Suresh Kumar-SushmaScandal: सुरेश कुमार और सुषमा रानी मामले को आजाद भारत की राजनीति का पहला सेक्स स्कैंडल कहा जाता है. सियासत, साजिश, और सेक्स की परतों में लिपटी हुई इस स्कैंडल की कहानी ऐसी है, जिसने 1978 में देश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. उस समय बाबू जग जीवन राम जनता पार्टी से देश के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री हुआ करते थे. तत्कालीन परिस्थिति में उनके प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना थी, लेकिन उनके बेटे की कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद वो पीएम बनने-बनने रह गए.
…तो ऐसा क्या था उन तस्वीरों?
उन तस्वीरों वो सब कैद था, जिसने दलितों के मसीहा कहे जाने वाले जगजीवन राम के राजनीतिक करियर ही नहीं बल्कि सालों में कमाई उनकी साख पर भी बट्टा लगा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन तस्वीरों में जगजीवन राम के बेटे सुरेश कुमार एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आते हैं, वो युवती दिल्ली यूनिवर्सिटी के सत्यवती कॉलेज की एक स्टूडेंट थी, जिसका नाम सुषमा रानी बताया गया. ये न्यूड तस्वीरें उत्तर प्रदेश के एक गांव में ली गई थीं. स्कैंडल के बाद सुरेश ने सुषमा से शादी कर ली थी, लेकिन उनकी मौत के बाद परिवार ने सुषमा को अपनाया नहीं.
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…तो स्कैंडल के पीछे थी साजिश?
हालांकि, मामले पर सुरेश कुमार ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया. उसके खुलासे ने मामले में साजिश होने की आशंकाओं को जन्म दिया. सुरेश कुमार ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि उसे और उसकी गर्लफ्रेंड को किडनैप कर लिया गया था और फिर बंदूक की नोंक पर दोनों की आपत्तिजनक तस्वीरें खीचीं गईं. उसने अपहरणकर्ताओं में शामिल एक शख्स की पहचान ओम पाल के रूप में बताई. इसके बाद पुलिस तस्वीरों की तलाश में जुट जाती है.
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ओमपाल को किया गया अरेस्ट
मामले में कुछ समय बाद अखिल भारतीय किसान सम्मेलन का ऑफिस संभालने वाले ओम पाल सिंह की गिरफ्तार हुई. ये वही ओमपाल सिंह था, जिसका जिक्र सुरेश कुमार ने एफआईआर में किया था. साथ ही पुलिस ने युवा जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी केसी त्यागी को भी अरेस्ट किया गया. हालांकि, चौधरी चरण सिंह के खेमे के नेता राज नारायण सिंह ने इन गिरफ्तारियों का विरोध किया.
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तस्वीरों का आखिर सच क्या था?
राज नारायण ने बताया कि ये तस्वीरें ओम पाल के हाथ उस वक्त लगी थीं जब वो सुरेश से सिगरेट पीने के लिए मांगता है. सिगरेट का पैकेट निकालते वक्त ये तस्वीरें सुरेश की जेब से नीचे गिर जाती हैं, जिन्हें ओम पाल उठा लेता है. पैसों का लालच दिए जाने पर भी वो तस्वीरें सुरेश कुमार को वापस नहीं देता है. लेकिन सच क्या था, वो जो सुरेश कुमार ने एफआईआर में बताया या फिर वो जो राज नारायण कह रहे थे.
किसने छापीं दी थीं वो तस्वीरें…
बाद में सुरेश कुमार और सुषमा रानी की सभी आपत्तिजनक तस्वीरों को ‘सूर्या’ मैगजीन ने छाप दिया. तब इस मैगजीन की एडिटर इंदिरा गांधी की बहू और संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी हुआ करती थीं. बताया जाता है कि सत्ता से बाहर इंदिरा गांधी को उनके बेटे संजय गांधी ने आधी रात को जगाया और उनको सुरेश कुमार की सभी तस्वीरों के बारे में बताया. इसके बाद इन तस्वीरों को मैगजीन में छापा गया था. संजय गांधी ने इस मैगजीन को बड़े पैमाने पर डिस्ट्रीब्यूट करने के ऑपरेशन का जिम्मा उठाया. आखिरकार इस पूरे घटनाक्रम ने जगजीवन राम के देश के पहले दलित प्रधानमंत्री बनने की संभावना को पूरी तरह से खत्म कर दिया.
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