Explainer: क्या धरती पर लौट पाएंगीं सुनीता विलियम्स, अब महीनों का इंतजार क्यों? जानें- NASA का नया प्लान!

भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अभी अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. उनकी वापसी को महीनों का इतंजार करना पड़ा सकता है, क्योंकि नासा मिशन की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रहा है. क्या धरती पर लौट पाएंगीं सुनीता विलियम्स?

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Ajay Bhartia
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Sunita Williams

सुनीता विलियम्स( Photo Credit : News Nation)

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Sunita williams stuck in space: भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अभी अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. उनकी वापसी को महीनों का इतंजार करना पड़ा सकता है, क्योंकि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा मिशन की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रहा है. सुनीता विलियम्स 5 जून को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुल विल्मोर के साथ एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष गई थीं. उन्हें 13 जून को अंतरिक्ष से लौटना था. लेकिन आज 29 जून हो चुकी है, सुनीता विलियम्स 16 दिन से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसी हुई हैं. बीतते दिनों के साथ उनकी वापसी को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. कई सवाल उठ रहे हैं. क्या धरती पर लौट पाएंगीं सुनीता विलियम्स, उनकी वापसी के लिए महीनों का इंतजार क्यों और नासा का प्लान क्या है.

महीनों टल सकती है वापसी

NASA ने फिर एक बार सुनीता विलियम्स की वापसी टाल दी है. इससे पहले 26 जून को उनकी वापसी होनी थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब खबरें आ रही हैं कि सुनीता विलियम्स के साथ बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राप्ट के अंतरिक्ष में लौटने के लिए महीनों तक का इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि नासा मिशन की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रहा है. उनके स्पेसक्राफ्ट स्टारलाइनर में हीलियम लीक के कारण ऐसा हो रहा है. एक इंग्लिश न्यूज वेबसाइट के अनुसार, नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी स्टारलाइनर के मिशन की अवधि को 45 दिनों से बढ़ाकर 90 दिन करने पर विचार कर रही है

सुनीता की वापसी के लिए प्रार्थनाएं

गुजरात के मेहसाणा में सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए प्रार्थनाएं की जा रही है. मेहसाणा के जिलासन गांव में सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से सकुशल वापसी के लिए लोग दुआएं मांग रहे हैं. गांव के लोगों ने डोला माताजी के मंदिर में प्रार्थनाओं का दौर शुरू कर दिया है. दरअसल सुनीता के पिता इसी गांव के रहने वाले थे, इसलिए गांव के लोग अपनी बेटी की सकुशल वापसी के लिए खास अनुष्ठान कर रहे हैं. सुनीता के पिता भारतीय और मां स्लोवेनियाई मूल की हैं. सुनीता के पिता दीपक पांड्या गुजरात के मेहसाणा के ही रहने वाले थे. 1958 में दीपक पांड्या अहमदाबाद से अमेरिका जाकर बस गए थे.

लॉन्च से पहले स्पेसक्राफ्ट में हुआ रिसाव?

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारलाइनर को लॉन्च के लिए सुरक्षित मानने के बावजूद नासा और बोइंग दोनों को इसके रिसाव के बारे में जानकारी थी. फिर भी उन्होंने इसे मिशन को खतरे में डालने के लिए इसे बेहद छोटा माना था. हालांकि अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद इसमें चार लीक देखे गए, जिस कारण अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी फंसी हुई है. इनकी वापसी 13 जून को होनी थी, जो अभी तक नहीं हो पाई है.

स्पेस क्यों गई थीं सुनीता विलियम्स?

बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की टेस्टिंग के लिए सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को अंतरिक्ष में रवाना हुए थे. स्टारलाइनर नासा के वाणिज्य क्रू कार्यक्रम के पहले चालक दल मिशन को ले गया. मिशन का उद्देश्य लॉन्चिंग से लेकर ISS से जुड़ने तक स्टारलाइनर की क्षमताओं का परीक्षण करना और फिर धरती पर वापसी था. चालक दल लॉन्चिंग के बाद सफलतापूर्वक ISS पर पहुंच गया, लेकिन उनकी वापसी अब मुश्किल में फंस गई है.

सुनीता की वापसी के लिए NASA का प्लान

नासा और बोइंग सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. स्पेसक्राफ्ट में आई दिक्कतों को दूर करने के लिए इंजीनियर रात-दिन मेहनत कर रहे हैं. मूल रूप से ये मिशन नौ दिन का होना था. विलियम्स और विल्मोर 13 जून को धरती पर वापस लौटने वाले थे. लेकिन अंतरिक्ष यान में हीलियम लीक और थ्रस्टर में खराबी की शिकायत आ गई. इसके साथ ही स्टारलाइनर में कई अन्य तकनीकी समस्याएं भी आ गईं. इस कारण उनकी वापसी की तारीख लगातार बढ़ाई जाती रही.

फिलहाल बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान ISS से जुड़ा है और लंबे समय तक इससे जुड़ा रहने की क्षमता रखता है. नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम मैनेजर स्टीव स्टिच के मुताबिक, समान्य परिस्थिति में स्टारलाइनर 45 दिनों तक ISS से जुड़ा रह सकता है. जरूरी हुआ तो इसकी अवधि 72 दिनों के लिए बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल नासा और बोइंग की टीम स्टारलाइनर के सामने आने वाली चुनौतियों को ठीक करने में लगी हैं. कई हीलियम लीक और थ्रस्टर में खराबी समस्या को सही करने की कोशिश है. इंजीनियर मूल कारणों को समझने और अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए सबसे सुरक्षित कार्रवाई का तरीका निर्धारित करने के लिए परीक्षण और सिमुलेशन कर रहे हैं.

स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की ये पहली मानवयुक्त उड़ान है. वैसे तो अंतरिक्ष यात्रा हमेशा से ही खतरों से भरी रही है, लेकिन इस मिशन ने तो बोईंग के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. ये नहीं कहा जा सकता कि हमारे एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष स्टेशन पर खतरे में हैं? क्योंकि 365 फीट लंबे स्पेस स्टेशन में पर्याप्त जगह है, जहां पर सुनीता विलियम्स आराम से और सुरक्षित रह सकती हैं. सुनीता और बुच विल्मोर सिर्फ दो हफ्तों से वहां है, जबकि अमेरिकी एस्ट्रोनॉट् पेगी व्हिटसन ने स्पेस स्टेशन पर 665 दिन बिताए थे.

अगर स्पेसक्राफ्ट में कोई दिक्कत होती है तो उसे किसी भी समय धरती पर वापस भेजा जा सकता है. इसके अलावा स्पेस स्टेशन एक बार में आठ स्पेसक्राफ्ट को डॉक कर सकता है. यानी यहां पर किसी भी समय नया स्पेसक्राफ्ट अटैच करने की संभावना रहती है. नासा का दावा है कि स्पेसक्राफ्ट से ज्यादा परेशानी नहीं है. स्टारलाइनर किसी भी वक्त धरती पर वापस आ सकता है, लेकिन एस्ट्रोनॉट्स को घर लाने की कोई जल्दी नहीं है. जांच-पड़ताल की जा रही है और समस्याएं दूर करने की कोशिश की जा रही है, ताकि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके.

Source : News Nation Bureau

Sunita Williams NASA Boeing Starliner Mission
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