Ebrahim Raisi Death News: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन 18 मई 2024 यानी रविवार को हेलीकॉप्टर क्रैश में हो गया. उनके काफिले में तीन हेलीकॉप्टर शामिल थे, जिनमें से दो सही सलामत अपनी मंजिल तक पहुंच गए, जबकि रईसी का बेल-212 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसे दशकों साल पुराना बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनका हेलीकॉप्टर 40-50 साल पुराना था. यह चॉपर ईरान ने अमेरिका से खरीदा था. हादसे में राष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग मारे गए. अब सवाल ये उठ रहा है कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी इतने पुराने हेलीकॉप्टर से क्यों उड़ रहे थे और इसका क्या कोई अमेरिकी कनेक्शन है.
अमेरिका निर्मित था रईसी का हेलीकॉप्टर
रईसी जिस बेले हेलीकॉप्टर में सवार थे, वह अमेरिका का बना था. Bell 212 हेलीकॉप्टर वियतनाम युद्ध (1955-75) के दौरान खूब इस्तेमाल हुआ. उस दौरान इसे UH-1N (Twin Huey) कहा जाता था. 1960 में यह हेलीकॉप्टर कनाडा की सेना के लिए बनाया गया था. कनाडाई सेना ने 1971 में सेना ने इसका इस्तेमाल शुरू किया था. बाद में इसे यूटिलिटी हेलीकॉप्टर में बदल दिया गया, जो लोगों को लाने और ले जाने के लिए उपयोग किया जाने लगा. जरूरत पढ़ने पर इस हेलीकॉप्टर से माल की ढुलाई भी की जाती थी.
बाद में इसका नाम बदलकर बेल 212 कर दिया गया. बेल-212 हेलीकॉप्टर को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बेल टेक्स्ट्रॉन ने बनाया है, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका के टेक्सास में है. उस दौर में क्षमता और तकनीकी तौर से लैस इस हेलीकॉप्टर की डिमांड दुनिया भर में बढ़ गई थी. इसी को देखते हुए ईरानी शाह ने भी अपने सैन्य बेड़े में शामिल करने की योजना बनाई. जिसके बाद इसे ईरानी मॉडल को गवरमेंट पैसेंजर कैरी करने के लिए डिजाइन किया गया. इसमें दो टर्बोसाफ्ट इंजन थे. जरूरत पड़ने पर इस हेलीकॉप्टर में हथियार भी लगाए जा सकते हैं.
ईरान ने यूएस से कब खरीदे हेलीकॉप्टर
इब्राहिम रईसी जिस बेल 212 हेलीकॉप्टर में सवार थे. उसे संभवत ईरान के शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासनकाल के दौरान खरीदा गया था. ईरान ने बेल-212 हेलीकॉप्टरों को 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदा गया था. कथित तौर पर ईरान के पास इस तरह के 10 हेलीकॉप्टर्स हैं, जो अभी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति रईसी जिस हेलीकॉप्टर को में सवार थे, वह कितना पुराना था.
तथ्य है कि ईरान पर 1979 की क्रांति से ही विदेशी प्रतिबंध लगे हुए हैं. उसके बाद उसके परमाण कार्यक्रम और तथाकथित ‘प्रतिरोध की धुरी’ को समर्थन देने के कारण देश के लिए विमान के पुर्जे या एन विमान खरीदना मुश्किल हो गया. ईरानी सरकार नए विमान और मौजूदा विमानों के जरूरी पुर्जे नहीं खरीद पा रही थी. इससे ये हेलीकॉप्टर तकनीकी तौर पर अपग्रेड नहीं हो पा रहा था. रईसी जिस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे थे. उसका रखरखाव भी बेहतर नहीं था. इस हेलीकॉप्टर की हालत लगातार खराब हो रही थी.
ईरानी राष्ट्रपति की मौत के लिए अमेरिका पर मढ़ा जा रहा आरोप
प्रतिबंधों के कारण ईरानी एविएशन सेक्टर के कमजोर होने का दर्द ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ के बयान में झलका है. ईरानी के स्टेट टीवी की दिए इंटरव्यू में उन्होंने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के विमानों के पार्ट्स खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे ईरान का एविएशन सेक्टर कमजोर हुआ और रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश होने का यह एक बड़ा कारण है.
प्रतिबंधों का ईरान के एविशन पर असर
प्रतिबंधों के कारण ईरान नए विमान या उपकरण खरीदने से वंचित हो गया, जिसके कारण विमानन दुर्घटनाएं होती रही हैं. 1980, 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में ईरान में विमान दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई.
ईरान की सबसे बड़ी विमानन दुर्घटनाएं
जिनेवा स्थित ब्यूरो ऑफ एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट आर्काइव्स (बी3ए) के अनुसार, 1979 से 2023 के बीच ईरान में विमान दुर्घटनाओं में 2,000 से अधिक लोगों की जान गई है.
21 जनवरी 1980: ईरान एयर का बोइंग 727-100 विमान तेहरान में अल्बोरज़ रेंज में एक पहाड़ की ढलान से टकराया, जिससे उसमें सवार सभी 128 लोगों की मौत हो गई.
3 नवंबर 1986: ईरानी वायु सेना के लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस विमान न्यूनतम सुरक्षित ऊंचाई (1,981 मीटर) 6,500 फीट से नीचे चला गया और फिर विमान सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में एक पहाड़ी ढलान से टकरा गया. विमान में सवार 96 सैनिकों सहित सभी 103 लोगों की मौत हो गई.
13 जुलाई 1988: ईरान एयर के एयरबस A300 को केशम द्वीप पर अमेरिकी नौसेना के क्रूजर यूएसएस विंसेनेस द्वारा दागी गई मिसाइलों से मारा गया, क्योंकि जहाज ने विमान को सैन्य विमान समझ लिया था. दुर्घटना में इसके सभी 290 यात्री मारे गए.
12 फरवरी 2002: ईरान एयरटूर का टुपोलेव टीयू-154 विमान खोरमाबाद में एक पहाड़ी ढलान से टकरा गया, क्योंकि चालक दल को यह एहसास नहीं हुआ कि विमान अपने रास्ते से भटक गया है, जिससे चार स्पेनिश नागरिकों सहित सभी 119 लोगों की मौत हो गई.
19 फरवरी, 2003: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) का इल्यूशिन II-76 विमान उतरते समय केरमान हवाई अड्डे के पास एक पहाड़ से टकरा गया, जिससे विमान में सवार सभी 275 लोग मारे गए.
15 जुलाई 2009: कैस्पियन एयरलाइंस का टुपोलेव टीयू-154 विमान तेजी से नीचे उतरने के बाद कज़्विन में एक खुले मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 168 लोगों की मौत हो गई.
Source : News Nation Bureau