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INS अरिघात सबमरीन बनकर तैयार, ताकतवर इतनी कि समंदर में चीन के छूट जाएंगे पसीने, कल नेवी को मिलेगी!

INS Arighat Submarine: भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात बनकर तैयार है. इसे कल यानी गुरुवार को इंडियन नेवी को सौंपा जा सकता है. आइए जानते हैं कि आईएनएस अरिघात पनडुब्बी की क्या खासियतें हैं.

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Ajay Bhartia
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INS Arighat Submarine News

कितनी ताकतवर आईएनएस अरिघात (Image: X/@IndoPac_Info)

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INS Arighat Submarine: देश की सैन्य ताकत में और इजाफा हुआ है. भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात बनकर तैयार है. इसे कल यानी गुरुवार को इंडियन नेवी को सौंपा जा सकता है. ये सबमरीन इतनी ताकतवर है कि समंदर में चीन के पसीने छूट जाएंगे. न्यूक्लियर पावर से लैस ये सबमरीन समंदर में ड्रैगन के नापाक इरादों पर पानी फेर देगी. अरिघात एक संस्कृति शब्द है, जिसका अर्थ ‘दुश्मनों का नाश करने वाला’ होता है. आइए जानते हैं कि आईएनएस अरिघात पनडुब्बी की क्या खासियतें हैं.

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नेवी को मिलेगी नई ताकत

आईएनएस अरिघात सबमरीन के भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने से समंदर में उसे नई ताकत मिलेगी. अरिघात को साल 2017 में लॉन्च किया गया था. इसके बाद इसकी टेस्टिंग जारी रही. अब फाइनली इसे कमीशन किया जाएगा. इसे विशाखापटनम में भारतीय नौसेना के शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया गया है. INS सबमरीन अरिघात कितनी ताकतवर है. आइए इस बारे में जानते हैं:- 

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INS अरिघात सबमरीन की खासियतें (INS Arighat Features)

  • INS अरिघात पनडुब्बी अरिहंत क्लास की स्वदेश निर्मित दूसरी न्यूक्लेयर सबमरीन है, जो इंडियन नेवी में पहले से शामिल आईएनएस अरिहंत पनडुब्बी का अपग्रेडेड वर्जन है. आईएनएस अरहिंत को साल 2009 में शामिल किया गया था. 

  • अरिघात 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से लैस होगी, जिनके हमले से दुश्मनों देशों के पसीने छूट जाएंगे.

  • INS अरिघात पनडुब्बी का वजन 6 हजार टन (60 हजार क्विंटल) है. इसकी लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर, गहराई (ड्राफ्ट) 9.5 मीटर है.

  • पानी के अंदर इस सबमरीन की स्पीड 24 समुद्री मील प्रति घंटा होगी जबकि पानी की सतह के ऊपर इस पनडुब्बी की स्पीड 12 से 15 समुद्री मील प्रति घंटा होगी.

  • INS अरिघात सबमरीन परमाणु ऊर्जा से चलती है, जो समुद्र के अंदर मिसाइल अटैक करने में सक्षम है.

  • नेवी को ये सबमरीन मिलने से भारत की समंदर में किसी भी युद्ध के हालात में रणनीति बनाने में सफलता मिलेगा.  

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जल्द मिलेगी तीसरी सबमरीन  

अरिघात के बेड़े में शामिल होने के साथ ही भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन जाएगा. भारत तीसरी और ताकतवर सबमरीन के निर्माण पर काम कर रहा है, जिसकी टेस्टिंग अभी जारी है. उम्मीदें जताई जा रही हैं कि साल 2035-36 तक दो और पनडुब्बियां तैयार हो जाएंगी. ये सभी पनडुब्बियां न्यूक्लेयर पॉवर से लैस होंगी. इन पनडुब्बियों के नेवी को मिलने के बाद दुश्मन देश भारत पर हमला करने से पहले सौ दफा सोचेगा.

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