समग्र विश्व हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाता है. एड्स रोगियों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ यह एचआईवी (HIV) पॉजिटिव लोगों को समर्थन प्रदर्शित करने के लिए भी आयोजित किया जाता है. प्रारंभिक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस के रूप में विश्व एड्स दिवस 1988 में बनाया गया था. एचआईवी परीक्षण, रोकथाम और देखभाल तक पहुंच को सीमित करने वाले अंतराल और असमानताओं को खत्म करने के लिए विश्व एड्स दिवस वैश्विक स्तर पर एचआईवी ग्रस्त लोगों को एक साथ जोड़ने का काम भी करता है. हर साल संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से जुड़े संगठन, सरकारें और सिविल सोसाइटी से जुड़ी संस्थाएं एचआईवी से संबंधित कुछ विषयों पर आधारित अभियानों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं. ऐसे में इस दिन के महत्व और इस वर्ष के विषय को समझना बेहतर रहेगा.
विश्व एड्स दिवस 2022: जाने इसका इतिहास
सबसे पहले 1987 में विश्व एड्स दिवस का विचार पेश किया गया. यह दिन स्थानीय और राज्य सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी नागरिकों के बीच एड्स और एचआईवी के बारे में संपर्क को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. जेनेवा स्विट्जरलैंड स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो सूचना अधिकारी जेम्स डब्ल्यू बन्न और थॉमस नेट्टर इसका विचार लेकर आए थे. 1996 से इसे यूएनएड्स (एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम) द्वारा समन्वित और प्रचारित किया जा रहा है. फिर 30 नवंबर 2017 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस घोषित किया.
विश्व एड्स दिवस 2022: जाने इस साल की थीम
इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम 'इक्वलाइज' है. यूएनएड्स की राय में इसका तात्पर्य यह है कि सभी को उन अन्यायों को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए, जो एड्स उन्मूलन के प्रयास को बाधित कर रहे हैं. इस वर्ष के लिए चुना गया विषय एड्स से जुड़ी चिंताओं की लंबी कतार में सबसे नया है.
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विश्व एड्स दिवस का जानें महत्व
2021 के अंत तक दुनिया भर में 38.4 मिलियन से अधिक एचआईवी पॉजिटिव लोग थे. इनमें से 25.6 मिलियन अफ्रीकी देशों से थे. यूके में हर साल 4,139 से अधिक लोग एचआईवी संक्रमित पाए जाते हैं. दुर्भाग्य से इससे ग्रस्त लोगों और बीमारी को लेकर पूर्वाग्रह और लांछन में रत्ती भर भी कमी नहीं आई है. ऐसे में विश्व एड्स दिवस की महत्ता बढ़ जाती है क्योंकि यह आमजन और सरकार को याद दिलाता है कि एड्स एक गंभीर मसला है, जिसके तत्काल धन, शिक्षा, भेदभाव के उन्मूलन और बेहतर शैक्षिक अवसरों की जरूरत है.
HIGHLIGHTS
- सबसे पहले 1987 में विश्व एड्स दिवस का विचार पेश किया गया
- AIDS बीमारी और पीड़ितों को लेकर पूर्वाग्रह में नहीं आई कमी
- इस वर्ष विश्व एड्स दिवस की थीम 'इक्वलाइज' है