What is Virtual Sex: जनता दल - सेक्युलर (जेडीएस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना बीते कई दिन से सुर्खियों में हैं. उन पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में चौथी एफआईआर दर्ज हुई है. ये रिपोर्ट एक पीड़ित महिला ने दर्ज करवाई है. पीड़िता का आरोप है कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसकी बेबसी का फायदा उठाकर कई बार उसे वर्चुअल सेक्स करने के लिए मजबूर किया. ये पूरा मामला हैरान करता है. 'वर्चुअल सेक्स' क्या है और इससे जुड़े क्राइम कितनी बड़ी समस्या है. बता दें कि दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्वल रेवन्ना अभी 8 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं.
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ताजा मामला
एक हिंदी न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने प्रज्वल रेवन्ना पर शौन शोषण करने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पीड़िता के द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, वह अपने बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाना चाहती थी, इसके लिए वो पूर्व जेडीएस सांसद से मिली थी. इस दौरान उसने महिला का फोन नंबर मांगा. इसके बाद उसे एक वीडियो कॉल आया. इसमें पूर्व जेडीएस सांसद ने उसे वर्चुअल सेक्स के लिए मजबूर किया.
आरोप है कि अक्टूबर 2019 से 2020 के बीच हासन में रहने के दौरान उसने करीब 8-10 बार इस काम को अंजाम दिया. पीड़िता का आरोप है कि जब भी उसने अपने बेटे के एडमिशन की बात की तो तो उसने उससे कहा कि जब तक वह उसके साथ यौन संबंध नहीं बनाती, तब तक उसका काम बिल्कुल भी नहीं होगा.
क्या होता है वर्चुअल सेक्स?
वर्चुअल सेक्स एक सेक्सुअल एक्टिविटी है, जो आज के समय में बहुत आम है. इसमें दो या दो से अधिक लोग (या एक शख्स और एक वर्चुअल करेक्टर) फोन, वीडियो कॉल और चेट के जरिए सेक्स करते हैं. इसमें शख्स अपने पार्टनर को बताता है कि वह जब उसके साथ बिस्तर में होगा तो उसके साथ किस तरह सेक्स करेगा. ऐसे में उसकी पार्टनर भी उसके सामने अपनी फैंटेसीज को जाहिर करती है. इसी को वर्चुअल सेक्स कहा जाता है.
'वर्चुअल सेक्स' के प्रकार
वर्चुअल सेक्स के कई प्रकार हैं, जिनके बारे में सामने आए साइब्रर क्राइम मामलों से पता चलता है. इनमें कैमिंग (Camming), साइबर सेक्स, फोन सेक्स, सेक्सटिंग (Sexting) और मेटावर्स सेक्स प्रमुखता से शामिल हैं. इन सभी वर्चुअल सेक्स के तरीकों में बातचीत का आधार कुछ भी हो सकता है. जैसा कि कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना मामले में दिखता है. आइए इन तरीकों के बारे में जानते हैं-
कैमिंग: यह एक वर्चुअल सेक्स है, जो वीडियो चैट पर होता है. कुछ प्रोवाइडर इसकी सर्विस उपलब्ध करवाते हैं.
साइबर सेक्स: ईमेल, इंस्टेंट मैसिजिंग चैट रूम्स, वेबकैम और रोल प्लेइंग गेम्स पर सेक्सुअल टेक्स्ट, इमेज और वीडियो सेंड कर किया जाना वाला वर्चुअल सेक्स है.
फोन सेक्स: मोबाइल या टेलीफोन पर बोला जाने वाला वर्चुअल सेक्स है. देश में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत फोन सेक्स बैन है.
सेक्सटिंग: मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेजिंग के जरिए किया जाने वाला वर्चुअल सेक्स है.
मेटावर्स सेक्स: वर्चुअल दुनिया में इंसानों के अवतारों के बीच किया जाने वाला सेक्स है.
कब क्राइम बन जाता है वर्चुअल सेक्स?
वर्चुअल सेक्स के दौरान की गई सेक्सुअली एक्टिविटीज् का रिकॉर्ड कंटेंट जैसे वीडियो, टैक्स्ट और फोटो को इस्तेमाल संबंधित पार्टनर के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है, तो ये क्राइम का रूप ले लेता है. अक्सर लोग पैसे ऐंठने, जबरन संबंध बनाने और शादी का दवाब डालने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए इस कंटेंट का इस्तेमाल करते हैं. कभी-कभी ये ब्लैकमैलिंग पीड़ित के सुसाइड करने का कारण भी बन जा सकती है. इसके अलावा छवि को धूमिल, मजबूरी का फायदा उठाना, कोई खास काम निकलवाना या फिर कोई क्राइम करवाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
वर्चुअल सेक्स क्राइम कितनी बड़ी समस्या?
देश में बीते कुछ सालों से साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़े हैं. उनमें वर्चुअल सेक्स क्राइम से जुड़े मामले भी अधिक संख्या में हैं. आए दिन खबरें आती हैं, जिनमें लोग इन अपराधों के शिकार होते हैं. वर्चुअल सेक्स क्राइम देश में गंभीर समस्या बनती जा रही है.
वहीं, सेक्स इंडस्ट्री अब अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए इंटरनेट का सहारा ले रही है. मॉर्डन टेक्नोलॉजी की मदद से अब वर्चुअली सेक्स परोसा जा रहा है. लोगों को वीडियो चैट, स्काइप और बढ़ती टेक्नोलॉजी के सहारे ऑनलाइन सेक्स में फंस रहे हैं, जिसके बदले उनसे पैसे ऐंठे जा रहे हैं.
वर्चुअल सेक्स क्राइम समाज के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं, क्योंकि ये कहीं न कहीं महिलाओं के शोषण का कारण बनते हैं. भारत में इससे निपटने के लिए सख्त कानून भी हैं, फिर इन अपराधों के शिकार लोगों की संख्या में कमी नहीं आ रही है.
Source : News Nation Bureau