां पर जीवित भी हुए थे. ये शहर यहूदियों के लिए भी काफी पवित्र है क्योंकि यहां की वेस्टर्न वॉल उनके पवित्र मंदिर का अवशेष है. 1967 में इजराइल ने जेरूसलम के पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लिया और उसके बाद इसे अपनी राजधानी मानने लगा. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता नहीं मिल सकी. इसलिए तेल अवीव को ही राजधानी माना गया.

ये भी पढ़ें: Canada Plane Crash: कनाडा में बड़ा हादसा, प्लेन क्रैश में दो भारतीय ट्रेनी पायलटों की मौत

उधर फिलिस्तीनी भी यही कहते हैं कि वे आजाद देश बनने के बाद जेरुसलम को ही राजधानी बनाएंगे. इसलिए फिलिस्तीनी लगातार मांग करता रहा है कि इजरायल 1967 से पहले की सीमाओं पर वापस लौट जाए. साथ ही वेस्टबैंक और गाजा पट्टी को भी फिलिस्तीन को लौटा दे. साथ ही पूर्वी जेरुसलम को भी इजरायल आजाद कर दे. जिससे वह जेरुसलम को फिलिस्तीन की राजधानी बना सके. लेकिन इजराइल इन सबसे इनकार करता रहा है. जिसे लेकर दोनों देशों के बीच आए दि जंग होती रहती है.

First Published : 07 Oct 2023, 01:49:54 PM