China drills around Taiwan: ताइवान के चारों ओर चीन के युद्धाभ्यास से जबरदस्त तनाव हैं. रूस-यूक्रेन और इजरायल-फिलिस्तीन के बाद अब क्या चीन ताइवान के बीच युद्ध होने वाला है, क्योंकि चीन के दुस्साहस के बाद ड्रैगन को जवाब देने के लिए ताइवानी राष्ट्रपति लाई चिंग-ते वॉररूम में मोर्च संभाले हुए हैं. चीन ने गुरुवार को ताइवान के चारों ओर अपने सैन्य बेड़े को युद्धाभ्यास के लिए रवाना किया था. चीन का कहना है कि ताइवान के चारों ओर चल रहे अभ्यास से स्वशासित द्वीप पर अधिकार करने की सैन्य क्षमता का परीक्षण करना है. ऐसे में सवाल उठता है कि चीन-ताइवान टकराव से क्या तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने वाला है. ऐसे में हिंदुस्तान क्या करेगा.
ताइवानी राष्ट्रपति की चीन को चेतावनी
हाल ही में चीन विरोधी नेता लाई चिंग-ते ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. उन्होंने अपने भाषण में चीन को जमकर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि चीन अब ताइवान को धमकाना बंद कर दे. ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) में शांति बनाए रखने की बात कही थी और ताइवान में लोकतंत्र की रक्षा करने की कसम खाई.
#UPDATE Beijing says ongoing drills encircling Taiwan are testing the military's ability to seize power over the self-ruled island.
China's military kicked off the war games Thursday, while vowing the blood of "independence forces" in Taiwan will flowhttps://t.co/1lifmdGXGK pic.twitter.com/Wz6BEylYL8
— AFP News Agency (@AFP) May 24, 2024
चिंग-ते की वॉर्निंग से बौखला गया चीन
ताइवानी राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की चेतावनी से चीन बौखला गया. उसने चीन ताइवान को घेरकर युद्भाभ्यास को शुरू किया. इसे 'दंड अभ्यास' भी कहा गया है. चीन ने धमकाते हुए कहा कि ताइवान के अलगाववादियों को सजा देंगे उनका खून बहा दिया जाएगा. चीन ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा ताइवान द्वीप के आसपास किए जा रहे सैन्य अभ्यास ताइवान क्षेत्र के नेता के भड़काऊ बयानों की कड़ी सजा है. चीनी की समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ट्वीट कर उस जगह के नक्शे को दिखाया है, जहां पर चीनी सेना युद्धाभ्यास कर रही है.
The ongoing military drills conducted by the People's Liberation Army (PLA) around Taiwan Island serve as a resolute punishment of the provocative statements by the leader of the Taiwan region, a mainland spokesperson said. https://t.co/9y6KxQPiFR pic.twitter.com/ulpV2wMLmU
— China Xinhua News (@XHNews) May 23, 2024
चीन ने ताइवान के चारों उतारे ये हथियार
चीन का ताइवान के चारों ओर उसका युद्धाभ्यास गंभीर चेतावनी देना है. दो दिन तक चलने वाले इस युद्भाभ्यास को 'जॉइंट स्वॉर्ड-2024A' नाम दिया गया है, जिसके तहत चीन ताइवान के आसपास के किनमेन, मात्यु, वुकिउ और डोंगयिन द्वीपों में भी युद्धाभ्यास किया जा रहा है. इस सैन्य अभ्यास में चीन ने अपने फाइटर प्लेन और नौसेना के कई युद्धपोत उतार दिए हैं.
The Eastern Theater Command of the Chinese People's Liberation Army (PLA) are conducting joint military drills surrounding the island of Taiwan from Thursday to Friday. pic.twitter.com/GvtwDJCJA1
— China Xinhua News (@XHNews) May 23, 2024
ऐसे में चीन की ये हिमाकत कई सवालों को जन्म दे रही है. जैसे- क्या ये चीन की ताइवान को धमकी है या फिर उसकी बौखलाहट है या फिर विस्तारवादी सोच को आगे बढ़ाने की साजिश है.
वॉररूम में बैठे ताइवानी राष्ट्रपति, खोला मोर्चा
ताइवानी राष्ट्रपति जिंग लाई-ते चीन की धमकियों से डरने वाले नहीं है. वह वॉररूम में बैठकर लगातार ड्रैगन की हर हरकत पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. उन्होंने अपनी सेना को अलर्ट पर रखा है. घातक हथियारों से लैस अपने लड़ाकू विमानों को सीमा पर तैनात कर दिया है. वहीं, ताइवान के रक्षा मंत्री कह चुके हैं कि उनकी सेना पूरी तरह से तैयार है. ताइवान चीन के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है. अगर चीन पहले हमला करता है तो हम अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं.
VIDEO: Taiwan's President Lai Ching-te vows to "defend the values of freedom and democracy" as China conducts military drills around the island days after his inauguration. pic.twitter.com/11ulAxT18T
— AFP News Agency (@AFP) May 23, 2024
चीन का ताइवान से क्या है विवाद?
चीन और ताइवान के बीच विवाद सालों से चला आ रहा है. असल में चीन ताइवान को अपना मानता है, लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है. ऐसे में चीन की विस्तारवादी सोच उसे समय-समय पर ताइवान पर कब्जा करने के लिए उकसाती रहती है. चीन को यह भी लगता है कि ताइवान को स्वतंत्र होना उसके लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टि से घातक साबित हो सकता है. दरअसल, बीते कुछ सालों से ताइवान ने अमेरिका और भारत समेत कई मुल्कों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाईं हैं.
ताइवान की US नजदीकी से परेशान चीन
चीन के बौखलाने की वजह ताइवान और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती है. चीन को ताइवान और अमेरिका की नजदीकियां लगातार परेशान कर रही हैं. ताइवान खुद को आज़ाद मुल्क बताता है तो वही चीन का कहना है कि वो उसका हिस्सा है. चीन ताइवान के अस्तित्व को शुरू से ही नकारता है. वो हर हाल में उसके एकीकरण का सपना देखता है. हालांकि, अमेरिका ताइवान को एक अलग देश के रूप में नहीं देखता है, लेकिन वह चीन के रूख को भी नहीं मानता है.
जब अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी ताइवान दौरे पर आई थीं, तब उन्होंने कहा था कि अमेरिका ताइवान के साथ खड़ा है. उन्होंने ताइवान को अच्छा दोस्त बताया है. उनसे पहले मई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी खुलेआम कहा था की अगर चीन हमला करता है तो अमेरिका ताइवान से जरूर साथ खड़ा होगा. ताइवान को मदद जरूर करेगा.
ऐसे में क्या करेगा हिंदुस्तान?
ताइवान को भी लगता है की उसके पीछे अमेरिका खड़ा है, इसलिए ताइवान पर हमले का मतलब है- अमेरिका और चीन के बीच में जंग होनी. ऐसे में जंग होती है तो वह कई दिशाओं में फैल जाएगी. ऐसे में ताइवान से जंग तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक दे सकता है. सवाल ये भी है कि अगर जंग हुई तो भारत को क्या नुकसान होगा और वह क्या करेगा. भारत अच्छी तरह जानता है कि अगर युद्ध होगा तो उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से डगमगा जाएगी. ऐसे में वह नहीं चाहेगा कि चीन और ताइवान के बीच ऐसी कोई जंग हो.
Source : News Nation Bureau