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Explainer: ‘संविधान के मुताबिक ही जारी रहेगा SC/ST आरक्षण’, क्रीमी लेयर के विरोध में क्यों है सरकार?

एक अगस्त को SC ने कहा था कि राज्य SC/ST में सब कैटेगरी यानी क्रीमी लेयर को बना सकते हैं. हालांकि, शुक्रवार को SC/ST रिजर्वेशन पर केंद्र की अहम बैठक हुई, जिसमें सरकार ने इस फैसले को नहीं माना.

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Ajay Bhartia
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Modi Govt On SC/ST

SC/ST में क्रीमी लेयर के विरोध में क्यों सरकार? (Image: Social Media)

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SC on SC/ST Reservation: बीते एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST) के रिजर्वेशन को लेकर बड़ा ही अहम फैसला दिया था. सर्वोच्च अदालय ने कहा था कि राज्य SC/ST में सब कैटेगरी यानी क्रीमी लेयर को बना सकते हैं, ताकि जरूरतमंद जातियों को रिजर्वेशन का अधिक फायदा मिल सके. हालांकि, शुक्रवार को SC/ST रिजर्वेशन पर केंद्र की अहम बैठक हुई, जिसमें सरकार ने इस फैसले को नहीं माना. सवाल ये है कि आखिर सरकार SC/ST रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर के विरोध में क्यों है.

‘संविधान के प्रति संकल्पित है NDA’

इसके बाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय कैबिनेट के SC/ST रिजर्वेशन पर फैसला के बारे में मीडिया को बताया. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST आरक्षण के विषय पर एक फैसला दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई है. कैबिनेट का मत है कि NDA सरकार बाबा साहेब के संविधान के प्रति संकल्पित है.’

‘...SC/ST आरक्षण जारी रहेगा’

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि, ‘बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के अनुसार ही SC और ST के रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है. संविधान अनुसार ही एससी और एसटी के रिजर्वेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.’

PM मोदी से मिले SC/ST सासंद

वहीं, एसटी/एससी कम्युनिटी से जुड़े लोकसभा और राज्यसभा के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसदों ने भी शुक्रवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. सांसदों ने संयुक्त रूप से SC/ST के लिए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के ऑजर्ब्वेशन के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस फैसले को लागू नहीं किया जाना चाहिए. पीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस मामले पर गौर करेंगे.

बैठक में शामिल रहे बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा, ‘हमने पीएम से कहा कि एससी/एसटी में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया जाना चाहिए. पीएम ने यह भी कहा कि इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.’ 

वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी की ओर से SC/ST के सांसदों को दिए गए आश्वासन का स्वागत किया है. NDA सरकार में सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी इस फैसले पर अपनी असहमति पहले जता चुकी है. चिराग पासवान कह चुके हैं कि एलजेपी (R) फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी.

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अब आगे क्या होगा?

संसद के पास अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की शक्तियां हैं. हालांकि, कानून सीधे तौर पर कोर्ट के फैसले का विरोधाभासी नहीं हो सकता. मतलब यह कि फैसले के आधार को हटाता हुआ कानून पारित हो सकता है. अब SC के 1 अगस्त 2024 के फैसले को अब संविधान संशोधन के जरिए ही निष्प्रभावी किया जा सकता है. हालांकि, तब तक राज्य सरकारें वहां इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं. अब उम्मीदें हैं कि सरकार इसी सत्र में इस संदर्भ में संविधान संशोधन बिल ला सकती है.

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विरोध में क्यों सरकार?

1. आगामी चुनाव

SC/ST रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर पर केंद्र सरकार के इस कदम के पीछे संविधान कहिए या फिर राजनीतिक मजबूरियां. संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने विपक्षी नैरेटिव की मार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एनडीए सरकार में उनके सहयोगी दल पहले झेल चुके हैं. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीजेपी की हार की वजह इन्हीं दो मुद्दों को ही बताया गया. 

अब अगर एनडीए सरकार कोर्ट के SC/ST रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर के फैसले पर कई स्टैंड नहीं लेती तो कहीं न कहीं विपक्ष के दावों को बल मिलता. यही वजह है कि सरकार ने पार्टी के एससी/एसटी सांसदों की चिंताओं को गंभीरता से लिया और कहा कि संविधान के मुताबिक ही SC/ST आरक्षण जारी रहेगा. संविधान में एससी/एससी में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है.

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों में उपचुनाव भी होने हैं. अलगे कुछ महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अगर लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को देखा जाए तो इन राज्यों में कांग्रेस की स्थिति सुधरी है. ऐसे में बीजेपी नेता की यही कोशिश रहेगी कि आरक्षण और संविधान मुद्दे का उसे और खामियाजा नहीं भुगतना पड़े.

2. अल्पमत में आने का डर

बीजेपी की केंद्र की सरकार इस बार पूर्ण बहुमत की तो है नहीं. टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी समेत कई दलों में SC/ST के बड़े चेहरें हैं, जिनके कंधों पर ये सरकार टिकी हुई है. ऐसे में सरकार SC/ST आरक्षण को छेड़ना नहीं चाहती है, अगर छेड़ती है तो उसके अल्पमत में आने का भी डर है. आरक्षण काफी बड़ा मुद्दा है और एनडीए सरकार इस बात को बड़े ही अच्छे से समझती है.   

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