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Bangladesh Hindu Crisis: बांग्लादेश में हिंदुओं को क्यों निशाना बना रहे हैं उपद्रवी?

Bangladesh Hindu Crisis: बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले चिंता का सबब बने हुए हैं. सवाल ये है कि जब बवाल आरक्षण मुद्दे पर हुआ तो वहां उपद्रवी हिंदुओं को क्यों निशाना बना रहे हैं?

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Ajay Bhartia
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Hindu under attack in Bangladesh

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले क्यों?

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Bangladesh Hindu Crisis: बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले चिंता का सबब बने हुए हैं. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और फिर देश छोड़ने के बाद भी वहां हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उपद्रवी खासकर हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं. वे हिंदुओं के घरों से लेकर मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं. महिलाओं के साथ बर्बरता कर रहे हैं. बिगड़ते हालात के बीच बांग्लादेशी हिंदू भारत में पलायन करने को मजबूर हैं. सवाल ये है कि जब बवाल आरक्षण मुद्दे पर हुआ तो वहां उपद्रवी हिंदुओं को क्यों निशाना बना रहे हैं?

अपना उल्लू सीधा कर रहे कट्टरपंथी

बंग्लादेश में हिंसा के बाद से ही भारत ने अपनी सीमाओं में सुरक्षा सख्त कर रखी है. हालांकि बुधवार देर रात भारत-बांग्लादेश सीमा से माथे पर शिकन ला देने वाली खबर आई. 1000 से अधिक बांग्लादेशी लोग, जो भारत में घुसपैठ (Bangladeshi Hindus Infiltration) की फिराक में थे, BSF ने रोक लिया. इन लोगों में अधिकतर बांग्लादेशी हिंदू थे. इसके पीछ की बड़ी वजह बांग्लादेश में पनपे हिंसक हालात हैं. अराजक हालात बनाने वाले अवसरवादी कट्टरपंथी मजहब की आड़ में अपना उल्लू सीधा करने में जुट गए हैं. 

इस्लाम कबूलने का दबाव बनाना

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाओं का पूरा इतिहास रहा रहा है. बांग्लादेश के कट्टरपंथियों ने ठीक पाकिस्तान की ही तरह हिंदू आबादी का दमन किया. उन्हें या तो मुसलमान बनने पर मजबूर कर किया या फिर उन्हें बांग्लादेश से पलायन करने के लिए मजबूर किया. कट्टरपंथी ऐसा ही कुछ अब करते हुए दिख रहे हैं. कट्टरपंथी नहीं चाहते हैं कि बांग्लादेश में हिंदू अपना अस्तित्व बनाकर रखें. बांग्लादेशी हिंदुओं की घटती जनसंख्या इस बात की तस्दीक करते हैं.

बांग्लादेश में लगातर घटी हिंदू जनसंख्या

सवाल उठता है कि आखिर क्यों बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. 1951 में पूर्वी पाकिस्तान में हिंदू (Hindus in Bangladesh) आबादी करीब 22 प्रतिशत थी, लेकिन 2011 तक बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी घटकर 8.54 प्रतिशत रह गई और 2022 में इस देश में सिर्फ 7.95 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या ही बची. हालांकि, लगातार गिरावट के बावजूद भी बांग्लादेश में हिंदू दूसरे नंबर पर आने वाली आबादी है, लेकिन अब कट्टरपंथी इस आबादी का पूरी तरह से सफाया करने का मन बना चुके हैं, इसलिए वे चुन-चुन कर हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं.

बांग्लादेशी हिंदुओं पर किस तरह के हमले

बांग्लादेश में हिंदुओं पर जिस तरह से भीड़ की हिंसा (Hindus Under Attack In Bangladesh) के हमले हुए हैं, उनको जानकर आपका कलेगा कांज जाएगा. इस देश का ऐसा कोई इलाका नहीं बचा है, जहां पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं नहीं हुई हों. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार-- 

  • हिंदुओं के घर, मकानों और दुकानों को आगे के हवाले कर दिया गया.
  • हिंदू पुरुषों पर जानलेवा हमले, जिनमें कई के मारे जाने की भी खबरें
  • हिंदू महिलाओं के साथ बुरी तरह से मारपीट, उनका रेप भी किया गया.
  • हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, आगजनी-पथराव, मूर्तियों को भी खंडित किया गया
  • हिंदुओं के घरों, बंगलों और दुकानों में बड़े पैमाने पर लूट पाट की जा रही है.
  • बड़े पैमाने पर हिंदुओं को उनके घरों और खेतों से मारपीट कर भगाया जा रहा

आलाम ये है कि जिन इलाकों में हिंदुओं की संख्या अधिक है, वहां पर भी वे सुरक्षित नहीं हैं. बांग्लादेश के पंचगढ़, दिनाजपुर, बोगुरा, रंगपुर, शेरपुर किशोरगंज, सिराजगंज, मुगरा, नरैल, पश्चिम जशोर, पटुआखली, दक्षिण-पश्चिम खुलना, मध्य नरसिंगड़ी, सतखीरा, तंगैल,फेनी चटगांव, उत्तर-पश्चिम लक्खीपुर और हबीगंज से हिंदुओं पर हमले की हाहाकारी खबरें आ रही हैं.

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हसीना समर्थक होने का बदला!

बांग्लादेश में एक करोड़ 30 लाख से अधिक हिंदू हैं. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि हिंदुओं की अधिकतर संख्या शेख हसीना और उनकी आवामी लीग पार्टी के समर्थक हैं. कई सालों से हिदू वोटर्स चुनावों में शेख हसीना की जीत का आधार बने हुए थे. इससे शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लागेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी सत्ता से दूर रहीं. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हिंसा की आड़ में कट्टरपंथी लोग हिंदुओं से उनके हसीना समर्थक होने की खींच निकाल रहे हैं.

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हिंदुओं पर हमले, पीछे कौन? 

मौजूदा समय में बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के पीछे जमात-ए-इस्लामी की बड़ी भूमिका होने का दावा किया जा रहा है, क्योंकि बांग्लादेश में पाकिस्तान का कोई सबसे बड़ा प्यादा है तो जमात-ए-इस्लामी है, जिसने शेख हसीना के खिलाफ उपजे आक्रोश को बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान की मूर्तियों तक ले गया. ढाका, चिटगांव जैसे शहरों में बांग्लादेश के निर्माता की मूर्तियों को तोड़ दिया. जमात-ए-इस्लामी के अंदर इतनी कट्टरता भरी है कि शेख हसीना ने प्रतिबंध लगा दिया था.

‘जमात के असली टारगेट हिंदू ही’

आरोप हैं कि जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान और उसकी खूफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करता है. बांग्लादेश में उसके एजेंडे को धार देता है. विदेश मामलों के जानकर कमर आगा ने बताया कि, ये संगठन बांग्लादेश से हिदुओं को बाहर निकालने का कैंपेन चला रहा हैं. मालदीव की तर्ज पर इन्होंने अभियान शुरू किया है, जिसमें सबसे ज्यादा टारगेट हिंदू आबादी को बनाया जाता है और यही जमात बांग्लादेश में आग लगा रही है, जिनका असली टारगेट हिंदू ही हैं.’

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