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Explained: कौन है खालिद मशाल जो संभालेगा हमास की कमान?

हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के बाद अब कौन होगा अगला हमास चीफ, जानिए क्यों सामने आ रहा है खालिद मशाल का नाम, कौन है खालिद मशाल जिसको लेकर इजराइल की बढ़ सकती है चिंता.

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Dheeraj Sharma
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Khaled Meshaal
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Who is Khaled Meshaal: इजराइल और हमास के बीच अघोषित युद्ध शुरू हो चुका है. दोनों तरफ से एक दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं. ताजा हमले में इजराइल ने ईरान के तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माल हानिया को ढेर कर दिया है. इस अटैक के बाद इजराइल के हौसले बुलंद हैं, वहीं हमास अपने नए आका यानी हमास चीफ की ताजपोशी में जुट गया है. हमास की कमान कौन संभालेगा इसकी चर्चा भी तेज हो गई है. इस रेस में सबसे आगे जो नाम चल रहा है वह है खालिद मशाल का. खालिद मशाल को हमास के खूंखार आतंकियों में गिना जाता है. खालिद ने ऐसे कई कामों को अंजाम दिया है जो उसके खौफ की दांस्ता बयां करते हैं. आइए जानते हैं आखिर खालिद मशाल कौन है जो बन सकता है हमास का उत्तराधिकारी. 

गुस्से में है हमास, बदले की तैयारी

चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद से ही हमास गुस्से में है. इजराइल के साथ हमास किसी भी वक्त अपना बदला ले सकता है. सूत्रों की मानें तो इसको लेकर हमास की ओर से तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. वहीं इजराइल ने भी लेबनान के सटे इलाकों को खाली करना शुरू कर दिया है. ताकि किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान न हो.

इजराइल से बदला लेने के लिए हमास को एक कुशल नेतृत्व की जरूरत है. इस्माइल हानिया की मौत से हमास को झटका जरूर लगा है, लेकिन उसका विकल्प जल्द ही तलाशने की तैयारी हो रही है और इसमें खालिद मशाल सबसे आगे हैं. 

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कौन है खालिद मशाल जो संभाल सकता है हमास की कमान

खालिद मशाल ने अपने कारनामों के दम पर ही हमास चीफ की रेस में अपना नाम सबसे आगे किया है. 28 मई 1956 में खालिद ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह स्थित सिलवाड इलाके में जन्म लिया. उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि ये बच्चा हमास के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 

'द मैन हू हॉन्ट्स इजराइल' का मिला टाइटल

खालिद 15 वर्ष की उम्र में ही सुन्नी इस्लामिक संस्था मुस्लिम ब्रदरहुड में भर्ती हो गए थे. यहीं से उनका सफर शुरू हुआ और 1987 में उन्होंने हमास का गठन कर डाला. खास बात यह है कि खालिद के कारनामों की वजह से ही उन्हें टाइम मैगजीन ने भी एक खास टाइटल दिया. ये टाइटल था 'द मैन हू हॉन्ट्स इजराइल' इसका मतलब है इजराइल की नाक में दम करने वाला व्यक्ति.

हानिया नहीं पहले खालिद बनने वाले था हमास चीफ

बता दें कि इस्माइल हानिया से भी पहले खालिद का नाम हमास प्रमुख के तौर पर आगे आया था. क्योंकि हमास की स्थापना में खालिद की अहम भूमिका रही थी. उसी ने 1992 में यानी 90 के दशक में हमास के पोलिटिकल ब्यूरो की स्थापना की थी. चार वर्ष बाद यानी 1996 में ही खालिद को इसका हेड बनाया गया. तब से 2017 तक खालिद ने इस पद पर काम किया. 

देश के बाहर से ही देखता है अपना काम

खास बात यह है कि 68 वर्षीय खालिद मशाल देश से बाहर रहकर ही अपने काम को अंजाम देता रहा है. 2004 से 2012 तक खालिद ने सीरिया की राजधानी दमिश्क अपने ग्रुप को बखूबी चलाया. इसके बाद वह कतर और मिस्त्र में रहकर अपने समूह का संचालन करने गला. 

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क्या है खालिद की सोच

खालिद शुद्ध रूप से हमास का हिस्सा है क्योंकि इसकी स्थापना में उसकी अहम भूमिका रही है. खालिद ने अल जजीरा को दिए एक साक्षात्कार में इस बात का भी खुलासा किया है कि हमास फिलिस्तीन की आजादी चाहता है. यही नहीं इजराइल को मान्यता दिए बिना ही इस काम को अंजाम दिए जाने की वकालत भी करता है. 

जहर दिए जाने के भी नहीं मरा खालिद

खालिद की हमास के लिए कितना जरूरी और इजराइल के लिए कितना घातक हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह इजराइल की ओर से दिए जाने वाले जहर से भी बच निकला. दरअसल 1997 में ही इजराइली एजेंटों ने जॉर्डन में भी राजनीतिक संकट के बीच खालिद मशाल को जान से मारने की साजिश रची. इस दौरान इजराइली एजेंटों ने उसे जहर का इंजेक्शन दिया. इस इंजेक्शन से भी खालिद बच गया. 

जब जॉर्डन किंग ने खालिद के लिए इजराइल को दी धमकी

खालिद पर हुए इस जानलेवा हमले के बाद जॉर्डन किंग नाराज हो गए. उन्होंने इजराइल से मांग की कि खालिद को जहर देने वाले एजेंटों को तत्काल फांसी दी जाए. इसके साथ ही उस जहर का एंडीडोट भी भेजा जाए. खास बात यह है कि इजराइल को धमकी देते हुए जॉर्डन किंग ने एंडीडोट के लिए सिर्फ आधी रात का वक्त दिया. ऐसा नहीं करने पर जॉर्डन और इजराइल के बीच शांति समझौता तोड़ने की बात भी कही गई. 

भारतीयों को भड़काने का भी आरोप

खालिद मशाल के तार भारत से भी जुड़ चुके हैं. दरअसल बीते वर्ष अक्टूबर के महीने में ही खालिद ने केरल में ऑनलाइन भाषण दिया. ये भाषण उन्होंने केरल के सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट की ओर से आयोजित फिलिस्तीनियों के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए दिया. खालिद ने कहा कि इजराइल से अल-अकसा मस्जिद को आजाद  कराने के लिए दुनियाभर से फिलिस्तीनियों को इकट्ठा होना होगा. भारत में इस तरह भाषण से लोगों को भड़काने को लेकर बीजेपी नेताओं ने आपत्ति जताई थी. केरल बीजेपी प्रमुख सुरेंद्रन आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की थी.  

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