Who is Shantanu Naidu: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata Death) अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन से पूरा देश शोक में हैं. उनके करीबी गमगीन हैं. सबसे गहरा दुख उनके जिगरी दोस्त और बुढ़ापे में उनका सहारा बने शांतनु नायडू को लगा है. शांतनु नायडू ने रतन टाटा के निधन पर उनको अपना ‘लाइटहाइट’ बताया और गहरा दुख व्यक्त किया. 10 साल पहले जब शांतनु रतन टाटा से मिले तो वो एक आम लड़के की तरह ही थे, लेकिन बाद में वो अरबपति रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त बन गए. इसके पीछे कहानी दिल को छू लेने वाली हैं.
ये भी पढ़ें: Ratan Tata के वो 5 बड़े फैसले, जिन्होंने हिला दी पूरी दुनिया, वो कर दिखाया जो कोई नहीं कर पाया!
‘...अलविदा मेरे प्यारे लाइटहाउस’
शांतनु नायडू ने रतन टाटा के निधन पर एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘इस दोस्ती ने अब मेरे अंदर जो खालीपन पैदा कर दिया है, मैं अपनी बाकी की जिंदगी उसे भरने की कोशिश में बिता दूंगा. प्यार के लिए दुख की कीमत चुकानी पड़ती है. अलविदा, मेरे प्यारे लाइटहाउस.’
शांतनु नायडू के इस पोस्ट से ही समझा जा सकता है कि शांतनु किस कधर रतन टाटा के निधन से दुखी हैं. इतना ही जब रतन टाटा (Ratan Tata News) का अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब भी शांतनु नायडु सबसे आगे रहे. इंजीनियरिंग इंटर्न से लेकर रतन टाटा के भरोसेमंद जनरल मैनेजर और दोस्त बनने तक शांतनु नायडू का सफर दिल को छू लेने वाला है.
ये भी पढ़ें: अभी-अभी आई बड़ी खबर! 80 हजार करोड़ के इस सौदे को मोदी सरकार ने दी मंजूरी, कई गुना बढ़ेगी देश की ताकत
कौन हैं शांतनु नायडू (Who is Shantanu Naidu)
-
वर्तमान में शांतनु नायडू टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा जनरल मैनेजर हैं. उन्होंने साल 2022 में रतन टाटा के साथ काम करना शुरू किया.
-
नायडू की पहचान तब बनी जब उन्होंने एक सामाजिक उधम शुरू किया, जिसमें सड़कों पर कुत्तों को सुरक्षित रखने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर डिजाइन किए गए.
-
यह पहल रतन टाटा जो खुद एक पशु प्रेमी थे. उनका ध्यान आकर्षित करने में सफल रही. इसके बाद रतन टाटा ने इस उद्यम को स्टार्ट किया.
ये भी पढ़ें: Top Story: क्या है NMHC Project, पीएम मोदी ने गुजरात को दिया अबतक का सबसे अनोखा तोहफा, होंगे ये बड़े फायदे!
कैसे हुई इस दोस्ती की शुरुआत
-
दरअसल शांतनु नायडू ने रतन टाटा को एक चिट्ठी लिखी और उनकी इस परियोजना ने दोनों के बीच दोस्ती की शुरुआत की.
-
इसके बाद शांतनु और रतन टाटा के बीच व्यक्तिगत रिश्ते और भी गहरे होते चले गए. रतन टाटा ने शांतनु को अपने करीबी सर्कल में शामिल किया और कई मौकों पर उन्हें अपने बेटे जैसा माना.
-
नायडू ने एक स्टार्टअप गुड फेलोस भी स्थापित किया, जो वरिष्ठ नागरिकों को सेवा प्रदान करता है और इसमें रतन टाटा ने निवेश किया था.
-
शांतनु नायडु और रतन टाटा के बीच गुरु-शिष्य का रिश्ता भी बताया जाता है. उनके निधन के बाद ये सवाल भी सुर्खियों में बना कि वो उनके वारिस बन सकते हैं.
-
हालांकि शांतनु नायडू का नाम टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारियों में आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया.
-
टाटा ग्रुप के संचालन व्यवस्था पहले से ही एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में है और नोएल टाटा जैसे परिवार के अन्य सदस्य भी प्रमुख भूमिकाओं के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें: Good News: क्या होते हैं Modi Stocks, हरियाणा में BJP की जीत से चला जिनका जादू, झमाझम बरसा लोगों पर पैसा!