ब्रिटेन (Britain) में अगले प्रधानमंत्री पद की दौड़ में कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) के उम्मीदवार के चयन का परिणाम आने में महज कुछ हफ्तों की देरी है. हालांकि ऐसा लग रहा है कि ऋषि सुनक (Rishi Sunak) अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस से दावेदारी की यह दौड़ हार चुके हैं. 5 सितंबर को होने वाले मतदान में यह तय हो जाएगा कि ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री बतौर कौन बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का उत्तराधिकारी होगा. यह अलग बात है कि जॉनसन के उत्तराधिकारी को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच किया गया सर्वेक्षण हो या सट्टा बाजार का आकलन लिज ट्रस (Liz Truss) के जीतने की संभावना ऋषि सुनक के मुकाबले 90 फीसदी अधिक है. ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक औऱ लिज ट्रस के बीच 1,75,000 कंजर्वेटिव सदस्यों का वोट हासिल करने के लिए बीते लगभग छह सप्ताह से कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. यह अलग बात है कि कई ओपीनियन पोल में लिज से पिछड़ने के बाद ऋषि सुनक के जीतने का भाव सट्टा बाजार में महज 10 फीसदी की संभावनाओं पर ही लग रहा है. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि ऋषि सुनक इस प्रतिस्पर्धा में लिज ट्रस से पहली बार पीछे होने पर खुद को 'अंडरडॉग' करार देते नजर आए थे. अब जब उनकी हार अवश्यंभावी लग रही है, तो उन पांच बड़े कारणों को जानते हैं जो ऋषि की हार तय कर सकते हैं...
बोरिस सरकार गिराने के लिए ऋषि जिम्मेदार
सबसे पहला कारण तो यही है कि बोरिस जॉनसन सरकार के गिरने के पीछे उन्हें जिम्मेदार मानने वालों की संख्या बहुमत में है. कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों का मानना है कि ऋषि सुनक के इस्तीफे के बाद ही अन्य लोगों के इस्तीफों की झड़ी लगी. बोरिस जॉनसन के विश्वासपात्र इस बात को मुखर तौर पर कहते हैं और इसके लिए ऋषि को ही एकमात्र जिम्मेदार मानते हैं. इस कड़ी में एक प्रमुख नाम ब्रिटेन की सांस्कृतिक मंत्री नेडाइन डोरीज का है, जिन्हें ऋषि सुनक को ट्रोल करती ट्वीट को रीट्वीट करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस ट्वीट में ऋषि सुनक को ब्रूटस और जॉनसन को जूलियस सीजर की पोशाकों में दर्शाया गया था.
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लिज को भूतपूर्व पीएम दावेदारों का समर्थन
लिज ट्रस को ब्रिटेन के भूतपूर्व पीएम पद के दावेदारों का भी अच्छा समर्थन प्राप्त है. इनमें भी टॉम ट्युगेनहैट सबसे आगे हैं, जो पीएम पद की दावेदारी की दौड़ में हार गए थे. इस बार टॉम ने लिज ट्रस के प्रचार अभियान के वादों को खासकर 'करों में तुरंत कटौती' को वक्त की जरूरत बता पूर्ण समर्थन दिया है. इसके अलावा टॉम खुलेआम कहते आए हैं कि लाइव टीवी डिबेट्स में दोनों दावेदारों को देखने के बाद उन्हें सिर्फ लिज ट्रस ही प्रभावित कर सकी, जो ब्रिटेन के नए पीएम बतौर जिम्मेदारियां उठाने के लिए 'रेडी' हैं. गौरतलब है कि ऋषि सुनक समेत लिज ट्रस के प्रचार अभियान का पहला शब्द ही 'रेडी 4 ऋषि' या 'रेडी 4 लिज' से मिलकर बना है.
आंतरिक सर्वेक्षण में लिज को 69 फीसद सदस्यों का समर्थन
लिज ट्रस की अपरिहार्य जीत का प्रमाण सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के बीच हुआ हालिया सर्वेक्षण का निष्कर्ष भी है. कंजर्वेटिव पाटी के आंतरिक स्तर पर किए गए इस सर्वेक्षण में बोरिस जॉनसन की उत्तराधिकारी बन ब्रिटन की नई पीएम की रेस में लिज बहुत आगे निकल चुकी हैं. यूगाव ने लिज को 34 अंकों की भारी बढ़त दी, जो अब 38 अंकों तक पहुंच चुकी है. इस सर्वेक्षण में 16 अंक उन सदस्यों के रहे, जिन्होंने कह नहीं सकते का ऑप्शन लिया. यानी लिज को 69 तो ऋषि सुनक को महज 31 फीसदी सदस्यों का समर्थन मिला.
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दौड़ में वापसी के लिए ऋषि को नहीं मिलने वाला गेम चेंजर
ब्रिटेन का अगला पीएम बनने के लिए ऋषि सुनक के लिए दावेदारी की यह दौड़ 'समय के खिलाफ रेस' में तब्दील हो गई है. स्वतंत्र सर्वेक्षणों और ओपीनियन पोल के परिणाम साफ-साफ बता रहे हैं कि लिज ट्रस हर गुजरते दिन के साथ ऋषि सुनक से अपनी बढ़त बना रही है. मतदान की अंतिम तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस की जीत का अंतर भी उसी अनुपात में बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सुनक को इस दावेदारी की दौड़ में वापसी के लिए किसी 'अप्रत्याशित मोड़' की जरूरत होगी. यूगाव और कंजर्वेटिव पार्टी के आंतरिक आकलन के मुताबिक ऐसा बहुत मुश्किल है कि ऋषि को ऐसा अप्रत्याशित मौका मिल सके. पोल और बीते सर्वेक्षणों में रुचि रखने वालों को जानकर कतई अचंभा नहीं होगा कि 12 जुलाई को लिज 17 अंकों से ऋषि से आगे थी. 17 जुलाई को यह अंतर 7 अंक बढ़ गया. यूगाव के मुताबिक 13 जुलाई को लिज ट्रस 24 अंकों से आगे थीं, जो अंतर 20 जुलाई को 18 अंकों पर आ गया. ऐसे में ऋषि के लिए फिलवक्त लिज को हराना आसान नहीं है.
ऋषि की पत्नी अक्षता के खिलाफ नेरेटिव
लिज ट्रस की जीत के पीछे ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति को लेकर बुना गया 'नैरेटिव' भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. गौरतलब है कि अक्षता भारतीय उद्योगपति नारायण मूर्ति की बेटी हैं. अक्षता के गैर प्रवासी दर्जे और अप्रैल में कथित तौर पर कर चोरी के आरोप के जवाब में ऋषि सुनक ने सफाई में कहा था कि वह सभी कर नियमित तौर पर चुकाते आ रहे हैं. अक्षता के प्रवक्ता ने भी कहा था कि ब्रिटेन से होने वाली आय पर अक्षता हमेशा कर अदायगी करती आई हैं और आगे भी करती रहेंगी. पिछले महीने भी अक्षता विवादों में केंद्र में आ गई थीं, जब उन्हें एम्मा लेसी जैसे प्रतिष्ठित रेस्त्रां में मीडिया से जुड़े लोगों को चाय परोसते देखा गया. यहां एक कप चाय की कीमत 38 पौंड से शुरू होती है.
HIGHLIGHTS
- 5 सितंबर को बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी का होना है मतदान
- फिलवक्त ऋषि सुनक के मुकाबले लिज की 90 फीसदी संभावनाएं
- हर गुजरते दिन के साथ लिज की जीत का अंतर बढ़ता ही जा रहा