India-Italy Relationship: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच गए हैं. वे यहां ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. उनको इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने आउटरीच सत्र के लिए इनवाइट किया है. इस सत्र में पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), ऊर्चा, अफ्रीका और भूमध्य सागर मुद्दे पर राय रखेंगे. तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद ये नरेंद्र मोदी का पहला विदेश दौरा है. इस मौके पर आइए जानते हैं कि भारत-इटली संबंध कैसे हैं, भारत के लिए इटली क्यों खास है, और कब-कब दोनों देशों के बीच विवाद रहा है.
भारत के लिए इटली कई कारणों से खास है, जिनमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध, राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक फैक्टर शामिल हैं. पीएम मोदी ने अपने इटली दौरे को लेकर कहा कि उन्हें खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में उनकी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत इटली के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, हिंद-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनका ये बयान भारत-इटली के बीच रिश्तों की गर्माहट को दर्शाता है. बता दें कि G7 दुनिया के सबसे अमीर देशों का ग्रुप है, जिसमें अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा शामिल हैं.
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
भारत और इटली प्रचानी संभ्यताएं हैं, जिनकी सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध है. इन सभ्यताओं के लोग 2000 से अधिक वर्षों से एक-दूसरे को जानते, बातचीत करते और व्यापार करते रहे हैं. वेनिस के व्यापारी मार्को पोलो ने पूर्व की ओर अपनी यात्रा के दौरान 13वीं शताब्दी में भारत की यात्रा भी की और अपने अनुभवों के बारे में लिखा. नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने मई-जून 1926 में इटली का दौरा किया. महात्मा गांधी ने दिसंबर 1931 में लंदन में गोलमेज सम्मेलन से भारत लौटते समय रोम का दौरा किया. ब्रिटिश भारतीय सेना के साथ काम करने वाले भारतीय सैनिकों को सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान इटली में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने जर्मन और मुसोलिनी की सेनाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
राजनीतिक संबंध
भारत और इटली के बीच राजनीतिक संबंध 1947 में स्थापित हुए थे. पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1953 और 1955 में इटली का दौरा किया था. इसके बाद दोनों देशों के लीडर्स ने समय-समय पर एक-दूसरे के यहां दौरों पर आते रहे हैं. 2000 में पीएम मोदी और इटली के तत्कालीन प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे के बीच वर्ता हुई थी, जिसमें ऊर्जा, मीडिया, वित्त, जहाज निर्माण जैसे कुल 15 समझौते हुए. अक्टूबर 2021 में भी पीएम मोदी ने इटली का दौरा किया था. तब वे इटली जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा और टेक्सटाइल सहयोग पर बात हुई थी.
2-3 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सितंबर 2022 में इतालवी आम चुनावों में अपनी जीत के बाद भारत का दौरा किया था. तब ग्रीन इकॉनमी, एनर्जी सिक्युरिटी एंड ट्रांसजिशन, डिफेंस को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन, ब्लू इकोनमी को बढ़ावा देने पर दोनों देशों के बीच चर्चा हुई थी. भारत और इटली में साइबर सिक्योरिटी, इनोवेशन, डिफेंस और स्पेस के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की क्षमता है. भारतीय और इतालवी स्टार्टअप कंपनियों के बीच एक स्टार्टअप ब्रिज भी स्थापित किया गया.
आर्थिक संबंध
इटली यूरोपीय संघ के भीतर भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है. 2021-22 में 13.229 बिलियन अमरीकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 53.86% की वृद्धि है. जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड के बाद इटली यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत इटली को कई चीजें भेजता है, जिनमें कपड़े, कीमती धातुएं और अन्य गैर कीमती धातुएं, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी कलपुर्जे शामिल हैं. भारत की कई कंपनियों जैसे टीसीएस और महिंद्रा ने इटली में निवेश किया हुआ है. यह निवेश मुख्य रूप से आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सेक्टर में है.
रणनीतिक साझेदारी
इटली भारत का अहम रणनीतिक साझेदार भी है. दोनों देश जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अतंर्राष्ट्रीय शांति स्थापना जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करते आए हैं. साथ ही दोनों देश जी7 और जी20 जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक साथ काम भी करते हैं. दोनों देशों का लक्ष्य रक्षा, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. अगर डिफेंस सेक्टर को देखें तो जुलाई 2021 में तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे ने इटली का दौरा किया था. भारत इटली से सैन्य साजो सामान भी खरीदता है. इसके अलावा दोनों देश समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती विरोधी अभियानों में एक साथ काम कर रहे हैं.
इटली-भारत के बीच विवादित मुद्दे
भारत और इटली हमेशा से ही सहज नहीं रहे हैं. 2012 के एनरिका लेक्सी मामले से लेकर अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा विवाद तक दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट भी देखी गई है. फरवरी 2012 में इटैलियन ऑयल टैंकर एनरिका लेक्सी पर सवार दो इटैलियन मरीन मैसिमिलियानो लैटोरे और साल्वाटोर गिरोन ने कथित तौर पर केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, इंटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 2010 का सौदा भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा रहा. इन विवादों की वजह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और कानूनी गतिरोध रहा.
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Source : News Nation Bureau