JK Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. अगले महीने वोटिंग होनी हैं. इसको लेकर कांग्रेस काफी एक्टिव दिख रही है. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कश्मीर दौरे पर हैं. इस बीच, बड़ी खबर ये सामने आई है कि आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के बीच गठबंधन हो गया है. अब सवाल ये हैं कि राहुल गांधी ने पीडीपी के बजाय NC के साथ चुनावी रण में जाने का फैसला क्यों लिया. साथ ही ये अलायंस कितना असरदार साबित होगा?
370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी की यही कोशिश रहेगी कि बीजेपी को किसी भी तरह से जम्मू-कश्मीर में रोका जाए. चुनाव बाद सरकार बनाने में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं बने. इसके लिए कांग्रेस रिजनल पार्टियों जैसे पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस को साथ लेकर चलने में भी कोई परहेज नहीं करती दिख रही है. अटकलें थी कि कांग्रेस पीडीपी और एनसी दोनों के साथ चुनाव में उतर सकती है, हालांकि ऐसा हुआ नहीं और कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ अपने अलायंस का ऐलान कर दिया.
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NC के साथ क्यों गए राहुल?
इंडिया ब्लॉक में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दोनों ही कांग्रेस के सहयोगी हैं. मगर राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को अलग ही दृष्टिकोण से देख रहे हैं. उनको चुनावी रण में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ जाना कांग्रेस के हित में दिख रहा है. इसकी अन्य वजह ये भी हो सकती हैं कि—
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जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच नजदीकियां रही हैं, दोनों पार्टियों के बीच पहले भी गठबंधन हो चुके हैं.
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला हों या फिर उनके बेटे उमर अब्दुल्ला जब भी दिल्ली आते हैं, तो कांग्रेस नेताओं से जरूर मिलते हैं.
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साथ ही केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टियां मजबूती से खड़ी हुई दिखाई पड़ती हैं.
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मौजूदा समय में PDP जम्मू-कश्मीर में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. उसके वोटबैंक में भारी गिरावट आई है. लोकसभा चुनाव में पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई है.
जम्मू-कश्मीर चुनाव (JK Election News) के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में गठबंधन होने की एक बड़ी वजह परिसीमन भी है. इससे पूरे इलाके में सियासी समीकरण बदल चुके हैं. बीते चुनावों में ऐसा देखा गया है कि कश्मीर के इलाकों में नेशनल कॉन्फ्रेंस दबदबा रखती है, तो कांग्रेस को जम्मू में अच्छे वोट मिलते हैं. इसी जम्मू में बीजेपी को भी अच्छा खासा प्रभाव दिखता है. ऐसे में इस बात की पूरी संभावनाएं हैं कि बीजेपी को टक्कर देने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi In Kashmir) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का साथ चुना है.
कितना असरदार होगा ये अलायंस?
जम्मू-कश्मीर (JK Politics) में साल दर साल कांग्रेस कमजोर होती जा रही है. दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ देने के बाद कांग्रेस के सामने जम्मू-कश्मीर में बड़े चेहरे की कमी एक चुनौती बना हुआ है. समय के साथ पार्टी का कैडर कमजोर हुआ है और वोटबैंक भी खिसका है, ऐसे में कांग्रेस के अकेले चुनाव की संभावना वैसे भी बहुत अधिक नहीं थीं. कहा जाता है सकता है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करना उसकी मजबूरी अधिक दिखाती है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (JK Election Update) में ये अलायंस कितना असरदार साबित होगा? अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगा. हालांकि इतना जरूर है कि बीते कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का दबदबा बढ़ा है, वहीं पार्टी पहले पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बना चुकी है. अगर इस बार भी बीजेपी और पीडीपी के साथ आती हैं, तो यकीन मानिए जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024 बड़ा ही दिचलस्प होने वाला है.
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